को- लोकेटेड आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्रारंभ,दिव्यांग बच्चों के स्क्रीनिंग, समावेशन और संदर्भित करने के लिए दिया जा रहा प्रशिक्षण

कौशाम्बी:को- लोकेटेड आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्रारंभ,दिव्यांग बच्चों के स्क्रीनिंग, समावेशन और संदर्भित करने के लिए दिया जा रहा प्रशिक्षण,

यूपी के कौशाम्बी जिले में गुरुवार को को बीआरसी मंझनपुर में को- लोकेटेड आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। इसके अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दिव्यांग बच्चों के स्क्रीनिंग, समावेशन और संदर्भित करने के लिए यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

कार्यक्रम का शुभारंभ खंड शिक्षा अधिकारी मंझनपुर प्रमोद कुमार द्वारा सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी प्रणाली दुनिया की सबसे बड़ी सार्वजनिक सरकारी व्यवस्था है, जिसमें लगभग 14 लाख केंद्रों के माध्यम से 8 करोड़ से अधिक बच्चों तक नियमित रूप से पहुंच है। देश के इतिहास में पहली बार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिए दिव्यांग बच्चों के स्क्रीनिंग और समावेशन हेतु यह प्रोटोकॉल लॉन्च किया जा रहा है, इसमें प्रारंभिक संकेत एवं लक्षणों के आधार पर बच्चों की जांच एवं पहचान की जाएगी। यह प्रोटोकॉल दिव्यांग बच्चों को सशक्त बनाने के साथ-साथ पूरे समाज को संवेदनशील बनाने हेतु एक महत्वपूर्ण पहल है।

संदर्भ दाता राजीव कुमार तिवारी (स्पेशल एजुकेटर) एवं मीनू शुक्ला (स्पेशल एजुकेटर) के द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सभी बच्चों को उनके विकासात्मक चरण के प्रमुख सूचनाओं में देरी के लिए किस प्रकार मूल्यांकन किया जाए तथा प्रारंभिक संकेत एवं लक्षणों के आधार पर किस प्रकार बच्चों की जांच की जाए इस संबंध में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण के द्वारा दिव्यांग बच्चों की पहचान एवं उनकी सहायता तथा पोषण ट्रैक्टर के माध्यम से बच्चों के प्रगति को ट्रैक करना सुनिश्चित करना है।

इस प्रशिक्षण में 34 को- लोकेटेड आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा प्रतिभाग किया गया ।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor