भारतीय किसान संघ ने किसानों द्वारा पराली जलाने के नाम पर हो रहे शोषण के खिलाफ किया प्रदर्शन,सौंपा ज्ञापन

कौशाम्बी,

भारतीय किसान संघ ने किसानों द्वारा पराली जलाने के नाम पर हो रहे शोषण के खिलाफ किया प्रदर्शन,सौंपा ज्ञापन,

यूपी के कौशाम्बी जिले में किसानों पर पराली जलाने के नाम पर शोषण किया जा रहा है,किसानों पर अनावश्यक आर्थिक एवम कृषि दंड लगाए जा रहे है जिसके खिलाफ प्रदर्शन करते हुए भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ताओ ने कलेक्ट्रेट मंझनपुर में प्रदर्शन किया और डीएम को संबोधित एक ज्ञापन एसडीएम को सौंपा है।

भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष बब्बू सिंह के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ताओ ने प्रदर्शन करते हुए बताया कि सरकार द्वारा किसानों को स्वावलंबी, सम्म्रद्धशाली, आत्मनिर्भर बनाने हेतु अनेक प्रकार की योजनाओं को चलाया जा रहा है परन्तु देश प्रदेश के किसानों को फसल अवशेष पराली, पत्ती जलाने पर कार्बन उत्सर्जन के नाम पर किसानों को असहाय और सॉफ्ट टारगेट की भावना से बिना किसी आधार के उनके विरुद्ध आर्थिक दण्ड लगा, जेल भेजकर, उनके गन्ना बॉण्ड को बन्द कर,MSP पर खरीद न कर अनेक प्रकार की दंडनात्मक कार्यवाही की जा रही है।

किसान नेताओं ने कहा जबकि भारत का किसान 65 प्रतिशत किसान 96 प्रतिशत ऑक्सीजन का उत्पादन और मात्र 4 प्रतिशत का कार्बन उत्सर्जन करता है और इसके विपरीत 35 प्रतिशत में फैक्टरी, इंडस्ट्रीज, वायुयान, वाहन आदि-आदि 96 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन करते हैं उनके विरुद्ध कोई भी कार्यवाही नहीं की जाती है,यह नीति गत नहीं है।

उन्होंने कहा कि इसलिये भारतीय किसान संघ किसानों पर हो रही इस दंडनात्मक कार्यवाही रोकने के लिये अनुरोध अथवा मांग करता है कि पराली प्रबंधन हेतु माननीय उच्चतम न्यायालय की भावना के अनुसार आप राज्य सरकारों को किसानों के लिये मल्चर, सुपर सीडर, एम बी प्लाऊ, आदि मशीन निशुल्क उपलब्ध कराने का निर्देश करें। उपरोक्त मशीनों के प्रयोग में होने वाले आवश्यक ईंधन, जनशक्ति के श्रम राशि को भी माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार सरकारों द्वारा किसानों को उपलब्ध कराया जाए।किसान की सम्पूर्ण पराली को सरकार द्वारा न्यूनतम मूल्य निर्धारित कर खरीदा जाए।विश्व स्तरीय / भारतीय कार्बन क्रेडिट योजना द्वारा किसान को भी ऑक्सीजन उत्पादन के लिये प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई जाए।

किसान नेताओं ने कहा कि जब तक किसान की पराली के प्रबंधन की समुचित व्यवस्था सरकारों द्वारा न हो और किसान पराली प्रबंधन के लिये प्रशिक्षित न हो तब तक किसानों को पर किसी भी प्रकार का आर्थिक दण्ड, सजा आदि जैसी कार्यवाही नही की जाए।किसानों ने डीएम को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा है और कार्यवाई की मांग की है।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor