उत्तर प्रदेश,
एक ही गन्ना क्रय-केन्द्र पर दो बार तैनात नहीं होंगे तौल लिपिक:आयुक्त,
न्यूज़ ऑफ इंडिया (एजेन्सी)
यूपी के गन्ना कृषकों के व्यापक हित में प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा पेराई सत्र 2022-23 के प्रारम्भ से ही घटतौली की कुप्रथा को जड़ से मिटाने के लिए कवायद तेज कर दी गई है। जिसके तहत गन्ना क्रय-केन्द्रों पर तैनात तौल लिपिकों के पाक्षिक स्थानान्तरण के संबंध में व्यापक निर्देश जारी किये गये है।
इस संबंध में जानकारी प्रदान करते हुये गन्ना आयुक्त द्वारा बताया गया कि चीनी मिल गेट एवं वाह्य गन्ना क्रय-केन्द्रों पर सुचारू रूप से गन्ना आपूर्ति सुनिश्चित कराने तथा घटतौली पर प्रभावी अंकुश लगाये जाने के दृष्टिगत मिल तौल लिपिकों का पाक्षिक स्थानान्तरण पेराई सत्र 2022-23 हेतु निर्गत सट्टे एवं आपूर्ति नीति में उल्लिखित व्यवस्था के अनुरूप एस.जी.के. के माध्यम से इस तरह कराया जायेगा कि किसी भी तौल लिपिक की तैनाती गन्ना क्रय-केन्द्र पर दोबारा न हो सके।
उन्होंने बताया कि फील्ड स्तर से तौल लिपिकों द्वारा स्थानान्तरण के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन न करने की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए तौल लिपिकों की तैनाती की भौतिक जांच करने हेतु निर्देश दिये गये हैं। जिसके अन्तर्गत केन इम्प्लीमेन्टेशन कमेटी की दिनांक 02 एवं 17 को प्रत्येक माह आयोजित होने वाली बैठकों के बाद क्रमशः दिनांक 04, 05, 06 एवं 19, 20, 21 को विभागीय अधिकारियों द्वारा स्थलीय जांच कराते हुए तौल लिपिकों की तैनाती का भौतिक सत्यापन भी कराया जायेगा। तौल लिपिको के पाक्षिक स्थानान्तरण को पारदर्शी बनाये जाने के लिए गन्ना एवं चीनी शाखा के जांचकर्ता अधिकारियों द्वारा क्रय-केन्द्र से वीडियों कॉल कर क्षेत्रीय उप गन्ना आयुक्त एवं उप चीनी आयुक्त को तौल लिपिकों की तैनाती की पुष्टि करायी जायेगी।
भूसरेड्डी ने यह भी बताया कि एस.जी.के. द्वारा किये गये पाक्षिक स्थानान्तरण का अनुपालन न करने पर तौल लिपिक का लाईसेन्स निलम्बित कर, निरस्तीकरण की कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। इसके अतिरिक्त तौल लिपिक के साथ-साथ संबंधित चीनी मिल के अध्यासी के विरूद्ध उ.प्र. गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) अधिनियम, 1953 एवं सुसंगत नियमावली, 1954 के प्राविधानों के अन्तर्गत कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।