हरे पेड़ो की अंधाधुंध कटान से विलुप्त हो रही गौरय्या,अपने घरों पर गौरय्या के लिए बनाए घोंसला,रखे दाना पानी:निकिता 

कौशाम्बी,

हरे पेड़ो की अंधाधुंध कटान से विलुप्त हो रही गौरय्या,अपने घरों पर गौरय्या के लिए बनाए घोंसला,रखे दाना पानी:निकिता,

भारत एक ऐसा देश है, जहां पर पक्षियों की बहुत सारी प्रजातियाँ पाई जाती है, जिनमें गौरैया का विशेष महत्व है। गौरैया दिखने में सुंदर और छोटी होती है। गौरैया को अक्सर हमने अपने घरों और पेड़ पौधों पर देखा होगा,लेकिन आज के समय में पेड़ों को हो रही अंधाधुंध कटाई और कीटनाशक पदार्थों के छिड़काव के कारण यह विलुप्त होने के कगार पर है।

गौरैया के संरक्षण के ल‍िए प्रत्‍येक वर्ष व‍िश्‍व स्‍तर पर ‘व‍िश्‍व गौरैया द‍िवस’ मनाया जाता है। ताक‍ि लोगों को इस नन्‍हीं च‍िरैया के प्रत‍ि जागरुक क‍िया जा सके।पक्षी विज्ञान के जनक गौतम ऋषि के अनुसार अगर क‍िसी जगह पर गौरैया का घोंसला हो। तो यह अत्‍यंत शुभ संकेत माना जाता है।

कौशाम्बी जिले के मूरतगंज ब्लॉक के अरई सुमेरपुर प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षिका निकिता केसरवानी गौरय्या को बचाने के प्रति सजग है जिसके लिए उन्होंने अपने और अपने नजदीक के कई घरों पर गौरय्या के लिए घोंसला बनाने और उनके लिए दाना पानी रखने की अपील की है,उन्होंने जनपद के लोगो से अपील की है कि हम सबको मिलकर ये प्रयास करना है कि अपने अपने घरों की छतों पर पक्षियों के लिए दाना और पानी की व्यवस्था करे और इस नेक कार्य के भागीदार बने।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor