श्री अन्न(मोटा अनाज) और गुड़ आधारित गुड उत्पाद स्वास्थ्य के लिये आवश्यक मिन्रल्स एवं विटामिन से होंगे भरपूर 

उत्तर प्रदेश,

श्री अन्न(मोटा अनाज) और गुड़ आधारित गुड उत्पाद स्वास्थ्य के लिये आवश्यक मिन्रल्स एवं विटामिन से होंगे भरपूर,

न्यूज ऑफ इंडिया (एजेन्सी)

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग / संजय आर. भूसरेड्डी की उपस्थिति में स्कॉलर हास्टल, कार्यालय आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, उ.प्र. मुख्यालय के सभागार में उ.प्र. गन्ना शोध परिषद, शाहजहाँपुर एवं सुचित्रा सिंह, ग्रेटर नोएडा के बाईरैक संस्था की सुचिता सिंह के मध्य एम.ओ.ए. (डव।) समझौता हुआ। जिसके तहत उ.प्र. गन्ना शोध परिषद, सुचित्रा सिंह को गुड़ एवं श्री अन्न आधारित मूल्यवर्धित उत्पादों के वैज्ञानिक ढ़ग से उत्पादन का तकनीकी ज्ञान, वैज्ञानिक सहायता और उत्पादों के प्रशिक्षण के लिए प्रयोगशाला आदि की बुनियादी संरचना उपलब्ध करायेगा।

उन्होंने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा मोटे अनाजों को बढ़ावा दिया जा रहा है तथा यू.एन.ओ. द्वारा यह वर्ष अन्तराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया गया है, तत्क्रम में लोगों की रोजमर्रा के जीवन में मूल्यवर्धित उत्पादों के रूप में मिलेट्स का उपयोग बढ़ाने हेतु उ प्र गन्ना शोध परिषद्, शाहजहांपुर और सुचित्रा सिंह, बाईरैक संस्था स्पर्श फैलोशिप के बीच एक अनुबंध किया गया हैै। उन्होंने बताया कि वर्तमान में महिलाओं विशेषकर किशोरियों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से अनेक बीमारियाँ हो रही है। पूर्व में मोटे अनाज जैसे-ज्वार, बाजरा, रागी आदि का सेवन हलवा, खिचड़ी आदि के रूप में बहुतायत से होता था जिससे भरपूर सूक्ष्म पोषक तत्वों की पूर्ति शरीर में होती थी। किन्तु अब यह आहार में सामान्य रूप से शामिल नहीं रहता है जिसके दृष्टिगत वर्तमान में इन मोटे अनाजों का प्रयोग आहार में बढ़ाने के दृष्टिकोण से यह श्री अन्नयुक्त गुड़ तैयार किया जा रहा है।

उन्होंनें कहा कि गुड़ स्वयं पौष्टिक एवं औषधीय गुणों से भरपूर है और मोटे अनाज के मिश्रण से इसका पोषण मूल्य और बढ़ जायेगा। गर्भवती महिलाओं में लौह तत्व की कमी की पूर्ति में श्री अन्नयुक्त गुड़ अहम भूमिका निभायेगा। ग्रामीण स्तर पर कुटीर उद्योग के रूप में श्री अन्नयुक्त गुड़ ग्रामीणों के पोषण विकार को दूर करने में मददगार होगा। ऐसे क्षेत्र जहां कुपोषण के कारण बच्चों एवं महिलाओं में स्वास्थ्य समस्या रहती है वहां यह उत्पाद पोषण विकार दूर करने में मददगार होगा। गुड़ एवं श्री अन्न के साथ-साथ अन्य औषधीय गुणों वाले मसाले आदि से तैयार किये यह उत्पाद बार, ग्रेन्यूल तथा पाउडर के रूप में छोटे-छोटे पैकेट/पैक में जन-सामान्य के लिये उपलब्ध कराया जायेगा जिससे उपयोग किया जाना सुलभ हो सके। (डव।) समझौते का विस्तृत प्रतुस्तीकरण सुचित्रा सिंह ने दिया। इसी क्रम में उन्होंने यह भी बताया कि गन्ना विभाग के अधीन गठित महिला स्वयं सहायता समूह की इन मूल्यवर्धित उत्पादों के निर्माण तथा विपणन में योगदान देकर लाभार्जन कर सकेगी।

कार्यक्रम में निदेशक, उ.प्र. गन्ना शोध परिषद, शाहजहाँपुर डा. सुधीर शुक्ल, अपर गन्ना आयुक्त, वी.के. शुक्ल, अपर गन्ना आयुक्त(समितियां) डॉ. वी.बी. सिंह, संयुक्त गन्ना आयुक्त(क्रय) विश्वेश कनौजिय एवं वैज्ञानिक अधिकारी शर्करा, डा. प्रियंका सिंह आदि उपस्थित रहे।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor