‘म्यूजिक फॉर चेंज’ पहल के तहत पहली बार भारत में बाल विवाह के खात्मे के लिए सुरीले सुरों को बनाया गया औजार

चित्रकूट,

‘म्यूजिक फॉर चेंज’ पहल के तहत पहली बार भारत में बाल विवाह के खात्मे के लिए सुरीले सुरों को बनाया गया औजार,

अपनी तरह के पहले और सबसे बड़े अभियान में पहली बार भारत के कोने कोने में विभिन्न भाषाओं और विविध बोलियों में गांव-देहात के अनगढ़ कलाकार संगीत के माध्यम से बाल विवाह के खिलाफ साझा सुर में आवाज उठाएंगे। संगीत के जरिए संदेश की इसी कड़ी में ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान के तहत देश के विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के साथ ‘म्यूजिक फॉर चेंज’ पहल के हिस्से के रूप में गैरसरकारी संगठन जन कल्याण शिक्षण प्रसार समिति, कौशाम्बी अपना एक गाना रिकार्ड किया।

यह अभिनव पहल ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान का हिस्सा है जिसके बाद पूरे देश में बाल विवाह के खिलाफ एक मूक लेकिन ताकतवर क्रांति की चिनगारी दावानल की तरह फैल रही है। ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ देश भर के तमाम गैर सरकारी संगठनों की एक साझा पहल है। महिलाओं की अगुआई में इस अनूठे जमीनी अभियान का लक्ष्य 2030 तक भारत को बाल विवाह मुक्त बनाना है।

‘म्यूजिक फॉर चेंज’ जैसी अभिनव पहल में महिलाओं की बढ़-चढ़ कर भागीदारी यह दिखाती है कि अब उन्होंने तय कर लिया है कि कानूनी तौर पर अपराध होने के बावजूद बाल विवाह का चलन भले से हो लेकिन वे अब इस सामाजिक बुराई का हिस्सा नहीं बनेंगी। दूरदराज के गांवों में आधी आबादी की आवाज घूंघट और रिवाजों की ओट में दबा दी गई हो लेकिन अब वे गानों के जरिए यह बता रही हैं कि वे

अपने बच्चों का जीवन बाल विवाह से बर्बाद नहीं होने देंगी। आदिवासी इलाकों की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से लेकर किशोरों और बाल विवाह की शिकार महिलाएं आगे बढ़ कर इस पहल में शामिल होकर सिर्फ बातों से ही नहीं बल्कि संगीत के जरिए अपने प्रतिरोध को स्वर दे रहे हैं।

‘म्यूजिक फॉर चेंज’ पहल में केएससीएफ ने बाल विवाह के खिलाफ काम कर रहे देश के सभी सहयोगी गैर सरकारी संगठनों को नमूने के तौर पर एक गाना बना कर दिया था और उन्हें 3 अक्टूबर तक अपनी भाषा या बोली में अपने गा रिकॉर्ड करके भेजने को कहा था। इन संगठनों को यह आजादी दी गई थी कि वे स्थानीय परिवेश के हिसाब से गाने के बोल में बदलाव कर सकते हैं।

गैर सरकारी संगठन जन कल्याण शिक्षण प्रसार समिति के निदेशक श्री शंकर दयाल मिश्र ने कहा कि हम सांस्कृतिक विविधताओं से भरे देश हैं जहां सबकी भाषा, बोली, रीतिरिवाज, सांस्कृतिक परिवेश और सोचने के तरीके अलग हैं। इसलिए हम सभी संगीत के जरिए अपने गानों में देश को बाल विवाह से मुक्त करने का संदेश दे रहे हैं लेकिन हम सभी इसे अपनी विशिष्ट शैली में कर रहे हैं। संगीत सबको जोड़ता है और संगीत के जरिए लोगों तक पहुंचा संदेश सबसे प्रभावी होता है। हम लोगों को बाल विवाह के कानूनी और नैतिक दुष्परिणामों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैला रहे हैं। और अपनी बात लोगों तक स्पष्ट रूप से पहुंचाने के सबसे प्रभावी माध्यम के रूप में संगीत का इस्तेमाल कर रहे हैं।

मूल रूप से गाने के बोल सभी से बाल विवाह के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने का आह्वान करते हुए कहते हैं कि आपके पास जो भी है, उसे ही बाल विवाह के खात्मे का औजार बना ले।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor