कौशाम्बी,
अधिकारियों को दिया गया उ0प्र0 जनहित गारण्टी अधिनियम एवं सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के मुख्य प्राविधानों के विषय में प्रशिक्षण,
यूपी के कौशाम्बी जिले में उत्तर प्रदेश के नोडल अधिकारी जनहित गारण्टी अधिनियम-2011/मुख्य निरीक्षक विपिन कुमार गंगवार ने शुक्रवार को एन.आई.सी. सभागार में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जनपद स्तरीय अधिकारियों को उ0प्र0 जनहित गारण्टी अधिनियम-2011 एवं सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के मुख्य प्राविधानों के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए उन्हें प्रशिक्षण दिया।
अधिकारियों को प्रशिक्षित करते हुए नोडल अधिकारी ने कहा कि जन-सामान्य को समयबद्ध रूप से सेवाएं उपलबध काराये जाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा 04 मार्च,2011 से उ0प्र0 जनहित गारण्टी अधिनियम-2011 लागू किया गया है। अधिनियम की धारा-3 के अन्तर्गत समयबद्ध रूप से जनसेवायें देने के लिए पदाभिहित अधिकारी नामित करने का प्राविधान किया गया है। पदाभिहित अधिकारी निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत सेवा प्रदान करेंगे।
उन्होंने कहा कि धारा 6(1) में पदाभिहित अधिकारी के आदेश के विरूद्ध 30 कार्य दिवस में प्रथम अपील करने का प्राविधान है। धारा 6(3) में प्रथम अपील में पारित आदेश के विरूद्ध 60 कार्य दिवस के अन्दर द्वितीय अपील करने का प्राविधान है। पदाभिहित अधिकारी द्वारा निर्धारित समय में अधिसूचित सेवा से सम्बन्धित आवेदन-पत्रों का निस्तारण न करने की स्थिति में विनिश्चय प्राप्त होने की तिथि से 30 दिवस के भीतर आवेदक प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष प्रथम अपील दाखिल कर सकतें है। वहीं प्रथम अपीलीय अधिकारी के निर्णय के विरूद्ध द्वितीय अपील, द्वितीय अपीलीय अधिकारी के समक्ष विनिश्चय प्राप्त होने की तिथि से 60 दिवस के भीतर प्रस्तुत किए जाने का प्राविधान हैं।
उन्होंने कहा कि पदाभिहित एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों पर अधिरोपित अर्थदण्ड की धनराशि, जो अधिरोपित अर्थदण्ड से अधिक नहीं होगी, की प्रतिपूर्ति आवेदक को किए जाने का भी प्राविधान हैं। प्रत्येक कार्यालय में नामित पदाभिहित अधिकारी द्वारा उ0प्र0 जनहित गारण्टी नियमावली-2011 के अनुपालन में अपने कार्यालय के बाहर प्रारूप-2 में एक बोर्ड लगाया जाना निर्धारित है, जिसमें पदाभिहित अधिकारी प्रथम एवं द्वितीय अपीलीय अधिकारियों के विवरण यथा उनके पदनाम/दूरभाष नम्बर एवं कार्यालय के पूर्ण पते तथा अधिसूचित सेवाओं के नाम एवं उनके निस्तारण की समय सीमा अनिवार्य रूप से अंकित की जाएगी।
नोडल अधिकारी,उ0प्र0 ने सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के प्राविधानों की जानकारी देते हुए कहा कि आवेदक को 30 दिन के अन्दर सूचना अवश्य दिया जाय।
इस अवसर पर मण्डलीय नोडल अधिकारी अजय अरोड़ा एवं एडीएम न्यायिक प्रबुद्ध सिंह,ARTO तारकेश्वर मल्ल,DIOS राजेश कुमार,जिला समाज कल्याण अधिकारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहें।