कौशाम्बी,
सर्पदंश प्रबंधन (क्या करें, क्या ना करें),जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण कौशाम्बी द्वारा जनहित मे जारी,
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारत सरकार, नई दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण, लखनऊ के माध्यम से भारत और उत्तर प्रदेश में घटित सर्पदंश की घटनाएं प्रायः बढ़ने के दृष्टिगत उससे होने वाले नुकसान और बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की गई है।
भारत में अन्य राष्ट्रों यथा-आस्ट्रेलिया व अमेरिका में विषैले सर्पों की प्रतिशतता 65-85 प्रतिशत आंकी गयी है, जबकि विषहीन सर्प की प्रविशता 15-35 प्रतिशत है, जिसके सापेक्ष मरने वाले की संख्या प्रव्येक वर्ष 0 से 10 व्यक्तियों की है, परन्तु भारत में विषैले सर्प मात्र 15 प्रतिशत ही है, जिसके सापेक्ष भारत मे प्रत्येक वर्ष लगभग 45-46 हजार मृत्यु सर्पदंश से होती है, जिसका प्रमुख कारण लोगो में जागरूकता का अभाव व समय से ईलाज न कराने के वजाय झाड़-फूक आदि पर ज्यादा विश्वास करने से होती है। जिला आपदा विशेषज्ञ ददन कुमार द्वारा विस्तृत रूप से बताया गया जो निम्नवत है
सर्प के काटने पर तुरन्त क्या करेंः-
काटे गये जगह को साबून व पानी से घोयें,
दांत के निसान की जॉच करें कहीं जहरीले सर्प के काटने का दो दंत का निशान तो नही,
काटे हुए अंग को हृदय के लेवल से नीचे रखें,
सर्पदंश वाले अंग को फिक्स करें,
बैंडेज घाव पर और उसके उपर लगाये,
घायल व्यक्ति को सांत्वना दे,
घबराहट से हृदय गति तेज चलने से रक्त संचरण तेज हो जायेंगा और जहर सारे शरीर में जल्द फैल जयेगा, तुरंत अस्पाताल लें जाएॅ,
यदि जहरीले सर्प ने काटा है तो ।छज्प्ट।छव्ड ैछ।ज्ञम।टै का इजेक्शन डाक्टर से लगवाएं।
क्या न करें-
बर्फ अथवा अन्य गर्म पदार्थ का इस्तेमाल काटे गये स्थान पर न करें,
सर्प से प्रभावित व्यक्ति के कटे स्थान पर टुर्निकेट न बॉधे,
इससे सम्बन्धित अंग में रक्त प्रवाह पूरी तरह रूक सकता है एवं उस अंग की क्षति हो सकती है,
काटे गये स्थल पर चीरा न लगाए, यह आगे नुकसान पहुॅचाता है, घायल को चलने से रोकें, शराब/नींद आने की कोई दवा नहीं दें, मुंह से कटे हुये स्थान को न चुसें, मंत्र या तांत्रिक के झांसे में न आये, भय एवं चिन्ता न करें सभी सॉप जहरीले नहीं होते है।
सभी जहरीले सॉपों के पास हर समय पूरा जहर नही होता अगर पूरा जहर हो तो भी वो इसका पजींस लिथल डोज हमेशा नहीं प्रवेश करा पातें है।
सॉप के काटने के उपरान्त काटने के निशान की जॉच करें।
जॉच करें कि जहरीले या विषहीन सॉप ने काटा है।
सॉप के विष के अनुसार एंटी वेनम (इंजेक्शन) लगवाया जाय।
नोट-विषहीन सॉप के काटने से भी घाव के आसपास सुजन और खुजलाहट होती है-
जहरीले सर्प के काटने पर लक्षण-
स्पैक्टेक्लैड कोबरा-
रूधितंत्र पर असर करने वाला जहर
काटे गये जगह पर दर्द
नींद आना
सांस लेने में परेशानी
बंद होती पलकें
नेक्रोसिस (शरीर के कोषिकाओं की मृत्यु)
पक्षाघात
मुॅह परा झाग का आना
निगलने में परेशानी
कामन करैत-
रूधितंत्र पर असर करने वाला जहर
नींद आना
सांस लेने में परेशानी
बंद होती पलकें
निगलने में परेशानी पक्षाघात
जी मिचलाना
पेट में अत्यधिक दर्द
स्केल्ड वाइपर-
उत्तक को नष्ट करने वाला जहर
काटे गये स्थान पर जलन एवं दर्द।
पीठ के निचले भाग एवं लोइन (पसली एवं कमर के हड्डी के बीच वाली जगह पर दर्द)
मानसिक क्षति के कारण आन्तरिक कोषिकाओं एवं वाह्य कोषिकाओं में रक्तस्राव।
अत्यधिक सूजन।
काटे गये स्थान पर तेजी से जलन।
अत्यधिक नेक्रोसिस (शरीर के कोषिकाओं की मृत्यु)
दो कारणों से सॉप काटते है-
आहार (भोजन) के लिये’
भय और आत्मरक्षा के लिये (करैत के द्वारा बिस्तर पर भी काटने की घटना होती है)
सॉप को दूर रखने के तरीके-
सॉप के बील में कार्बोलिक एसिड डाल दें, उसके गंध से सॉप दूर हो जाते है।
मुर्गी के चूजे और चूहे को घरों से दूर रखें।
सर्पदंस के बारे में जानकारी ही बचाव है।








