कौशाम्बी,
5 हजार लोगों के ब्लड सैम्पल से पता लगाएंगे फाइलेरिया का संक्रमण, जिले के 16 स्थानों पर आज रात में चलाया जायेगा नाइट ब्लड सर्वे अभियान,
यूपी के कौशाम्बी जिले में फाइलेरिया के संक्रमण की स्थिति का पता लगाने के लिए 16 स्थानों पर नाइट ब्लड सर्वे अभियान शुक्रवार से प्रारम्भ कर 26 जुलाई तक चलाया जायेगा | इसके तहत 5000 लोगों के ब्लड सैम्पल लिए जाएंगे । यह सैम्पल रात में आठ बजे से लेकर 12 बजे के बीच लिए जा रहे हैं। इनकी जांच 31 जुलाई के बाद की जाएगी । इस अभियान के दौरान मिलने वाले नये फाइलेरिया मरीजों को सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली से जोड़ने के साथ साथ पूरे जनपद को इस लाइलाज बीमारी से बचाने के लिए 10 से 28 अगस्त तक बचाव की दवा भी खिलाई जाएगी ।
जिला मलेरिया अधिकारी अनुपमा मिश्रा ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुष्पेंद्र ने पत्र जारी कर नाइट ब्लड सर्वे के बारे में विस्तृत दिशा निर्देश दिये हैं । इन्हीं के क्रम में 64 सदस्यों की 16 टीम की मदद से यह सर्वे शुरू किया जायेगा जो 26 जुलाई तक चलेगा ।
उन्होंने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे के बाद जो नये फाइलेरिया मरीज मिलेंगे उनकी बीमारी को नियंत्रित करने में सरकारी प्रावधानों के अनुसार हर प्रकार की मदद की जाएगी । उन्होंने बताया कि ऐसे मरीज जो कि गंभीर अवस्था में पहुच चुके हैं उनको सूचीबद्ध कर हाइड्रोसील के मरीजों की सर्जरी करवाई जाएगी तथा हाथीपांव के मरीजों को एमएमडीपी किट दी जाएगी । किट के साथ साथ मरीजों को रोग प्रबन्धन की जानकारी दी जाएगी और व्यायाम का तरीका भी बताया जाएगा ताकि उनका रोग नियंत्रित रहे । हाथीपांव पूरी तरह से ठीक नहीं होता है लेकिन प्रबंधन और व्यायाम से इसे गंभीर होने से रोका जा सकता है । मरीज को आराम के लिए आवश्यकतानुसार दवाएं भी दी जाती हैं ।
कारा ब्लॉक के मीरापुर गांव की आशा कार्यकर्ता श्यामा देवी बताती हैं कि नाईट ब्लड सर्वे की जानकारी पूरे गांव में घर घर जाकर कर दी गयी है। जाँच शुरू होने के बाद भी गांव में भ्रमण कर लोगों को शिविर तक लाने की जिम्मेदारी दी गयी है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जाँच की जा सके।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2022 में जनपद में 4000 लोगों के ब्लड की रात में जांच की गयी थी जिनमें से ग्यारह नये फाइलेरिया रोगी मिले थे। यह बीमारी मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होती है । इससे बचाव के लिए पांच साल तक लगातार साल में एक बार सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता के सामने बचाव की दवा खाना अनिवार्य है । यह दवा दो वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों (गर्भवती और अति गंभीर बीमार लोगों को छोड़ कर) को खानी है । इस बार एक से दो साल तक के बच्चों को भी पेट के कीड़े मारने की दवा खिलाई जाएगी। दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना है ।