आलू के समर्थन मूल्य में वृद्धि की मांग को लेकर सकिपा ने सड़क पर किया प्रदर्शन, नारेबाजी कर सीएम को भेजा ज्ञापन

कौशाम्बी,

आलू के समर्थन मूल्य में वृद्धि की मांग को लेकर सकिपा ने सड़क पर किया प्रदर्शन, नारेबाजी कर सीएम को भेजा ज्ञापन,

समर्थ किसान पार्टी के तत्वावधान मे मंगलवार को जिला मुख्यालय मंझनपुर की सड़को पर प्रदर्शन किया गया और नारेबाजी कर माननीय मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया। सौंपे गए ज्ञापन में आलू के समर्थन मूल्य में वृद्धि की पार्टी की ओर से प्रदेश सरकार से मांग की गई।

मंगलवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत समर्थ किसान पार्टी के तमाम कार्यकर्ता जिला मुख्यालय मंझनपुर के डायट परिसर में एकजुट हुए और बैठक की। बैठक की अध्यक्षता करते हुए पार्टी नेता अजय सोनी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा आलू के समर्थन मूल्य में कमी करना प्रदेश सरकार का किसानो के प्रति दुर्भावना को प्रदर्शित करता है जिसे कत्तई बर्दाश्त नही किया जायेगा। कहा कि किसानो को आलू उत्पादन में जो लागत लगती है, उससे भी कम दाम पर आलू क्रय करने के प्रदेश सरकार के निर्णय की हम भर्त्सना करते हैं।

इसी के साथ अजय सोनी ने कहा कि एक ओर सरकार किसानो की आय दुगुनी करने की बात कहती है वहीं दूसरी ओर किसानो को आर्थिक रूप से कमजोर करने का प्रयास कर रही है। आगे कहा कि 650 रु प्रति कुंतल की दर से आलू बिक्री से किसानो की आय कैसे दुगुनी होगी, यह समझ से परे है जबकि एक कुंतल आलू उत्पादन में किसानो को करीब 700 रू प्रति कुंतल लागत आती है। अजय सोनी के मुताबिक 650 रु प्रति कुंतल आलू का दाम कम है, प्रदेश सरकार को चाहिए कि आलू क्रय करने का समर्थन मूल्य कम से कम 1000 रु प्रति कुंतल घोषित करे।

बैठक के बाद अजय सोनी की अगुवाई में जुलूस की शक्ल में किसानो एवं पार्टी कार्यकर्ताओं का एक जत्था जिला कलेक्ट्रेट पहुंचा और जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। सौंपे गए ज्ञापन में सरकार द्वारा किसानो से आलू क्रय करने का दाम 1000 रू प्रति कुंतल घोषित करने की मांग की गई। ज्ञापन स्वीकार करते हुए अपर जिलाधिकारी विश्राम यादव ने ज्ञापन को प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ को भेजने का प्रदर्शनकारियो को आश्वासन दिया है। इस मौके पर प्रेमचंद्र केसरवानी, सुरजीत वर्मा, फूलचंद्र लोधी, आलोक विश्वकर्मा, रंजीत सरोज, मुन्ना पटेल, मिथुन कुमार, मनीष मौर्य, जुम्मन अली आदि मौजूद रहे।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor