उत्तर प्रदेश,
विगत साढ़े पांच वर्षाें में प्रदेश में हुए परिवर्तन सभी के सामने,प्रदेश के प्रति लोगों का पर्सेप्शन बदला: मुख्यमंत्री,
न्यूज़ ऑफ इंडिया (एजेन्सी)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत साढ़े पांच वर्षाें में प्रदेश में हुए परिवर्तन सभी के सामने हैं। प्रदेश के प्रति लोगों का पर्सेप्शन बदला है। आमजनमानस के मन में एक नया विश्वास जागृत हुआ है। इस विश्वास के साथ समाज के सभी तबकों के व्यक्ति जाति, मत, मजहब, क्षेत्र तथा भाषा से ऊपर उठकर सरकार के विकास के विजन के साथ स्वयं को जोड़कर गौरव की अनुभूति करता है और अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने का प्रयास कर रहा है।
मुख्यमंत्री मंगलवार को विधान सभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए प्रस्तुत अनुपूरक बजट पर चर्चा के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मार्च, 2022 में प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ। लगभग 37 वर्षाें के बाद ऐसा अवसर आया, जब सत्ता में रहते हुए कोई दल पुनः पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रहा हो। लोकतंत्र में जनता का आशीर्वाद व समर्थन जनविश्वास का प्रतीक होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश की सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है। यहां 25 करोड़ की आबादी निवास करती है। कोरोना काल खण्ड में 40 लाख प्रवासी श्रमिक तथा कामगार प्रदेश में आये। प्रदेश सरकार ने उनका स्वागत करते हुए उन्हें सभी सुविधाएं प्रदान कीं। उनकी स्किल मैपिंग कराते हुए उनके अनुरूप कार्याें को देने में सफलता प्राप्त हुई। कोरोना प्रबन्धन का बेहतरीन मॉडल राज्य ने देश व दुनिया में प्रस्तुत किया। वर्ष 2018 में प्रदेश सरकार ने ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ लागू की। आज इसके परिणाम हमारे सामने हैं। बेहतरीन कानून-व्यवस्था के माध्यम से उत्तर प्रदेश ने देश में नजीर प्रस्तुत की है। आज सभी पर्व और त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से मनाये जाते हैं। सभी लोग अपने को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘ईज ऑफ लिविंग’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव के समाज के प्रत्येक तबके तक पहुंचाने का कार्य किया है। विगत 05 वर्षाें में 45 लाख लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत एक-एक आवास प्रदान किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में 02 करोड़ 61 लाख गरीबों को तथा शहरी क्षेत्रों में लगभग 10 लाख गरीबों को शौचालय की सुविधा प्रदान की गयी है। प्रदेश में 01 लाख 21 हजार से अधिक मजरों का विद्युतीकरण करने के साथ ही 01 करोड़ 43 लाख से अधिक गरीबों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं। 01 करोड़ 70 लाख परिवारों को रसोई गैस के निःशुल्क कनेक्शन दिये गये हैं। कोविड काल खण्ड में प्रदेश में 15 करोड़ गरीबों को डबल इंजन की सरकार ने डबल डोज राशन की सुविधा प्रतिमाह उपलब्ध करायी थी। यह सरकार के संवेदनशील चेहरे को प्रदर्शित करता है। कानून के राज तथा नागरिकों के प्रति जिम्मेदारी और जवाबदेही के साथ सरकार ने कार्य किये। यह देश व दुनिया ने देखा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘जान है जहान है’ के मंत्र को प्रदेश ने लागू किया। जीवन और जीविका को बचाने के लिए राज्य में टेस्टिंग की संख्या बढ़ायी गयी तथा प्रदेश के कारखानों, उद्योगों आदि को कोविड हेल्पडेस्क बनाकर चालू रखा गया।
प्रधानमंत्री ने जहां बीमार वहीं उपचार की अवधारणा प्रस्तुत की। इसके लिए राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी, आशा वर्कर तथा हेल्थ वर्कर्स के माध्यम से घर-घर स्क्रीनिंग की कार्यवाही की और उपचार की सुविधा उपलब्ध करायी गयी। उत्तर प्रदेश के इस मॉडल को सभी ने स्वीकारा।
आज प्रदेश देश में ईज ऑफ लिविंग तथा ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में एक बेहतरीन लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अनुपूरक बजट 33 हजार 769 करोड़ 55 लाख रुपये का है। मूल बजट 06 करोड़ 15 लाख रुपये का था। प्रदेश सरकार का वर्ष 2022-23 का बजट अनुपूरक बजट को मिलाकर लगभग 6.5 लाख करोड़ रुपये का होने जा रहा है। उत्तर प्रदेश की बड़ी आबादी के लिए बड़ी सोच के साथ सरकार कार्य कर रही है। सरकार ने बेहतरीन वित्तीय प्रबन्धन का उदाहरण प्रस्तुत किया है। आज देश में जिन राज्यों की आबादी उत्तर प्रदेश से बहुत कम है, वे घाटे का बजट प्रस्तुत करते हैं। उत्तर प्रदेश राजस्व सरप्लस स्टेट है। यह प्रदेश की उपलब्धि है। लगातार पिछले 05 वर्षाें से राज्य सरकार ने वित्तीय प्रबन्धन का कार्य किया है। कोविड-19 के बावजूद बजट में फिस्कल रिस्पॉन्सबिलिटी एण्ड बजट मैनेजमेंट एक्ट (एफ0आर0बी0एम0 एक्ट) की सीमा को कभी लांघा नहीं गया है। इस सीमा के दायरे में रहकर बजट बनाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लोक कल्याणकारी योजनाओं तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर के बड़े-बड़े कार्याें को गति प्रदान की गयी है। इन्हीं कार्यक्रमों के लिए अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहा कि कई कार्याें के लिए सरकार ने अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया है। प्रदेश को प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप भारत की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनाने के लिए नये कदम उठाने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री जी ने भारत को वर्ष 2024 तक 05 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए भारत सरकार युद्धस्तर पर कार्य कर रही है। उत्तर प्रदेश भी इस दिशा में प्रयास कर सके, इसके लिए राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप उत्तर प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने और देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनाने की दिशा में प्रयास प्रारम्भ किये हैं। इन्हीं प्रयासों के क्रम में यह अनुपूरक बजट लेकर मा0 सदन के सम्मुख आये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार आगामी 10 से 12 फरवरी, 2023 के मध्य निवेश के बड़े लक्ष्य को लेकर ‘यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ का आयोजन करने जा रही है। विगत 05 वर्षाें में 04 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश प्रदेश में हुआ है। उत्तर प्रदेश आज डाटा सेण्टर का हब बन रहा है। प्रदेश के पहले डाटा सेण्टर का लोकार्पण ग्रेटर नोएडा में किया गया है। देश की पहली डिस्प्ले यूनिट प्रदेश में लग गयी है, जिससे उत्पादन प्रारम्भ हो गया है। आई0टी0 और आई0टी0एम0एस0 तथा अनेक सेक्टरों में निवेश की सम्भावनाएं आगे बढ़ी हैं। मथुरा के कोसी कलां में पेप्सिको का सेण्टर स्थापित हो चुका है। उससे प्रोडक्शन प्रारम्भ हो गया है। यह किसानों से आलू खरीदकर उनका प्रोसेसिंग के माध्यम से विभिन्न उत्पाद बनाकर उन्हें भारत एवं दुनिया के बाजार में प्रस्तुत करने का कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डिफेंस कॉरिडोर उत्तर प्रदेश का नया ब्राण्ड बनने जा रहा है। प्रदेश में एम0एस0एम0ई0 का बेहतरीन क्लस्टर मौजूद था, जो उपेक्षा के कारण मृतप्राय हो रहा था। सरकार ने उसे तकनीक के साथ जोड़ते हुए एक ब्राण्ड दिया तथा बाजार उपलब्ध कराया। आज वह फिर से आगे बढ़ रहा है। एम0एस0एम0ई0 अर्थव्यवस्था की बहुत बड़ी ताकत बन रहा है। प्रदेश एक्सपोर्ट का भी हब बन रहा है। ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ के माध्यम से हम इसे आगे बढ़ा रहे हैं। इसने प्रदेश के निर्यात को दोगुने से अधिक कर दिया है। वर्ष 2015-16 तक प्रदेश से 50 से 55 हजार करोड़ रुपये का निर्यात होता था, जबकि प्रदेश से वर्ष 2021-22 में 01 लाख 56 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की कनेक्टिविटी बेहतर हुई है। आज उत्तर प्रदेश 06 एक्सप्रेस-वे वाला देश का पहला राज्य बन चुका है। भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश में 07 एक्सप्रेस-वे पर वर्तमान में कार्य चल रहा है। यह प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देगा। प्रदेश की इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी को 04-लेन में बदला जा रहा है। हर जनपद मुख्यालय को 04-लेन तथा हर तहसील, विकास खण्ड को 02-लेन की कनेक्टिविटी से जोड़ा जा रहा है। प्रदेश में देश का सबसे अच्छा रेल नेटवर्क है। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर तथा वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर प्रदेश से गुजरते हैं। इनका जंक्शन उत्तर प्रदेश में दादरी में पड़ता है। यह लॉजिस्टिक हब बनने जा रहा है। इसमें राज्य सरकार ने निवेश की अनेक सम्भावनाओं को आगे बढ़ाया है, जो प्रदेश को लॉजिस्टिक के महत्वपूर्ण हब के रूप में प्रस्तुत करेगी। वर्ष 2017 तक उत्तर प्रदेश में 02 एयरपोर्ट पूरी तरह फंक्शनल थे तथा 02 आंशिक क्रियाशील थे। आज प्रदेश में 09 एयरपोर्ट पूरी तरह क्रियाशील हो चुके हैं। इनसे 77 गंतव्यों तक उड़ान की सुविधा उपलब्ध है। प्रदेश में 03 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट हैं। 02 अन्य अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है। प्रदेश में 10 नये एयरपोर्ट पर वर्तमान में काम चल रहा है, जिनमें से 05 के एम0ओ0यू0 एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इण्डिया के साथ हो चुके हैं। बेहतरीन कनेक्टिविटी ने उत्तर प्रदेश के विकास को नयी गति दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में देश का पहला इनलैण्ड वॉटर-वे हल्दिया से वाराणसी के मध्य प्रारम्भ हो गया है। पहले प्रदेश लैण्डलॉक्ड राज्य था। यह हमारी सबसे बड़ी कमी मानी जाती थी। वॉटर-वे से जोड़कर ट्रांसपोर्ट की दिशा में बड़ी सफलता प्राप्त की गयी है। भारत सरकार के साथ मिलकर इसे और विस्तार दिया जा रहा है। बलिया के किसानांे द्वारा उत्पादित सब्जी को इनलैण्ड वॉटर-वे का उपयोग करते हुए दूसरे देशों को एक्सपोर्ट किया जा रहा है। अन्नदाता किसान इससे बहुत लाभान्वित हो रहे हैं। कोरोना काल खण्ड में प्रदेश की सभी 119 चीनी मिलें चल रही थीं। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश की चीनी मिलें बन्द होने की कगार पर थीं। आज उत्तर प्रदेश की चीनी अन्य देशों को निर्यात हो रही हैं। प्रदेश, देश में सबसे बड़ा एथेनॉल उत्पादक राज्य के रूप में भी उभरा है। अन्नदाता किसानों को अब तक 01 लाख 81 हजार करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पास देश का सबसे ऊर्जावान व प्रतिभाशाली युवा है। युवाओं की स्किल डेवलेपमेंट के लिए तथा नौजवानों को स्थानीय स्तर पर रोजगार की उपलब्धता के लिए सरकार ने कार्य प्रारम्भ किया है। सरकार इन व्यवस्थाओं के साथ अनुपूरक बजट लेकर सदन में आयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुपूरक बजट में कई क्षेत्रों पर फोकस किया गया है। 01 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने के लिए नगरीकरण महत्वपूर्ण शर्त है। सरकार ने प्रदेश में नये नगर निकाय गठित किये हैं। नये शहरों के विकास के लिए नये मॉडल तैयार किये जा रहे हैं। अनुपूरक बजट में नई टाउनशिप के विकास के लिए 04 हजार करोड़ रुपये प्रस्तावित किये गये हैं। इससे इन शहरों के विकास कार्य किये जा सकेंगे। एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र को गति देने के लिए निजी पार्क स्थापित करने तथा औद्योगिक एस्टेट विकसित करने के लिए इसमें 300 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। प्रदेश सरकार की एम0एस0एम0ई0 पॉलिसी देश की बेहतरीन पॉलिसी में से एक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक्सप्रेस-वे को कनेक्टिविटी का माध्यम बनाने के साथ ही उनके बेहतरीन उपयोग के लिए इन पर जगह-जगह औद्योगिक क्लस्टर का विकास करने के लिए अनुपूरक बजट में 08 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में इनका विकास किया जा सकेगा। पी0एम0 गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था अनुपूरक बजट में की गयी है। प्रधानमंत्री जी ने विगत वर्ष ही इसकी घोषणा की थी। इस योजना के माध्यम से किसी भी योजना के एलाइन्मेंट की राह में आने वाली बाधा का पता चल जाएगा। आने वाले समय में इसका भरपूर लाभ लोगों को प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अन्नदाता किसानों के निजी नलकूपों के टैरिफ में 50 प्रतिशत की छूट दी थी। इस कारण पावर कॉरपोरेशन को हुए लॉस की प्रतिपूर्ति के लिए 1,250 करोड़ रुपये का प्राविधान बजट में किया गया है। प्रदेश में चीनी मिलों के आधुनिकीकरण व विस्तारीकरण तथा नये संयंत्रों व डिस्टलरीज की स्थापना के लिए धनराशि की व्यवस्था की गयी है। युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है कि वे पाठ्यक्रम तक ही सीमित न रहें, बल्कि खेल-कूद व अन्य रचनात्मक गतिविधियों के साथ जुड़ें। आगामी मार्च-अप्रैल में प्रदेश में इण्डिया यूनिवर्सिटी गेम्स का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए धनराशि की व्यवस्था अनुपूरक बजट में की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था की स्थापना के लिए 01 लाख 64 हजार पुलिस कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया ईमानदार व पारदर्शी तरीके से सम्पन्न की गयी। इनकी ट्रेनिंग के लिए ट्रेनिंग सेण्टर की क्षमता बढ़ायी गयी। पुलिस आधुनिकीकरण के कार्य किये गये। प्रदेश के 07 जनपदों में वर्तमान में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया जा चुका है। अपराध की बदलती प्रकृति को ध्यान में रखते हुए साइबर क्राइम के नियंत्रण के लिए हर रेंज में साइबर थाने की व्यवस्था, एफ0एस0एल0 लैब्स की स्थापना की गयी है। साथ ही, लखनऊ में उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज की स्थापना की जा रही है। सरकार का प्रयास है कि नये सत्र में यहां डिप्लोमा तथा डिग्री के पाठ्यक्रम प्रारम्भ हो जाएं। उत्तर प्रदेश के नौजवान इससे जुड़कर अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकें। देश तथा प्रदेश में इस क्षेत्र में मैनपावर की कमी को भी दूर किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 05 वर्षाें में प्रदेश में शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने का प्रयास बेहतर तरीके से प्रारम्भ हुआ है। भारत सरकार ने राज्य के 10 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में चयनित किया है। शेष 07 नगर निगमों को राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से राज्य स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत लेते हुए इनमें बेहतरीन कार्य किये हैं। इनकी देश में सराहना हो रही है। स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत इण्टीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आई0टी0एम0एस0) को लागू करने की कार्यवाही की जा रही है। आज प्रदेश में गौतमबुद्धनगर तथा 17 नगर निगमों सहित 18 जनपदों में आई0टी0एम0एस0 की स्थापना की दिशा में आगे बढ़े हैं तथा स्मार्ट सिटी मिशन और गृह विभाग के साथ मिलकर उन्हें सेफ सिटी के रूप में विकसित करने की कार्यवाही की जा रही है। देश में उत्तर प्रदेश पहला राज्य होगा, जहां कुछ समय के दौरान 18 शहरों को सेफ सिटी के रूप में घोषित किया जाएगा। यहां ट्रैफिक की पूरी व्यवस्था ऑटोमोड पर होगी। इसके लिए भी अनुपूरक बजट में प्राविधान किये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भारत के लिए गौरव की बात है कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में जिस ब्रिटेन ने भारत पर 200 वर्षाें तक शासन किया था, उसे पीछे कर भारत विश्व की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बना है। अमृत महोत्सव वर्ष में भारत को जी-20 देशों का नेतृत्व प्राप्त हुआ है। इन देशों का दुनिया के 80 प्रतिशत संसाधनों पर अधिकार है। भारत अगले एक वर्ष तक प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में जी-20 के देशों का नेतृत्व करेगा। यह भी हमारे लिए गौरव की बात है। जी-20 के कुछ सम्मेलन उत्तर प्रदेश में भी आयोजित होने हैं। इसके लिए भी बजट में प्राविधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पर्सेप्शन को देश व दुनिया के सामने प्रस्तुत करने में प्रयागराज कुम्भ-2019 ने बहुत बड़ी भूमिका का निर्वहन किया था। स्वच्छता, सुरक्षा तथा सुव्यवस्था के माध्यम से दिव्य और भव्य कुम्भ का संदेश प्रयागराज ने दिया था। वर्ष 2025 में हमारी सरकार को पुनः दिव्य और भव्य कुम्भ के आयोजन का अवसर प्राप्त होगा। इसके लिए धनराशि की व्यवस्था की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल शिक्षा में उत्तर प्रदेश ने अच्छी प्रगति की है। हम ‘एक जनपद, एक मेडिकल कॉलेज’ की स्थापना की दिशा में बहुत आगे बढ़ चुके हैं। वर्ष 1947 से 2017 के बीच राज्य में केवल 12 से 13 राजकीय मेडिकल कॉलेज बन पाये थे। विगत 5.5 वर्ष के दौरान प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत प्रदेश में 35 से अधिक मेडिकल कॉलेज का निर्माण करने में सफल हुए हैं। शेष की पी0पी0पी0 मोड पर स्थापना की कार्यवाही चल रही है। वर्ष 2020 में कोविड के आने के समय प्रदेश के 36 जनपदों में आई0सी0यू0 का एक भी बेड तथा वेण्टिलेटर नहीं था। कोविड काल खण्ड में हमने वर्चुअल आई0सी0यू0 का मॉडल प्रस्तुत किया था। आज प्रदेश के सभी 75 जनपदों में आई0सी0यू0 तथा वेण्टिलेटर की सुविधा मौजूद है। यहां पर चिकित्सक तैनात किये गये हैं। वहां एक्सपर्ट तैनात करने की कार्यवाही हो रही है। उन्हें पी0जी0आई0एम0एस0 तथा के0जी0एम0यू0 के साथ जोड़कर वर्चुअल आई0सी0यू0 की सुविधा सभी जनपदों में उपलब्ध कराने की कार्यवाही करने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूर-दराज के क्षेत्रों में सरकार टेलीकंसल्टेशन की सुविधा प्रारम्भ करने की कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ा रही है। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पी0एच0सी0) को इससे जोड़ा जा रहा है। हेल्थ ए0टी0एम0 की स्थापना तथा सभी जनपदों में एक मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था के लिए बजट में प्राविधान किये गये हैं। प्रदेश मातृत्व मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर को काफी हद तक नियंत्रित करते हुए राष्ट्रीय औसत के नजदीक पहुंचने में सफल हुआ है। मिशन इन्द्रधनुष के तहत बच्चों के शत-प्रतिशत टीकाकरण की दिशा में प्रदेश ने काफी प्रगति की है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नीति आयोग ने वर्ष 2018 में विकास की दृष्टि से पीछे रह गये देश के 112 जनपदों को चिन्हित किया था। इसके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, जल संसाधन, रोजगार व स्किल डेवलेपमेंट तथा वित्तीय समावेशन जैसे 06 पैरामीटर तय किये गये थे। इन 112 जनपदों में से 08 जनपद उत्तर प्रदेश के थे। इनमें जनपद सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, चन्दौली, सोनभद्र, चित्रकूट और फतेहपुर शामिल थे। यह आकांक्षात्मक जनपद थे। देश के सभी आकांक्षात्मक जनपदों की रैंकिंग में उत्तर प्रदेश की रैंकिंग बहुत पीछे थी। पिछले 04-05 वर्षाें में कोविड-19 के बावजूद किये गये कार्याें का परिणाम है कि वर्ष 2021-22 की रैंकिंग में टॉप 10 की सूची में उत्तर प्रदेश के 05 जनपद शामिल थे तथा टॉप 20 में उत्तर प्रदेश के सभी 08 जनपद शामिल थे। इन आकांक्षात्मक जनपदों ने बेहतरीन प्रगति की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आकांक्षात्मक जनपदों से प्रेरित होकर प्रदेश सरकार ने राज्य के 100 पिछड़े विकास खण्डों का चयन किया। इन्हें चिन्हित कर वहां पर विकास को गति देने के कार्यक्रम प्रारम्भ हुए हैं। इनके लिए धनराशि की व्यवस्था अनुपूरक बजट में की गयी है। ऐसे सभी विकास खण्डों में मुख्यमंत्री फेलोशिप की नियुक्ति की व्यवस्था की गयी है, जिसके माध्यम से सभी कार्याें को आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश के 10 जनपदों में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की स्थापना के लिए बजट में व्यवस्था की गयी है। परिवहन निगम द्वारा 1000 नयी बसों के क्रय करने के लिए बजट में व्यवस्था की गयी है। इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग, उनके चार्जिंग स्टेशन बनाने तथा अन्य सुविधाओं की उपलब्धता के लिए इंसेंटिव प्रदान करने हेतु बजट में प्राविधान किया गया है। आई0सी0डी0एस0 तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों को अपग्रेडेशन हेतु सरकार ने अनुपूरक बजट में प्राविधान किया है। सड़कों तथा पी0डब्ल्यू0डी0 के कार्याें के लिए भी बजट में प्राविधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी लखनऊ में कुकरैल में नाइट सफारी की स्थापना के लिए धनराशि का प्राविधान किया गया है। यह लखनऊ को पर्यटन की दृष्टि से बेहतरीन गंतव्य के रूप में स्थापित करेगी।
राज्य सरकार ने स्किल डेवलेपमेंट के लिए टाटा टेक्नोलॉजीज के साथ एम0ओ0यू0 किया है। इस मद में 273 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है, जिससे हमारे आई0टी0आईज स्किल डेवलपमेंट के बेहतरीन सेण्टर बन सकें। राज्य सरकार तथा बेसिक व माध्यमिक शिक्षा में नकलविहीन परीक्षा सुनिश्चित करने, तकनीक के उपयोग से सर्विलॉन्स, जी0पी0एस0 टैªकिंग तथा सी0सी0टी0वी0 कैमरे की व्यवस्था कर रही है। श्रमिकों के बच्चों के साथ ही कोविड काल खण्ड में निराश्रित हुए बच्चों के लिए सभी कमिश्नरीज में अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना की जा रही है। आगामी मार्च-अप्रैल में सभी 18 विद्यालयों के संचालन करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। दिव्यांगजन सशक्तीकरण तथा पिछड़ा वर्ग कल्याण से जुड़ी योजनाओं के लिए बजट में प्राविधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में अत्यन्त समृद्ध है। हम इसका बेहतरीन उपयोग कर सकते हैं। प्रयागराज कुम्भ, अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मन्दिर निर्माण, काशी विश्वनाथ धाम तथा मथुरा-वृन्दावन के विकास की दिशा में प्रयास प्रारम्भ हुए हैं। अयोध्या में 30 हजार करोड़ रुपये की विकास की परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। मथुरा, वृन्दावन, बरसाना तथा उसके आसपास के क्षेत्रों के विकास के लिए 25 से 30 हजार करोड़ रुपये डबल इंजन की सरकार खर्च कर रही है। काशी तथा प्रयागराज के बीच में मां विन्ध्यवासिनी का धाम एक पवित्र शक्ति पीठ के रूप में है। मां विन्ध्यवासिनी धाम के त्रिकोणीय क्षेत्र जिसमें मां विन्ध्यवासिनी मन्दिर, अष्टभुजा मन्दिर तथा मां काली खोह मन्दिर है। इनके परिक्रमा पथ तथा अन्य जनसुविधाओं के विकास के लिए धनराशि की व्यवस्था अनुपूरक बजट में की गयी है। नैमिषारण्य में एक वेद विज्ञान केन्द्र की स्थापना कर व्यापक शोध को आगे बढ़ाने तथा पर्यटन विकास की बड़ी योजना को राज्य सरकार के स्तर पर आगे बढ़ाया जा चुका है। शीघ्र ही लखनऊ से नैमिषारण्य के बीच में हेलीकाप्टर की सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए हेलीपैड और हेलीपोर्ट की व्यवस्था की कार्यवाही करने जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में कलाकारों की अच्छी टीम तथा विरासत है। वाराणसी, लखनऊ तथा कैराना के घरानों से प्रदेश को कला के क्षेत्र में एक पहचान मिली है। जनपद आजमगढ़ में हरिहरपुर में कला की तीनों विधाएं गायन, वादन तथा नृत्य एक साथ देखने को मिलती हैं। हरिहरपुर में एक संगीत महाविद्यालय के निर्माण के लिए राज्य सरकार धनराशि की व्यवस्था अनुपूरक बजट में कर रही है। गंगा की अविरलता तथा निर्मलता के लिए शेषी बचे एस0टी0पी0 को समय से पूरा करने के लिए भी अनुपूरक बजट में व्यवस्था की गयी है। ग्रामीण क्षेत्रों में ‘हर घर नल’ योजना चल रही है। इसे गति देने के लिए बजट में व्यवस्था की गयी है। कतिपय कारणों से जिन योजनाआंे को मूल बजट में स्थान नहीं मिल पाया था, उन्हें अनुपूरक बजट के माध्यम से करने का प्रयास किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार विकास तथा लोक कल्याण के विजन को ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ा रही हैं। उन्होंने सदन के सदस्यों से अनुरोध करते हुए कहा कि हम सभी का दायित्व बनता है कि शासन ने जो 25 सेक्टर चिन्हित किये हैं, उनमें निवेश की सम्भावनाओं को बढ़ाने में सभी अपना योगदान दें। इससे उनकी अच्छी छवि बनेगी। 25 अलग-अलग सेक्टरों से जुड़ी पॉलिसी के अन्तर्गत पर्याप्त लैण्ड बैंक की उपलब्धता कर निवेश को आकर्षित करने का कार्य किया जा रहा है। दुनिया यहां निवेश करने के लिए तत्पर है। सभी निवेशकों को सुरक्षा तथा सुविधा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। यह महत्वपूर्ण है कि स्थानीय स्तर के उद्यमी तथा व्यापारी इस अभियान से जुड़ंे।
मुख्यमंत्री ने कहा विधान सभा तथा जनपद स्तर पर हम लोगों को प्रेरित कर सकते हैं। अलग-अलग जनपदों में अलग-अलग सेक्टरों में अलग-अलग केन्द्र बन सकते हैं। विभिन्न जनपद एजुकेशन अथवा मेडिकल के हब बन सकते हैं। सरकार इसके लिए पूरी मदद करेगी। निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से निवेश की प्रक्रिया को सिंगल विण्डो सिस्टम से जोड़ा है। इसके माध्यम से 340 से अधिक सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। सभी निवेशकों को इन्सेंटिव प्रदान करने के लिए एक पोर्टल का विकास किया गया है।