कौशाम्बी,
दुनिया में नंबर एक होगा भारत, मिडिल क्लास हो गई गदगद, गांव गरीब किसान मध्यम वर्गीय का है बजट:वाई पी सिंह,
यूपी के कौशाम्बी जिले में भारतीय जनता पार्टी जिला कार्यालय में आयोजित केंद्रीय बजट संगोष्ठी को व प्रेस वार्ता को बतौर मुख्य अतिथि वाई पी सिंह (नगर औद्योगिक विकास निगम) ने संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2025- 2026 का केंद्रीय बजट विकसित भारत की गति निर्धारित करने का लक्ष्य रखता है या बजट स्वीकार करता है कि किसी देश की शक्ति उसके भूमि में नहीं बल्कि उसके लोगों में होती है और इस प्रकार सभी वर्गों में समावेशी विकास के माध्यम से मोदी सरकार की सबका साथ सबका विकास की प्रतिबद्धता को पुनर्जीवित करती है, यह बजट छह प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है कराधान, ऊर्जा क्षेत्र ,शहरी विकास, वित्तीय क्षेत्र,नियामक सुधार,और खनन, इस बजट का लक्ष्य एक व्यापक अच्छा आयामी दृष्टिकोण पर आधारित है जिसमें विकास को गति देना समावेशी विकास को सुरक्षित करना भारत के मध्यम वर्ग के शक्ति को बढ़ावा देना निजी क्षेत्र के निवेश को प्रेरित करना और घरेलू भावनाओं को सशक्त करना शामिल है।
इसी क्रम में जिलाध्यक्ष धर्मराज मौर्य ने संबोधित करते हुए बताया कि मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया है ताकि उसकी क्षमता को बढ़ाया जा सके,वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर कटौती की सीमा को वर्तमान में 50000 से दोगुना कर एक लाख कर दिया गया है, इसी प्रकार किराए पर टीडीएस की वार्षिक सीमा 240000 से बढ़कर 6 लाख कर दी गई है, इसके अतिरिक्त विदेशी प्रश्न पर संग्रह टीसीएस की सीमा 7 लाख से बढ़कर 10 लाख कर दी गई है, मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग पढ़कर भोज को कम करने के मार्ग को जारी रखा है, 12 लाख तक के समान आए वाले करदाताओं को कर छूट दी जा सकती है ,जो स्लैप दर में कमी के कारण होने वाले लाभ के अतिरिक्त होगी, जिससे उनका कोई कर दे नहीं होगा ।
12 लाख किया वाले का डाटा को 80000 का कर लाभ मिलेगा,जो मौजूदा दरों के अनुसार 100% कर देता के बराबर है, इसी प्रकार 18 लाख की आय वाले व्यक्ति को 70000 का कर लाभ प्राप्त होगा ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ रहा है, सरकार सुशासन के माध्यम से नागरिकों के जीवन को आसान बनाने और उनके महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है ,इस बजट में आधारित सिद्धांतों और विश्वास पर आधारित हल्का नियम की ढांचा प्रस्तुत किया गया है ,इससे आने वाले दशकों में उत्पादकता और रोजगार में वृद्धि होगी नियम की सुधारो की उच्च स्तरीय समिति गठित की जाएगी और गैर मिट्टी क्षेत्र की सभी नियमावलियों, प्रमाण पत्रों, लाइसेंसों और अनुमतियों की समीक्षा करेगी। इसका उद्देश्य विश्वास आधारित आर्थिक प्रशासन को मजबूत करना और निरीक्षण एवं अनुपालन के मामलों में व्यवसाय करने में आसानी को बढ़ाना है ।
2025 में निवेश अनुकूलता सूचकांक लॉन्च किया जाएगा, इससे प्रतिस्पर्धी सहकारी संघवाद की भावना को बढ़ावा मिलेगा, इसके अतिरिक्त मोदी सरकार जनविश्वास अधिनियम 2.0 पेश करेगी, इसके अंतर्गत सबसे अधिक विधायी प्रावधानों में अपराधों को गैर अपराधीकरण किया जाएगा, इसका उद्देश्य व्यवसाय करने में आसानी बढ़ाना और नागरिकों के समग्र कल्याण को सुनिश्चित करना है।
इस मौके पर काशी क्षेत्र से उपाध्यक्ष व जिला प्रभारी अवधेश चंद्र गुप्ता, कार्यक्रम के संयोजक व जिला उपाध्यक्ष आशीष केसरवानी,सह संयोजक व जिला मंत्री प्रदीप पांडेय शीलू,जिला उपाध्यक्ष अजय पाण्डेय, चक्रेश मिश्रा,जिला महामंत्री संजय जायसवाल, दीप चंद्र दिवाकर, कॉपरेटिव के अध्यक्ष शिव मोहन मौर्य, वरिष्ठ भाजपा नेता भोलेशंकर कुशवाहा,सभी वरिष्ठ अधिवक्ता, जनपद के तमाम व्यापारी,किसान, मजदूर, महिलाएं उपस्थित रहीं।