एस.एम.एस. गन्ना पर्ची पानी है तो मोबाईल रखें चालू, नेटवर्क एरिया में में बने रहे

उत्तर प्रदेश,

एस.एम.एस. गन्ना पर्ची पानी है तो मोबाईल रखें चालू, नेटवर्क एरिया में में बने रहे,

NEWS OF INDIA (NEWS AGENCY)

उत्तर प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना विकास विभाग द्वारा उच्च तकनीकी पर आधारित एस.जी.के. सिस्टम द्वारा गन्ना किसानों को एस.एम.एस. गन्ना पर्ची भेजने का कार्य सुचारू रूप से किया जा रहा है। प्रदेश के 46.42 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों को वर्तमान पेराई सत्र में अब तक इन्डेण्ट जारी करने वाली 82 चीनी मिलों द्वारा लगभग 60 लाख गन्ना पर्चियां कैलेण्डर के बेसमोड पर जारी की गई हैं, इनमें लगभग 2.55 लाख पर्चियां छोटे किसानों को भी कैलेण्डर के बेसमोड पर जारी की गई हैं।

ज्ञातव्य है कि इंडेण्ट कटने के साथ ही गन्ना किसानों को गन्ना पर्ची का एस.एम.एस. तत्काल उनके पंजीकृत मोबाईल नम्बर पर एस.जी.के. सिस्टम द्वारा प्रेषित कर दिया जाता है। अधिकतर किसानों को तत्काल एस.एम.एस. पर्चियां उनके मोबाईल पर सुगमतापूर्वक प्राप्त हो जाती हैं, परन्तु कतिपय किसानों के 24 घण्टे की अवधि बीत जाने पर भी मोबाईल नेटवर्क के क्षेत्र में न आने, एस.एम.एस. इनबॉक्स भरे होने, डी.एन.डी. सर्विस एक्टिवेट होने अथवा मोबाईल नम्बर त्रुटिपूर्ण होने या बदल दिये जाने के कारण गन्ना पर्ची का एस.एम.एस. उनके मोबाईल नम्बर पर डिलीवर नहीं हो पा रहा है। जिस कारण किसानों को अपने गन्ने की आपूर्ति करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

गन्ना आयुक्त ने गन्ना कृषकों से अपील की है कि वह ैळज्ञ ;ैउंतज ळंददं ज्ञपेींदद्ध पर पंजीकृत अपने मोबाईल नम्बर की जांच कर लें अगर मोबाईल नम्बर गलत है अथवा नया मोबाईल नम्बर लिया गया है तो अपने गन्ना पर्यवेक्षक के जरिए अथवा समिति सचिव से सम्पर्क कर सही मोबाईल नम्बर अपडेट करा लें। पर्ची प्राप्त करने के लिये मोबाईल को चार्ज रखें तथा मैसेज इनबॉक्स खाली रखें एवं अपने मोबाईल नम्बर पर डी.एन.डी. एक्टिवेट न करायें जिससे एस.जी.के. सिस्टम द्वारा भेजी गयी पर्ची उनके मोबाईल नम्बर पर समय से प्राप्त हो जायंे। नेटवर्क क्षेत्र से बाहर होने की स्थिति या फिर डी.एन.डी. एक्टिवेट होने पर गन्ना पर्ची का एस.एम.एस. 24 घण्टे बाद स्वतः निरस्त हो जायेगा। जिसके कारण गन्ना किसानों को अपनी गन्ना पर्ची की जानकारी प्राप्त नहीं हो पायेगी।

उन्होंने गन्ना किसानों से यह भी अपील की है कि जिन गन्ना किसानों द्वारा तकनीकी कारणों जैसे-इण्टरनेट की स्लो स्पीड, बिजी सर्वर आदि कारणों से अभी भी घोषणा-पत्र नहीं भरा गया है। वह तत्काल अपना घोषणा-पत्र भर दें अन्यथा की स्थिति में उनका सट्टा सिस्टम द्वारा स्वतः लॉक हो जायेगा।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor