अली का जिक्र इबादत है,बार-बार करो,सरायअकिल के मुस्तफाबाद सादात में शनिवार रात आयोजित हुई शब्बेदारी

कौशाम्बी,

अली का जिक्र इबादत है,बार-बार करो,सरायअकिल के मुस्तफाबाद सादात में शनिवार रात आयोजित हुई शब्बेदारी,

यूपी के कौशाम्बी जिले के सरायअकिल थाना क्षेत्र के मुस्तफाबाद सादात गांव में हर साल की तरह इस साल भी अंजुमन कमर ए बनी हाशिम की जेरे परस्ती में शनिवार रात यौम ए गम मजलिसे अजा की शब्बेदारी आयोजित हुई। जिसमें गैरमुकामी अंजुमनों ने शिरकत कर नौहाख्वानी व सीनाजनी का नजराना ए अकीदत पेश किया।

शब्बेदारी में मजलिस की शुरूआत रिफाकत हुसैन और महताब हुसैन ने सोजख्वानी से किया। पेशख्वानी शाहिद मुस्तफाबादी, अबूतराब और हसन अतरसुइयावी ने किया। मजलिस को खेताब आली जनाब मौलाना सैयद वसीम असगर बनारसी ने किया। उन्होंने पढ़ा कि सखावत अगर देखनी है तो दरे अहलेबैत पर आकर देखो। राहिब ने रसूल अल्लाह (स.) से औलाद मांगी। लेकिन, उसकी किस्मत में औलाद नहीं थी। रसूल ने मना कर दिया। वहीं करीब में हजरत इमाम हुसैन (अ.स) बैठे हुए थे, उनसे उसकी उदासी देखी नहीं गई आप ने उसे सात औलाद अता किए।

मौलाना ने जब अली असगर के मसायब बयान किया तो अजादार अपने आंसुओं को रोक नहीं पाए और जारो कतार रोने लगे। मजलिस के बाद अंजुमन ने जुलूस बरामद किया। गैरमुकामी अंजुमनों ने नौहाख्वानी और मातम का नजराना ए अकीदत पेश किया। रायबरेली से आई अंजुमन दस्ता ए जैनुल एबा, आजमगढ़ की अंजुमन जाफरिया, सुल्तानपुर की अंजुमन अब्बासिया, फैजाबाद की अंजुमन गुंचए मजलूमिया, जलालपुर की अंजुमन अब्बासिया, सुल्तानपुर की अंजुमन जाफरिया, राला सादात की अंजुमन गुंचए असगरिया, जौनपुर की अंजुमन सज्जादिया और गाजीपुर की अंजुमन अब्बासिया ने अपने मखसूस अंदाज में नौहा ख्वानी व सीनाजनी की।

अंजुमन जाफरिया आजमगढ़ ने जंजीर करते हुए नजराना ए अकीदत पेश किया। जुलूस में अली असगर का झूला और जुलजनाह की शबीह बरामद की गई। निजामत नजीब इलाहाबादी ने किया। जुलूस में परचम की जियारत अब्बास इलाहाबदी ने कराई। करबला के परचम की जियारत कर अजादार गमगीन हो गए। तकरीर मौलाना सफदर रजा मुस्तफाबादी ने किया। खुसूसी नौहाख्वां अली शब्बर नौगवानी ने पुरदर्द अंदाज में नौहाख्वानी की। अजहर कलेक्शन ने शब्बेदारी यौम ए गम का लाइव टेलीकास्ट किया।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor