किसान भाई पराली न जलायें,फसल अवशेष प्रबन्धन के उपायों को अपनायें,बायो एनर्जी, कम्पोस्ट खाद में उपयोग करें, जिससे पर्यावरण को भी प्रदूषित होने से बचाया जा सकें:सत्येंद्र तिवारी 

कौशाम्बी:किसान भाई पराली न जलायें,फसल अवशेष प्रबन्धन के उपायों को अपनायें,बायो एनर्जी, कम्पोस्ट खाद में उपयोग करें, जिससे पर्यावरण को भी प्रदूषित होने से बचाया जा सकें:सत्येंद्र तिवारी

यूपी के कौशाम्बी उप कृषि निदेशक सतेन्द्र कुमार तिवारी ने सर्व साधारण को सूचित किया है कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम की धारा-24 एवं 26 के अन्तर्गत खेत में फसल अवशेष जलाया जाना एक दण्डनीय अपराध है, पर्यावरण क्षतिपूर्ति के लिए दण्ड के प्राविधान किया गया है। उन्होंने बताया कि 02 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए रू0-2500 प्रति घटना जुर्माना वसूला जाएगा। इसी प्रकार 02 एकड़ से 05 एकड़ के लिए रू0-5000 प्रति घटना तथा 05 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए रू0-15000 प्रति घटना जुर्माना वसूला जाएगा।

उप कृषि निदेशक ने जनपद के किसानों को सूचित किया है कि पराली न जलायें, फसल अवशेष प्रबन्धन के उपायों को अपनायें। कम्बाईन हार्वेस्टर से धान की कटाई के साथ उसके सहयोगी यंत्र सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम (एस.एम.एस), पैडी स्ट्रा चापर एवं वेलर आदि का प्रयोग करें, जिससे खेत में धान के अपशिष्ट न बचें। खेत में फसल अवशेष कदापि न जलायें। वर्तमान में हवा चलने के कारण आग अगल-बगल के खेतों तथा आबादी में फैल कर भीषण अग्निकाण्ड का रूप ले सकती है। कम्बाईन हार्वेस्टर से कटाई के उपरान्त फसल अवशेष के ऊपर 20 किग्रा0 यूरिया प्रति एकड़ की दर से छिडकाव करके मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई कर देने पर मिट्टी में दबे फसल अवशेष सड़ जाते हैं तथा मृदा में कार्बनिक जीवांश की बढ़ोत्तरी होती है, जिससे मृदा स्वास्थ्य तथा खेत की उर्वरता पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है।

फसल कटाई के समय प्रयोग होने वाले ट्रैक्टर, कम्वाईन हार्वेस्टर, स्ट्रा रीपर, थ्रेसर, आदि का रख-रखाव समुचित तरीके से करें। इन यन्त्रों के प्रयोग के समय यह सुनिश्चित कर लें कि इसमें किसी प्रकार टूट-फूट न हो, कोई नट बोल्ट ढीला न हो, किसी प्रकार का ऑयल लीकेज न हो, बैट्री स्टार्टर तथा सभी वायर कनेक्शन साफ सुथरे हों, सही ढंग से काम कर रहे हों तथा चलाने पर किसी प्रकार की चिंगारी न निकल रही हो। वैट्टी के टर्मिनल विशेष रूप से कसे होने चाहिए अन्यथा चिंगारी निकलने का खतरा अधिक होता है।

इन यंत्रों के साइलेन्सर पर स्पार्क अरेस्टर लगाना सुरक्षा की दृष्टि से उपयोगी रहता है। स्ट्रा रीपर भूमि की सतह के बहुत नजदीक से चलाये जाने पर भूमि की सतह पर पड़े कंकड़, पत्थर पुराने नट बोल्ट आदि स्ट्रारीपर द्वारा उठा लिया जाता है, जिनसे रगड़ के कारण चिंगारी निकलने व आग लगने का खतरा अधिक रहता है। फसल की कटाई के समय निकटस्थ ट्यूबवेल टैंकर से पानी की तुरन्त उपलब्धता की व्यवस्था सुनिश्चित रखें, ताकि आग लगने पर तुरन्त बुझ कर आग फैलने से रोका जा सकें। खेत की पराली को खेत में सड़ाकर भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ायें।

यदि किसान भाइयों के पास पराली अधिक हो तो अपनी ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान के सहयोग से खण्ड विकास अधिकारी के माध्यम से निकटतम गौशाला में पराली भिजवाएँ। उन्होंने कृषक भाइयों से अपील की है कि धान फसल की पराली फसल अपशिष्ठ न जलायें, अपितु इसका वैकल्पिक उपयोग यथा-वायो एनर्जी, कम्पोस्ट खाद आदि में उपयोग करें, जिससे पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकें।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor