नगर पालिका भरवारी में मनमाने हाउस टैक्स से लोग परेशान,लखनऊ से महंगा हाउस टैक्स,सभासदों ने शादी चुप्पी,पूर्व सभासद ने लगाई आपत्ति

कौशाम्बी,

नगर पालिका भरवारी में मनमाने हाउस टैक्स से लोग परेशान,लखनऊ से महंगा हाउस टैक्स,सभासदों ने शादी चुप्पी,पूर्व सभासद ने लगाई आपत्ति,

यूपी के कौशाम्बी जिले के नगर पालिका परिषद भरवारी में मनमाने तरीके से हाउस टैक्स का निर्धारण कर दिया गया है,प्रदेश की राजधानी लखनऊ से भी महंगा हाउस टैक्स नगर पालिका परिषद भरवारी क्षेत्र में लगा दिया गया है,मनमाने हाउस टैक्स लगाए जाने पर  जहां एक ओर नगर पालिका अध्यक्ष और सभी 25 वार्डो के सभासदों ने चुप्पी साध रखी है वही पूर्व सभासद मनोज केसरवानी ने नगर पालिका परिषद भरवारी,डीएम मधुसूदन हुल्गी,नगर विकास मंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मेल और पत्र के जरिए मनमाने हाउस टैक्स पर आपत्ति लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है।वही ईओ राम सिंह ने भी गलत बयान जारी कर लोगो को गुमराह करने का प्रयास किया है।

शासन के निर्देश पर प्रदेश के सभी नगर पालिका एवं नगर पंचायतों में गृह कर लगाया जान है जिसका निर्धारण नगर पालिका अथवा नगर पंचायत के ईओ को दिया गया है,वही जनप्रतिनिधियों की सहमति लेने के भी निर्देश दिए गए है,बावजूद इसके नगर पालिका परिषद भरवारी में ईओ ने मनमाने तरीके से हाउस टैक्स का निर्धारण कर दिया है और लोगो को नोटिस भी जारी कर दी है,जबकि इस बात को लेकर अभी कुछ दिनों पूर्व व्यापारियों की एक बैठक में संशोधन किए जाने की भी बात हुई थी,लेकिन जनता के इस परेशानी के मामले में न तो नगर की जिम्मेदार अध्यक्ष ने कुछ सोचा और न ही नगर पालिका के चुने हुए 25 वार्डो के सभासदों ने ही कोई आपत्ति दाखिल की है,जबकि नगर पालिका में अधिकतर क्षेत्र ग्रामीण है,जिससे साफ प्रतीत होता है कि नगर पालिका के निवासियों को न तो नगर पालिका की अध्यक्ष से कोई आशा रह गई है और न हो किसी सभासद से और न ही किसी अधिकारी से ही कोई न्याय की आशा है।

इसी मुद्दे को लेकर भरवारी के पूर्व सभासद मनोज केसरवानी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री, नगर विकास विभाग, डीएम कौशाम्बी व ईओ भरवारी को ईमेल व डाक के माध्यम से पत्र भेजते हुए 19.02.2025. को अखबार में प्रकाशित भवन कर के सम्बन्ध में सार्वजनिक सूचना पत्रांक 3495/न०पा०प०म०/ 2024-25 प्रकाशित पर आपत्ति लगाई है और  अवगत कराया है कि सार्वजनिक सूचना में वर्णित भवन कर की दर अप्रासंगिक व औचित्यहीन प्रतीत होती है। जिसके सम्बन्ध में तीन सूत्रीय सुझाव देते हुए अवगत कराया है। कि भरवारी के नगर पालिका परिषद गठन से पूर्व जब नगर पंचायत थी तब नगर पंचायत के समस्त 12 वाडों में भवन कर हेतु कुछ मानक निर्धारित किये गये थे अर्थात् भवनों की पैमाइश के अनुसार भवन कर निर्धारित किया गया था। जिसका 2022-23 तक आमजन से भुगतान लिया गया था। वर्तमान में गरीब व मध्यम वर्ग मंहगाई की मार झेल रहा है। इसलिए नगर पालिका परिषद भरवारी की बोर्ड कमेटी में पूर्व निर्धारित दर पर ही भवन कर का नि्र्धारण सर्वसम्मति से किया जाना न्यायहित व जनहित में होगा।

दूसरा नगर पालिका परिषद के परिक्षेत्र में अनेकों व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी संचालित हैं जिनमें गेस्ट हाउस, रिसार्ट, नर्सिंग होम, कावेन्ट स्कूल, कोल्ड स्टोरेज,ईंट भट्ठा, दाल, तेल, राइस, आटा, मैदा मिल, गैस ऐजेन्सी,पेट्रोल टंकी, मुर्गी – पोल्द्री फार्म, सरकारी व अर्ध सरकारी कार्यालय आदि हैं। ऐसी संस्थाओं/ व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के लिए भवन कर की अलग से व्यवसायिक दरनिर्धारित किया जाना अधिक औचित्यपूर्ण होगा।

इसके अलावा गरीब वर्ग जिनके आवास कच्चे मकान, खपरैल अर्थवा छप्पर की छत वाले, टीन शेड,प्रधानमंत्री/ मुख्यमंत्री आवास हैं, उन्हें भवनकर से मुक्त रखा जाये क्योंकि जिनकी सामर्थ्य ही नहीं है कि वे सुविधापूर्ण मकान में निवास कर सकें उनसे भवन कर वसूला जाना किसी भी दृष्टि से औचित्यपूर्ण नहीं कहा जा सकता। इस तीन मांगो को लेकर सभासद ने ईमेल व डाक के जरिये आपत्ति दाखिल की है।

भरवारी में मनमाने हाउस टैक्स के सम्बन्ध में पूर्व सभासद द्वारा लगाई गयी आपत्ति के सम्बन्ध में ईओ रामसिंह का कहना है। कि पूर्व सभासद द्वारा हाउस टैक्स के सम्बन्ध में लगाई गयी आपत्ति समय सीमा के बाद कार्यालय को ई मेल से शुक्रवार को प्राप्त हुई है। अब इस पर कोई विचार नही किया जा सकता है। समयावधि के अंदर यदि आपत्ति आई होती तो उस पर अवश्य विचार किया जाता।

वही पूर्व सभासद का आरोप है कि 19 फरवरी को अखबार में प्रकाशन से 15 दिन की समय अवधि पूरी नहीं हुई बावजूद इसके ईओ का बयान कही से भी जनता के हित में नहीं दिखाई पड़ रहा है। ईओ का बयान पूर्णतया जनता को अहित और अध्यक्ष को हित प्रदान करने वाला है।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor