कार्य में देरी करने एवं अधोमानक सामग्री का उपयोग करने वाले ठेकेदारों/कार्यदायी संस्थाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी जायेगी-जयवीर सिंह

उत्तर प्रदेश,

कार्य में देरी करने एवं अधोमानक सामग्री का उपयोग करने वाले ठेकेदारों/कार्यदायी संस्थाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी जायेगी-जयवीर सिंह

न्यूज ऑफ इंडिया ( एजेन्सी)

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने सभी कार्यदायी संस्थाओं तथा विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि विभिन्न जनपदों में संचालित निर्माणाधीन परियोजनाओं को आगामी नवम्बर, 2023 तक पूरा करते हुए स्वीकृत धनराशि का शत-प्रतिशत उपयोग आगामी दिसम्बर तक सुनिश्चित करें। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को चेतावनी देते हुए कहा कि निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग पाये जाने पर संबंधित कार्यदायी संस्था तथा ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करते हुए एफआईआर दर्ज कराई जायेगी। उन्होंने अधूरी परियोजनाओं को गुणवत्ता एवं समयबद्धता के साथ पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने शिलान्यास एवं लोकार्पण के लिए तैयार परियोजनाओं की सूची उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये।

जयवीर सिंह आज यहां पर्यटन निदेशालय में पर्यटन विभाग की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की प्रगति तथा विभागीय क्रियाकलापों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं तथा क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारियों को निर्देश दिये कि निर्माण कार्य पूरा होने के तुरन्त बाद क्लोजर रिपोर्ट मुख्यालय को प्रेषित करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जब तक कोई परियोजना विधिवत स्वीकृत न हो उस पर पहले से कार्य शुरू न कराया जाए। ऐसा करने वाले संबंधित अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने जनपद स्तर पर आयोजित होने वाले मेले, महोत्सवों के लिए एक वार्षिक कलेण्डर तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इससे आम जनता को प्रदेश के विभिन्न जनपदों में आयोजित होने वाले पर्वों एवं उत्सवों, मेले आदि की जानकारी आसानी से प्राप्त हो सकेगी।

पर्यटन मंत्री ने निर्माण कार्यों की सिलसिलेवार समीक्षा करते हुए पर्यटन सूचना अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्र में निर्माण कार्यों का समय-समय पर निरीक्षण सुनिश्चित करें। निरीक्षण कार्य में उदासीनता अथवा लापरवाही पाये जाने पर उनकी जवाबदेही तय करते हुए कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारियों को निर्देश दिये कि पर्यटन नीति-2022 में चिन्हित 12 पर्यटन परिपथों से संबंधित एवं अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों, जिनका सम्पर्क मार्ग जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, उसके चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं उच्चीकरण के प्रस्ताव आगामी 24 मई तक प्रस्तुत करें। उन्होंने कालाकांकर भवन को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए निर्देश दिया। उन्होंने बटेश्वर में घाटों का निर्माण अटल जी की जन्मस्थली से संबंधित कार्यों एवं मंदिरों के पर्यटन विकास के लिए एकीकृत परियोजना तैयार करने के निर्देश दिये।

पर्यटन मंत्री ने उन्नाव स्थित चन्द्रिका देवी मंदिर से संबंधित परियोजनायें तथा घाट एवं गेस्टहाउस का निर्माण को शीघ्र पूरा करने को कहा। गेस्ट हाउस के निर्माण में मिट्टी भराव के लिए अत्यधिक धनराशि व्यय करने से संबंधित प्रकरण को आज ही निस्तारित करने को कहा। इसके साथ ही 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की घटना से जुड़ी परियोजना का कार्य यथाशीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने पर्यटन स्थलों के इतिहास लेखन की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि इतिहास लेखन के समय उस स्थल का ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व तथा जनश्रुतियों के आधार पर पूरा विवरण दिया जाए, जिससे अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके। इसके साथ ही पुराने ऐतिहासिक भवनों, किलों, महल, गढ़ी जो मुख्य मार्ग से दूर हैं, उन तक पर्यटकों को पहुंचाने के लिए साइनेज लगाने के लिए एनएचएआई तथा लोक निर्माण विभाग के साथ समन्वय किया जाए। उन्होंने रेड सैन्ड स्टोन पर स्थल की डिजाइन एवं विवरण उकेरने के निर्देश दिए।

जयवीर सिंह ने अयोध्या में संचालित परियोजनाओं, प्रो-पूअर पर्यटन विकास योजनाओं, आईएनएस गोमती युद्धपोत की स्थापना, राज्य सेक्टर योजना के अंतर्गत स्वीकृत परियोजनाओं तथा शिलान्यास एवं लोकार्पण कराने की स्थित वाली योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की। प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने कार्यदायी संस्थाओं से निर्माण की गति तेज करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि लटकाने एवं भटकाने से काम नहीं चलेगा। लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही होगी, इसके अलावा वित्तीय एवं भौतिक प्रगति का निरन्तर समीक्षा की जायेगी।

इस अवसर पर विशेष सचिव पर्यटन ए0के0 पाण्डेय, निदेशक पर्यटन प्रखर मिश्र, पर्यटन सलाहकार जेपी सिंह सहित विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के पीएम/एपीएम क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी के अलावा उपनिदेशक दिनेश, कल्याण सिंह यादव आदि मौजूद थे।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor