राज्यपाल ने घोषित किया था चुनाव शून्य, फिर भी पूर्व नगर पालिका परिषद अध्यक्ष लिखकर जनता को कर रहे गुमराह

कौशाम्बी,

राज्यपाल ने घोषित किया था चुनाव शून्य, फिर भी पूर्व नगर पालिका परिषद अध्यक्ष लिखकर जनता को कर रहे गुमराह,

यूपी के कौशाम्बी जिले में मंझनपुर नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अभी आरक्षण नहीं आया लेकिन प्रत्याशियों की होर्डिंग लगनी शुरू हो गई है।वही एक प्रत्याशी अपने आपको निवर्तमान नगर पालिका परिषद मंझनपुर अध्यक्ष का पद लिख कर बसपा के प्रत्याशी के रूप में प्रदर्शित कर जनता को गुमराह कर रहा है।

नगर पंचायत मंझनपुर के महताब आलम जिनका नगर पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव राज्यपाल ने शून्य घोषित कर दिया था।वही मंझनपुर कोतवाली में 8 जून 2021 को दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 306 सन 2021 धारा 467, 468, 471, 419, 420, गोवध निवारण अधिनियम में महताब आलम सहित पांच लोगों को अभियुक्त बनाते हुए पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

गोवध रोकने के मकसद से योगी आदित्यनाथ सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि गोवध के धंधे में लगे लोगों पर गैंगेस्टर एक्ट लगाया जाए लेकिन वर्षो बीत जाने के बाद गोवध अधिनियम के अभियुक्तों पर मंझनपुर कोतवाली पुलिस ने गैंगेस्टर की कार्यवाही नहीं की है ,जिससे कोतवाली पुलिस की भी भूमिका सवालों के घेरे में है।

महताब आलम ने नगर पंचायत मंझनपुर का चुनाव वर्ष 2017 में लड़ा था, निर्वाचन अधिकारियों ने इन्हें जीत का प्रमाण पत्र दिया लेकिन महताब आलम के चुनाव के विरुद्ध दायर चुनाव याचिका की सुनवाई के बाद राज्यपाल ने महताब आलम के निर्वाचन को शून्य घोषित कर दिया, महताब आलम के निर्वाचन को शून्य घोषित करने का पत्र 24 अप्रैल 2020 को नगर विकास अनुभाग के सचिव बृजेंद्र सिंह ने जारी करते हुए संबंधित को सूचित कर दिया गया था।

वर्तमान में नगर निकाय के चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है और मंझनपुर नगर पालिका परिषद क्षेत्र से महताब आलम ने दावा ठोका है, बैनर पोस्टर होल्डिंग के माध्यम से दीपावली पर्व में बधाई संदेश देना शुरू हो गया है, सड़क के खंभों में लगाए गए बैनर पोस्टर होर्डिंग में महताब आलम ने अपने को पूर्व नगर पालिका परिषद का अध्यक्ष लिखा है ,अब सवाल उठता है कि नगर पालिका परिषद मंझनपुर का कभी चुनाव नहीं हुआ है ,तो यह नगर पालिका परिषद के कैसे पूर्व अध्यक्ष हुए और नगर पंचायत मंझनपुर में हुए चुनाव में महताब आलम के निर्वाचन को राज्यपाल ने शून्य घोषित कर दिया था, जब इनका निर्वाचन शून्य घोषित हो गया है तो पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष या पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अपने को लिखने का महताब आलम ने अधिकार खो दिया है।

सचिव नगर विकास विभाग द्वारा भेजे गए पत्र में स्पष्ट लिखा गया है कि 1दिसम्बर 2017 को हुए चुनाव को शून्य घोषित किए जाने के बाद नगर पंचायत मंझनपुर का उक्त पद 01 दिसम्बर 2017 से रिक्त हो गया है।

राज्यपाल द्वारा निर्वाचन को शून्य घोषित किए जाने के बाद भी महताब आलम द्वारा सड़कों पर लगाए गए बैनर पोस्टर होर्डिंग में पूर्व अध्यक्ष लिख कर नगर के आम जनमानस को गुमराह करना शुरू कर दिया है ।राज्यपाल द्वारा महताब आलम के निर्वाचन को शून्य घोषित किए जाने के बाद महताब आलम द्वारा किया गया यह कृत्य एक धोखाधड़ी है और नगर के लोगों ने इस पर आपत्ति करना शुरू कर दिया है ।महताब आलम द्वारा अपने को नगर पालिका का पूर्व अध्यक्ष लिखे जाने के मामले में अधिकारियों ने यदि जांच कराई तो नगर वासियों को गुमराह करने धोखाधड़ी करने का एक मुकदमा इन पर फिर दर्ज हो सकता है ।लेकिन क्या नगर वासियों को गुमराह करने के इस मामले को निर्वाचन व्यवस्था से जुड़े अधिकारी गंभीरता से लेकर कार्यवाही करेंगे या फिर नगर को गुमराह करने वाले मौज करते रहेंगे।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor