उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण एवं गुजरात ग्रीन रिवोल्यूशन कम्पनी लि. के मध्य हुआ एम.ओ.यू. 

उत्तर प्रदेश,

उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण एवं गुजरात ग्रीन रिवोल्यूशन कम्पनी लि. के मध्य हुआ एम.ओ.यू.,

न्यूज़ ऑफ़ इंडिया (एजेंसी)

उत्तर प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह के समक्ष गुजरात ग्रीन रिवोल्यूशन कम्पनी लिमिटेड, गुजरात के प्रबंध निदेशक एवं अन्य पदाधिकारियों द्वारा गुजरात में ड्राप मोर क्राप माइक्रोइरीगेशन के क्रियान्वयन पर प्रस्तुतीकरण किया गया। जी.जी.आर.सी द्वारा गुजरात में माइक्रोइरीगेशन को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किये जाने के आधार पर बुधवार को उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उत्तर प्रदेश एवं गुजरात ग्रीन रिवोल्यूशन कम्पनी लिमिटेड, गुजरात (जी.जी.आर.सी) के मध्य एम.ओ.यू किया गया है। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग में आयोजित प्रस्तुतीकरण कार्यक्रम में यह एमओयू सम्पन्न हुआ।

इस अवसर पर उद्यान मंत्री द्वारा जी. जी. आर. सी से प्रदेश में प्रभावी ढंग से माइक्रोइरीगेशन पद्धति के बेहतर अंगीकरण एवं प्रदेश के किसानों को योजनान्तर्गत लाभान्वित किये जाने की अपेक्षा की गयी। प्रथम चरण में अलीगढ़ एवं वाराणसी मण्डल के साथ-साथ बुन्देलखण्ड क्षेत्र में माइक्रोइरीगेशन के क्रियान्वयन के निर्देश दिये गये। उन्होंने कहा कि इस पद्धति को अपनाने से कृषि उत्पादन पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा।

कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने कहा कि इस सिस्टम को सोलर पम्प वह खेत तालाब को भी लिंक किया जाएगा। कहा कि इस एमओयू के अच्छे परिणाम निखर कर आयेंगे। कहा कि एमओयू के बाद अब पीएमयू बनाई जायेगी। उद्यान निदेशक डा0 आर0के0 तोमर ने इस सिस्टम को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए स्पेशल कम्पेन वह डिमान्ट्रेशन कराते जाने की आवश्यकता पर बल दिया।

प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि गुजरात में वर्ष 2005 से अब तक इस पद्धति को अपनाकर लगभग 21 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में माइक्रोइरीगेशन का आच्छादन किया गया है। जी. जी. आर. सी द्वारा माइक्रोइरीगेशन फर्म के स्वयं मूल्य प्रणाली के स्थान पर सामग्रियों की लागत के आधार पर न्यूनतम मूल्य प्रणाली विकसित कर लागू की जाती है, जिस पर सहमति देने वाली फर्मों कार्य करती हैं। इस स्थिति में कृषक अंश अपेक्षाकृत कम लगता है। जी. जी. आर. सी पद्धति में थर्ड पार्टी द्वारा लगातार सत्यापन का कार्य किया जाता है और उनकी संस्तुति के अनुसार भुगतान की कार्यवाही केन्द्रीकृत प्रणाली के माध्यम से की जाती है। बताया गया कि किसानों की समस्याओं/कठिनाइयों के दिन-प्रतिदिन निराकरण हेतु जी. जी. आर.सी द्वारा पोर्टल पर तथा हेल्पलाइन नम्बर के माध्यम से व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है, जो कृषकों के लिए कदाचित अधिक लाभप्रद है। जी. जी. आर.सी पद्धति में वेब बेस्ड/आई.टी आधारित व्यवस्था में पंजीकरण के बाद आनलाइन स्वीकृति आदेश के निर्गमन, ले-आउट डिजाइन/बिल आफ क्वाटिंटी की अपलोडिंग, स्थापना, जियो टैगिंग/जियो फेसिंग, थर्ड पार्टी सत्यापन एवं भुगतान की कार्यवाही निर्धारित टाइम लाइन के अनुसार पोर्टल पर किसान, निर्माता फर्म एवं विभागीय अधिकारी/कर्मचारी द्वारा देखा एवं ट्रैक किया जा सकता है।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पर ड्राप मोर क्राप योजना के वेब बेस्ड पोर्टल एवं आनलाइन एम.आई.एस लागू करने हेतु गुजरात ग्रीन रिवोल्यूशन कम्पनी (जी. जी. आर. सी) की कन्सल्टेन्सी सर्विसेज प्राप्त कर आई.टी बेस्ड माडल को अपनाये जाने का परामर्श दिया गया है। उद्यान विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को उत्तर प्रदेश में गुजरात माडल को प्रभावी तरीके से लागू करने हेतु यहां की कृषि विविधीकरण के बारे में जानकारी दी गयी, एम.ओ.यू के समय जय प्रकाश शिवहरे, प्रबंध निदेशक, जी. जी. आर. सी, गुजरात, योगेश कुमार, विशेष सचिव, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, उत्तर प्रदेश शासन, अजीत कुमार व योगेश बन्धु, डब्ल्यू. आर. जी-2030 एवं विभाग के वरिष्ठ अधिकारी गण उपस्थित थे।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor