कौशाम्बी,
सांसद के विवादित बयान के वायरल वीडियो से सवर्णों मे आक्रोश,बैठक कर सांसद के बयान पर जताई नाराजगी
यूपी के कौशाम्बी के सांसद और भरतीय जनता पार्टी के रष्ट्रीय मंत्री विनोद सोनकर के सवर्णों पर दिए गए विवादित बयान से कौशाम्बी जिले के ब्राह्मण, ठाकुर और वैश्य समाज मे भारी नाराज़गी है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से विनोद सोनकर का टिकट काटने तक कि बात कही है।
इन दिनों सांसद विनोद सोनकर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। जिसमे उन्होंने ब्राह्मण, ठाकुर और वैश्य समाज पर विवादित बयान दिया है। ये वायरल वीडियो वाराणसी का बताया जा रहा है। जहाँ एक बैठक के दौरान वीडियो में कहते नज़र आ रहे है कि खटीक एक ऐसी जात है जिसने कभी धर्म परिवर्तन नहीं किया, बल्कि सुअर पालना स्वीकार किया। आगे कहा कि बाबुशाह लोग(क्षत्रिय) ने धर्म परिवर्तन किया तो पठान हो गए, पंडित जी लोग ने धर्म परिवर्तन किया तो वह सैयद हो गए, वैश्य समाज ने धर्मपरिवर्तन किया तो वहां अंसारी हो गए। लेकिन अगर खटीक समाज धर्मपरिवर्तन किए होते तो कही तो होते। इस लिए खटिकों ने धर्मपरिवर्तन नही किया। उन्होंने राष्ट्र के लिए, समाज के लिए, देश के लिए मुगलो से हजारों साल लड़ा है। और जो आज चुनाव लड़ने आए है। ये मुगलो के वंशज है। इस विवादित बयान के बाद ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य समाज के बीच भारी नाराज़गी है।
वारणसी में दिए गए बयान का अब जनपद में असर दिखने लगा है। लोगो का आक्रोश अब मीडिया के सामने फूटने लगा है। अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद ने एक बैठक कर इसकी घोर निंदा किया। अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के कोषाध्यक्ष अमित कुमार त्रिपाठी ने कहा कि इनका ये पहला मामला नही है। इससे पहले भी कहा था कि घी देते बाभन नरीयाऐ, और बाद में इन्होंने माफ़ी मांगा। ये कोई बात नही है कि आप हमेशा ब्राह्मण का अपमान करे।
सरायअकिल क़स्बे के व्यापार मंडल अध्यक्ष सुंदरम केशरवानी के भी अंदर इस बयान को लेकर आक्रोश है। उन्होंने कहा कि सांसद विनोद सोनकर ने वैश्य समाज को अपमानित करने का काम किया है। वैश्य समाज को अंसारी से जोड़ दिया है, ये वैश्य समाज का अपमान है। इस अपमान को पूरे उत्तरप्रदेश का वैश्य समाज स्वीकार नही करेगा। यही वैश्य समाज है जो दो बार से विनोद सोनकर को सांसद बना रहा है। ये वही वैश्य समाज है जो तन मन धन से लग कर के विनोद सोनकर को सांसद बनने का काम कर रहा है। लेकिन आज विनोद सोनकर ने जिस प्रकार से वैश्य समाज के सम्मान को गिराने का काम किया है। वैश्य समाज इसको कतई बर्दाश्त नही करेगा। आने वाले दिनों में हम विनोद सोनकर को इसका जवाब देने का काम करेंगे।