पेयजल स्रोतों की निरंतरता को बनाए रखना बहुत जरूरी:बी०डी० चौधरी

उत्तर प्रदेश,

पेयजल स्रोतों की निरंतरता को बनाए रखना बहुत जरूरी:बी०डी० चौधरी,

न्यूज ऑफ इंडिया (एजेन्सी)

अपर निदेशक, पं० दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान बी0डी0 चौधरी ने कहा कि पेयजल स्रोतों की निरंतरता को बनाए रखना बहुत जरूरी है।पेयजल का दुरुपयोग न हो, इसके लिए जल की महत्ता व महत्व को समझते हुए लोगों को जागरूक किया जाना बहुत जरूरी है और इसके लिए सरकार द्वारा गम्भीर व सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। जल का उचित ढंग से संरक्षण करने के लिए सरकारी प्रयासों के साथ जनसहभागिता होना जरूरी है । श्री चौधरी ग्राम्य विकास संस्थान बख्शी का तालाब में जल जीवन मिशन पर आयोजित प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।

पं० दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास, संस्थान द्वारा राज्य पेयजल स्वच्छता मिशन के सहयोग से जल जीवन मिशन विषयक दो -दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण ( टी0ओ0टी0) कार्यक्रमों का आयोजन संस्थान मे किया जा रहा है। पूर्व निर्धारित एक हजार प्रशिक्षकों को विकसित करने के सापेक्ष 600 प्रशिक्षकों को क्रमशः तीन चरणों में दो-दो सौ प्रशिक्षु प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है तथा अवशेष 400 प्रशिक्षकों को संस्थान मुख्यालय के अधीनस्थ प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत क्षेत्रीय/जिला ग्राम्य विकास संस्थान, झाँसी, प्रयागराज, रायबरेली, मिर्जापुर तथा बुलन्दशहर में प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है। विगत में संचालित ‘पेयजल एवं स्वच्छता’ विषयक कार्यक्रमों में प्रशिक्षक के रूप में अपनी भूमिका निभा चुके प्रशिक्षु हीं इस ‘टी0ओ0टी0’ में प्रतिभाग कर रहे है, जिसके अन्तर्गत सेवानिवृत्त अधिकारी/कार्मिक तथा स्वैच्छिक संगठनों के विषयगत वार्ताकार भी है।

प्रथम चरण के दृष्टिगत दिनांक 10-11 अप्रैल की अवधि में आयोजित हो रहे प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में संस्थान के अपर निदेशक, बी0डी0 चौधरी ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुये बताया की पेयजल स्त्रोतों की निरंतरता को ध्यान रखते हुये पेयजल के दुरूपयोग को रोकना बहुत जरूरी है तथा जल जीवन मिशन के अन्तर्गत संचालित ग्रामीण पेयजल आपूर्ति विषयक योजनाओं के संचालन एवं अनुरक्षण के लिए सतर्कता बरतने के साथ पेयजल के जैविक एवं रासायनिक प्रदूषण को भी दूर करना है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के राज्य स्तरीय प्रबुद्ध वार्ताकारों द्वारा दिये गये ज्ञान को, भली प्रकार समझना बहुत आवश्यक है, जिससे विकास खण्ड एवं ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित होने वाले प्रशिक्षणों में ग्राउंड लेवल शासकीय व अशासकीय कार्मिकों तथा पंचायत प्रतिनिधियों को जल जीवन मिशन विषयक कार्यक्रम के प्रासंगिक बिन्दुओं का सुगमता पूर्वक ज्ञानवर्धन कर सकें।

इस अवसर पर प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुये, कार्यक्रम के नियंत्रक अधिकारी डॉ० सुरेश सिंह, उप निदेशक, संस्थान ने बताया की जल जीवन मिशन कार्यक्रम प्रधानमन्त्री का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसके माध्यम से हर घर नल से जल उपलब्ध कराना है। इस प्रकार यदि व्यवहारिक दृष्टि से देखा जाये तो समुदाय और पंचायत प्रतिनिधियों की महती भूमिका है क्योंकि समुदाय स्तर पर संचालित होने वाली विभिन्न प्रकार की योजनाऐं तभी सफल हो सकती है जब उन योजनाओं की ग्राह्यता उस समुदाय विशेष को हो तथा पंचायत प्रतिनिधियों का सहयोग एवं सम्बन्धित शासकीय कार्मिकों का उचित मार्गदर्शन भी होना चाहिये।

प्रशिक्षण के दौरान प्रतिनिधि इण्डिया के डॉ0 मजहर रशीदी, राज्य पेयजल स्वच्छता मिशन की संचार विशेषज्ञ डॉ0 सीमा कुमार तथा विश्व बैंक संगठन से राकेश कुमार यादव ने अपनी प्रबुद्ध वार्ताए प्रदान की है। प्रभारी/सहायक निदेशक, डॉ० योगेन्द्र कुमार तथा संकाय सदस्य, मोहित यादव द्वारा भी प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजित करने में योगदान दिया जा रहा है।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor