उत्तर प्रदेश,
कृषि मंत्री ने खाद्यान्न तथा सब्जियों का निर्यात बढ़ाने की रूपरेखा बनाने के लिए अधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश,
न्यूज़ ऑफ इंडिया (एजेन्सी)
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (ईरी) के क्षेत्रीय केंद्र वाराणसी द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा की। संस्थान द्वारा उत्तर प्रदेश में फसल प्रजातियों के उन्नयन, कृषि तकनीकी संवर्द्धन, विशेषकर चावल की प्रजातियां के गुणवत्ता सुधार के क्षेत्र में किए गए कार्यों के संबंध में उन्हें अवगत कराया गया।इस दौरान कृषि मंत्री ने उत्तर प्रदेश से खाद्यान्न तथा सब्जियों के निर्यात को बढ़ाकर कृषकों की आय में गुणात्मक सुधार करने के संबंध में भी रूपरेखा बनाने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही जी के समक्ष अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र वाराणसी के निदेशक सुधांशु सिंह द्वारा विगत 4 वर्षों में उत्तर प्रदेश में किए गए कार्यों की प्रगति पर प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया। इस दौरान उन्होंने 110-115 दिन में तैयार होने वाली चावल की प्रजातियों पर किए गए शोध के विषय में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चावल की प्रजातियां कम दिन में अधिक फसल उत्पादन करने में सक्षम हैं। इसके साथ ही इनमें प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों में भी अच्छी गुणवत्ता का उत्पादन देने की क्षमता है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की सहभागिता से कृषि विश्वविद्यालयों कृषि विज्ञान केंद्रों के सहयोग से उन्नतशील बीजों का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। सुधांशु सिंह ने कृषि प्रशिक्षण, शोध तथा वैज्ञानिक कार्यों के लिए सहयोग की अपेक्षा की।
कृषि मंत्री ने ईरी निदेशक से अपील की कि कम लागत तथा प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों में भी अधिक उत्पादन देने वाली प्रजातियों का विकास कर कृषि विश्वविद्यालय तथा कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से अधिक से अधिक विशेषज्ञों तथा किसानों को प्रशिक्षित करने पर जोर दिया जाए तथा कृषि क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने ईरी निदेशक को किसानों की समृद्धि के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए अधिकाधिक सहयोग करने का आश्वासन भी दिया।
बैठक के दौरान उपस्थित कृषि विभाग के अधिकारियों से कृषि मंत्री ने कहा कि वे प्रदेश के किसानों की आय संवर्द्धन के लिए गुणवत्तापूर्ण कृषि उत्पाद के लिए किसानों को तैयार करने तथा उनके उत्पादों को निर्यात की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के दिशा-निर्देश भी दिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए शीघ्र ही एक मिलेट्स फेस्टिवल का आयोजन किया जाय।बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ. देवेश चतुर्वेदी, विशेष सचिव कृषि विपणन ऋषिरेंद्र कुमार तथा कृषि विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।