कौशाम्बी,
यूपी के कौशाम्बी में बारिश ने बढ़ाई किसान और पब्लिक की समस्या,कही खेती को फायदा तो कही नुकसान,
यूपी के कौशाम्बी जिले में देर रात से हो रही बारिश ने किसानों और पब्लिक की समस्या बढ़ा दी है, वही किसानो में जहा मिला जुला असर देखने को मिल रहा है,जहा बारिश से एक ओर परंपरागत किसान खुश है,वही नगदी फसल वाले किसान परेशान है, उन्हे फसल में पाला लगने का डर सताने लगा है।बारिश से बढ़ी ठंड से आम राहगीर एवम गरीब बेघर लोग परेशान हो गए है। कृषि वैज्ञानिक ने किसान भाइयों को ठंड व पाले से बचाने की खास टिप्स बताई है।
गंगा यमुना के बीच में बसा कौशाम्बी का सबसे बड़ा आर्थिक श्रोत कृषि है, लगभग 80 फीसदी आबादी खेती किसानी पर निर्भर है, पश्चिमी विक्षोप के चलते बारिश होने से आम जन जीवन बुधवार को अस्त व्यस्त हो गया। आम पब्लिक ठंड से बेहद परेशान है, ठंड से बचाव के लिए अलाव की प्रशासनिक व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है।बुधवार की रात से ही रुक रुक कर हों रही बारिश से गरीब बेघर लोगो को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लोग ठंड की ठिठुरन से बचने के लिए घरों में कैद हो गए है। आम राहगीर सड़क पर बरसात से बचने के लिए आसरा देखते नजर आ रहे है।
कौशाम्बी जिले का परंपरागत किसान बारिश से खुश दिखाई पड़ा,किसान के मुताबिक उनके खेती को पानी की जरूरत थी। नहर न चलने से सिंचाई में दिक्कत आ रही थी। जो बारिश होने से फसल को संजीवनी मिली है। वहीं दूसरी ओर नगदी खेती करने वाले किसान बारिश के चलते हैरान परेशान नजर आए। उन्हे फसल को पाला मारने का डर सता रहा है। सबसे ज्यादा परेशान आलू किसान नजर आ रहा है। जिनकी तैयार फसल खेत में पानी भरने से खराब हो जाएगी।
कृषि वैज्ञानिक डॉ मनोज सिंह ने बताया बारिश होने से पाले मारने की समस्या कम हो जाती है। बावजूद इसके यदि पाले जैसी स्थिति किसान भाईयो को समझ में आए तो किसान खेत की मेड पर धुंवा करे। इसके अलावा खेत के क्षेत्रफल के आधार पर 1 प्रतिशत गंधक के घोल को छिड़काव करे,इससे उनकी फसल को नुकसान नहीं होगा।