कौशाम्बी में 15 वर्षीय किशोरी को 4 दिन में 4 बार और महीने में 6 बार सांप ने डसा,इलाज में जमापूंजी खत्म, गांव से पलायन को मजबूर हुआ परिवार

कौशाम्बी,

कौशाम्बी में 15 वर्षीय किशोरी को 4 दिन में 4 बार और महीने में 6 बार सांप ने डसा,इलाज में जमापूंजी खत्म, गांव से पलायन को मजबूर हुआ परिवार,

यूपी के कौशाम्बी जिले में एक 15 वर्षीय किशोरी को 4 दिन में 4 बार और महीने में 6 बार सांप ने डस लिया है,सांप के काटे जाने के निशान अब भी उसके पैर पर दिख रहे हैं। इससे परिवार दहशत में है और गांव छोड़ने की तैयारी में कर रहा है। वहीं उन्होंने अपने छोटे बच्चों को रिश्तेदारों के पास भेज दिया है।

मामला सिराथू तहसील के भैंसहापर गांव का है। जहां 15 वर्षीय किशोरी रिया मौर्य को पिछले एक महीने में सांप ने 6 बार डसा है। वहीं 27 अगस्त से 30 अगस्त के बीच हालात और बिगड़ गए। रिया को महज 4 दिनों में 4 बार सांप ने डस लिया। कभी नहाते समय तो कभी घरेलू काम के दौरान।

किशोरी के पिता ने बताया कि 22 जुलाई 2025 को खेत में काम करते वक्त पहली बार सांप ने काटा था। जिला अस्पताल में इलाज के बाद वह ठीक हो गई। लेकिन राहत ज्यादा दिन नहीं मिली। 13 अगस्त को फिर सांप ने काट लिया। हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने प्रयागराज रेफर किया, जहां निजी अस्पताल में उसका इलाज हुआ।

रिया के पिता राजेंद्र मौर्य ने बताया कि बार-बार इलाज कराने में परिवार की जमा पूंजी खत्म हो चुकी है। अब मजबूरी में झाड़-फूंक और तांत्रिकों का सहारा ले रहे हैं। रिया ने बताया कि सांप बहुत बड़ा, काले रंग का और हरी धारियों वाला था। काटने के एक घंटे बाद वह बेहोश हो जाती है और होश अस्पताल या तांत्रिक के पास ही आता है।

लगातार हुई इन घटनाओं के बाद छोटे बच्चों को ननिहाल भेज दिया गया है। परिवार अब झोपड़ीनुमा घर में रह रहा है और गांव छोड़ने की सोच रहा है। सिराथू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल ऑफिसर अखिलेश सिंह ने बताया कि रिया को तीन बार अस्पताल लाया गया था। हर बार पैरों में सांप के काटने के निशान मिले और एंटीवेनम दिया गया। दो बार जिला अस्पताल भी रेफर किया गया। डॉक्टरों का कहना है कि एक ही बच्ची को बार-बार सांप काटना बेहद असामान्य और चौंकाने वाला मामला है।

गांव वालों का आरोप है कि सूचना देने के बाद भी वन विभाग ने सांप पकड़ने की कोशिश नहीं की। न ही प्रशासन ने पीड़ित परिवार की कोई मदद की। ग्रामीणों में गुस्सा है और सवाल उठ रहा है कि आखिर कब तक यह परिवार सांप के साए में जिएगा?

रिया ने बताया कि सांप गहरे काले रंग का है और उस पर हरी धारियां हैं। काटने के एक घंटे बाद वह बेहोश हो जाती है। डर के कारण उसके छोटे भाई-बहन ननिहाल चले गए हैं। कच्चे मकान में रहने वाला परिवार अब पलायन की सोच रहा है।

भवंस मेहता महाविद्यालय के जूलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डा. महेन्द्र उपाध्याय का कहना है कि कोबरा हो या वायपर हो इन प्रजातियों के सापों में जहर होता है। पर जिस तरह से वह बच्ची बता रही है कि हरे रंग के धारी धार सांप ने उसे काटा है। वह वाटर स्नैक हो सकता है। वाटर स्नैक में जहर नहीं होता है।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor