एनीमिया एवं कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए फोर्टीफाइड चावल का वितरण

उत्तर प्रदेश,

एनीमिया एवं कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए फोर्टीफाइड चावल का वितरण,

न्यूज ऑफ इंडिया (एजेन्सी)

उत्तर प्रदेश में विशेषकर बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं में एनीमिया एवं कुपोषण की समस्या से निपटने हेतु फोर्टीफाइड चावल का वितरण किया जा रहा हैै। यह एक वैज्ञानिक रूप से सिद्ध लागत प्रभावी, स्केलेबल और टिकाऊ प्रक्रिया है जो कि चावल की मिलिंग के दौरान उत्पन्न सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है। फोर्टीफाइड चावल के निर्माण हेतु सामान्य चावल में आयरन, फोलिक एसिड, एवं विटामिन बी-12 आदि सूक्ष्म पोषक तत्वों से युक्त फोर्टिफाईड राइस कर्नेल को 100ः1 के अनुपात में मिश्रित किया जाता है।

खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार फोर्टीफाइड चावल योजना का पायलट चरण जनपद चन्दौली एवं जनपद वाराणसी से प्रारम्भ किया गया था, जिसके अन्तर्गत अप्रैल, 2021 से सभी कल्याणकारी योजनाओं में फोर्टीफाइड चावल का वितरण आरम्भ किया गया। प्रथम चरण में मार्च 2022 तक आई0सी0डी0एस0 एवं पी0एम0 पोषण योजनाओं में शतप्रतिशत फोर्टीफाइड चावल वितरित किया गया।

दूसरे चरण में प्रदेश के 60 हाईबर्डन एवं आकांक्षात्मक जनपदों में मार्च 2023 तक एन0एफ0एस0ए0 सहित सभी योजनाओं में शतप्रतिशत फोर्टीफाईड चावल का वितरण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित था, जिसे अक्टूबर, 2022 में ही प्राप्त कर लिया गया। मार्च 2023 तक 63 जनपदों में फोर्टीफाईड चावल का वितरण किया गया।

तीसरे चरण में भारत सरकार द्वारा योजना के तृतीय चरण में मार्च 2024 तक शेष जनपदों में भी एन0एफ0एस0ए0 सहित सभी योजनाओं में शतप्रतिशत फोर्टीफाईड चावल का वितरण किये जाने के लक्ष्य के सापेक्ष माह अगस्त, 2023 से आवंटन के सापेक्ष प्रदेश के समस्त जनपदों में पूर्ण रूप से फोर्टीफाइड चावल की आपूर्ति की गयी।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor