कौशाम्बी,
करारी कस्बे की रामलीला में सोमवार की रात राम जन्म, मुनि आगमन की लीला का किया गया मंचन,
यूपी के कौशाम्बी जिले के करारी कस्बे की रामलीला में सोमवार की रात श्री राम जन्म ,मुनि आगमन की लीला का मंचन किया गया। बुंदेलखंड क़े पात्रों का सुंदर अभिनय देख दर्शक भावविभोर हो उठे। पूरा पंडाल श्री राम के जयकारों से गूंजता रहा।
लीला प्रसंग के मुताबिक एक बार राजा दशरथ पुत्र की कामना को लेकर गुरु वशिष्ठ क़े पास गए। गुरु वशिष्ठ राजा दशरथ से पुत्रेष्टि यज्ञ कराते है। यज्ञ देव द्वारा तीनो रानियों को हवि (खीर ) खाने क़े लिए दिया जाता है। जिसके प्रभाव से समय आने पर मां कौशल्या क़े भवन में भगवान विष्णु चतुर्रभुज रूप में प्रकट होते है। पहले तो मां कौशल्या स्तुति करती है। इसके बाद मां क़े कहने पर भगवान शिशु रूप आकर रोना शुरू कर देते है। श्री राम सहित चारों भाइयों का जन्म की सूचना मिलते ही अयोध्या में हर्ष का महौल छा जाता है। पूरा पंडाल जय श्री राम क़े जयघोष गूंजने लगता है।
इसके बाद ऋषि विश्वामित्र यज्ञ करते हैं। राक्षस ऋषि विश्वामित्र के यज्ञ पर हमला करके विध्वंस करते हैं। ऋषियों के यज्ञ की रक्षा के लिए वह अयोध्या के राजा दशरथ से श्रीराम और लक्ष्मण को मांगने जाते हैं। राजा दशरथ पहले तो श्री राम-लक्ष्मण को साधारण इंसान समझकर मुनि क़े साथ भेजने से मना कर देते हैं। गुरु वशिष्ठ ने श्रीराम- लक्ष्मण को ब्रह्म का अवतार बताकर राजा दशरथ क़े डर को दूर करते हैं। इसके बाद राजा दशरथ यज्ञ की रक्षा क़े लिए श्रीराम-लक्ष्मण को मुनि विश्वामित्र क़े साथ सहर्ष जाने की अनुमति देते हैं।मुनि विश्वामित्र यज्ञ की रक्षा क़े लिए श्री राम-लक्ष्मण को लेकर वन की ओर प्रस्थान करते हैं।
इस मौके पर कमेटी के अध्यक्ष संजय जायसवाल, रमेश शर्मा, प्रबंधक ज्ञानू शर्मा, संरक्षक बच्चा कुशवाहा संजीत मोदनवाल, कल्लू राम चौरसिया, पवन शर्मा, किशोरी, मोहन, कमलेश अग्रहरि आदि लोग मौजूद रहे।