बिजली बिल समय से न मिलने, गलत रीडिंग और गलत बिलिंग संबंधी शिकायतों का होगा अन्त :ऊर्जा मंत्री

उत्तर प्रदेश,

बिजली बिल समय से न मिलने, गलत रीडिंग और गलत बिलिंग संबंधी शिकायतों का होगा अन्त :ऊर्जा मंत्री,

न्यूज ऑफ इंडिया (एजेन्सी)

देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए. के. शर्मा ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए विद्युत उपभोक्ताओं को बिलिंग संबंधी समस्याओं एवं शिकायतों से हमेशा के लिए निजात दिलाने तथा मीटर रीडर द्वारा की जा रही गलत रीडिंग और गलत बिलिंग संबंधी शिकायतों से बचाने के लिए उपभोक्ताओ को ट्रस्ट बिलिंग की सुविधा प्रदान की है।इससे उपभोक्ताओं को बिलिंग की एक आसान व्यवस्था मिलेगी, जिससे वह अपने घर बैठे ही स्वयं अपना बिल जनरेट कर सकेंगे और बिल भी प्राप्त कर सकेंगे। इस व्यवस्था से उन्हें अनावश्यक भागदौड़ से मुक्ति मिलेगी।

उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए, ऊर्जा विभाग उपभोक्ता हित में कार्य कर रहा है। प्रदेश के 3.28 करोड़ उपभोक्तों को सहज एवं सरल ढंग से सुविधायें उपलब्ध हो। इसके लिये ऊर्जा विभाग नयी तकनीकों का उपयोग कर लोगों के क्रियाकलापों को आसान बना रहा है।

ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने जल निगम के फील्ड हॉस्टल ‘संगम’, लखनऊ में उपभोक्ताओं को दी जाने वाली “ट्रस्ट बिलिंग” की व्यवस्था की शुरुआत की तथा कन्ज्यूमर ऐप की लांचिंग की। इस व्यवस्था के तहत् उपभोक्ता सेल्फ बिल जनरेशन की प्रक्रिया को अपनाकर घर बैठे अपना बिल स्वयं जनरेट कर सकेंगे।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि ट्रस्ट बिलिंग के तहत सेल्फ बिल जनरेशन की सुविधा घरेलू और वाणिज्यिक श्रेणी के 09 किलोवाट भार तक के उपभोक्ता को दी जायेगी। ऐसे उपभोक्ता अब घर बैठे अपना स्वयं का बिल जनरेट कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें- यूपीपीसीएल की वेबसाइट www.uppcl.org अथवा www.upenergy.in पर लॉगिन करना होगा। इसके अंतर्गत उपभोक्ता को वेबसाइट की कंज्यूमर कॉर्नर में जाकर “सेल्फ बिल जनरेशन” Self Bill Generation को क्लिक व लॉगिन कर रजिस्टर्ड करना होगा और इसमें अपने विद्युत कनेक्शन के खाता संबंधी विवरण को दर्ज कर वर्तमान मीटर रीडिंग के साथ पिछले महीने की डिमांड रीडिंग को भी दर्ज करना होगा। अन्य विकल्प के रूप में यूपीपीसीएल की नव निर्मित मोबाईल कंज्यूमर ऐप (UPPCL Consumer APP) को एपल एप स्टोर अथवा गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर लॉगिन करना होगा। यह मोबाइल एप्लिकेशन उपभोक्ताओं की सेवाओं के लिए नई बनाई गई है। इस पर लॉगिन के बाद Self Bill Generation का विकल्प मिलेगा।

उपरोक्त किसी भी तकनीकी विकल्प की पूरी प्रक्रिया को अपनाने के बाद 24 से 48 घंटे में उपभोक्ता का बिल जनरेट हो जाएगा। इसके पश्चात उपभोक्ता के रजिस्टर्ड ई-मेल या उसके दर्ज मोबाइल नंबर पर ई-मेल या एसएमएस के माध्यम से बिल की सम्पूर्ण जानकारी मिल जाएगी। साथ ही उपभोक्ता उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन की उपरोक्त वेबसाइट या एप पर लॉगिन कर अपना बिल डाउनलोड/प्रिंट कर सकेंगे।

ए. के. शर्मा ने बताया कि नए उपभोक्ताओं को इस व्यवस्था का लाभ लेने के लिये सर्वप्रथम अपने नजदीकी विद्युत कार्यालय या बिलिंग काउंटर से बिल को जनरेट करवाना होगा। नये उपभोक्ताओं के बिल की प्रक्रिया एक बार शुरू हो जाने के पश्चात दूसरी बार वे स्वयं ही अपना बिल जनरेट कर सकेंगे। इसी प्रकार उन्होने बकायेदार उपभोक्ताओं से यह भी अपील की है कि वर्तमान में चल रही एकमुश्त समाधान योजना (OTS) का लाभ लेते हुए पीछे के बकाये को चुकता कर दे। इसके बाद भविष्य में सेल्फ बिलिंग की प्रक्रिया को अपना सकते हैं।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि सेल्फ बिल जनरेशन की प्रक्रिया में उपभोक्ता द्वारा मीटर रीडिंग देने के 48 घंटे बाद भी बिल जेनरेट न होने पर उपभोक्ता संबंधित एसडीओ व अधिशासी अभियंता से संपर्क कर सकेगें या यूपीपीसीएल के हेल्पलाइन नंबर 1912 पर भी कॉल कर इसकी शिकायत कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि विभाग की उपरोक्त वेबसाइट या कंज्यूमर ऐप पर उपभोक्ता द्वारा महीने में मात्र एक बार ही मीटर रीडिंग दर्ज की जा सकेगी। सेल्फ बिल जनरेशन की प्रक्रिया में उपभोक्ताओं को सही रीडिंग ही दर्ज करना होगा। इसमें वर्तमान मीटर रीडिंग के साथ ही पिछले महीने की डिमांड रीडिंग को भी दर्ज करना होगा। ट्रस्ट बिलिंग की वास्तविकता की जांच के लिये विभाग द्वारा कभी-कभी उपभोक्ता के परिसर में जाकर भी मीटर की सही रीडिंग की जांच की जायेगी। विभाग द्वारा मीटर की रीडिंग की जांच के दौरान उपभोक्ता द्वारा सेल्फ बिल जनरेशन की प्रक्रिया में स्वंय दर्ज की गयी मीटर रीडिंग से मिलान किया जायेगा। इस दौरान उपभोक्ता द्वारा पोर्टल पर स्वंय दर्ज की गयी मीटर रीडिंग और वास्तविक मीटर रीडिंग में गैप पाए जाने पर या मीटर में रीडिंग स्टोर पाए जाने पर उपभोक्ता से बिल का डेढ़ गुना अतिरिक्त एनर्जी चार्ज वसूल किया जएगा।

ऊर्जा मंत्री ने सभी विद्युत उपभोक्ताओं से अपील की है कि ऊर्जा विभाग की इस लोक उपयोगी पहल एवं व्यवस्था को ज्यादा से ज्यादा अपनाएं और संशय रहित होते हुए समय से अपने बिलों का भुगतान करें, ऐसा करने से उन्हें गलत बिलिंग, बिलिंग में देरी, बिलिंग न होना, गलत रीडिंग की झंझटों से हमेशा के लिए मुक्ति मिलेगी। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि विभाग द्वारा उपभोक्ताओ को उपलब्ध कराई गई इस सुविधा का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए और उपभोक्ताओं को मदद एवं मार्गदर्शन करते हुए इसका अधिक से अधिक लाभ प्रदान किया जाए।

ऊर्जा मंत्री ने यह भी बताया कि यह तकनीक आधारित व्यवस्था पिछले कुछ महीनों से चल रहे तकनीकी नवाचारों की श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि इसके पहले उपभोक्ताओं को एसएमएस के मार्फत बिलिंग की जानकारी देने सहित बिल भरने के लिये 07 बार मैसेज भेजने की व्यवस्था की गयी। संभव पोर्टल के तहत स्थानिक स्तर के लेकर उच्च स्तर की सुनवाई की व्यवस्था भी की गयी। टोल फ्री नम्बर 1912 एवं विभाग की सोशल मीडिया की क्षमता को बढ़ाते हुए उसे और सक्षम बनाया गया है। तकनीकी संयंत्रों का अनुरक्षण से लेकर विद्युत चोरी के मामलों में ड्रोन के उपयोग से विद्युत तंत्र की मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था की गयी। अब iOS एवं Android दोनों पर उपलब्ध नई मोबाइल ऐप के जरिये उपभोक्ता के सशक्तिकरण की दिशा में एक नया ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं की बेहतर सेवा के लिये ऊर्जा परिवार लगातार प्रयासरत है।

इस अवसर पर यूपीपीसीएल के अध्यक्ष डा0 अशीष कुमार गोयल ने कहा कि ऊर्जा मंत्री जी के निर्देशों के क्रम में ही उपभोक्तों को नयी तकनीक से युक्त ट्रस्ट बिलिंग की सुविधा प्रदान की गयी है। इससे 3.28 करोड़ उपभोक्तों को अपने बिलों के भुगतान में आसानी होगी और वे समय पर अपना बिल जमा कर सकेंगे। उपभोक्तों के सामने अभी तक आने वाली बिलिंग संबंधी सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जायेगा। उन्होने कहा कि मा0 प्रधानमंत्री जी के विजन ईज ऑफ लिविंग के तहत जनता को उपलब्ध करायी जाने वाली सुविधाओं को और सरल व आसान बनाया जा रहा है। अब उपभोक्ताओं को बिल जमा करने के लिये बिजली कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। बिल कलेक्शन के अन्य विकल्पों के प्रयोग की भी योजना पर कार्य हो रहा है। इसके तहत विभिन्न बैंको, जनसेवा केन्द्रों, निजी संस्थानों का भी सहयोग लिया जायेगा

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor