शस्त्र और शास्त्र दोनों धर्म रक्षा के लिए आवश्यक कारक- विश्वपति

कौशाम्बी,

शस्त्र और शास्त्र दोनों धर्म रक्षा के लिए आवश्यक कारक- विश्वपति,

यूपी के कौशाम्बी जिले के मूरतगंज विकासखंड के कासिया गांव में हिंदू जागरण मंच का शस्त्र पूजन का कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस मौके पर संगठन के प्रांतीय युवा मंच के अध्यक्ष विश्वपति बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता संगठन के जिलाध्यक्ष अवधेश नारायण शुक्ला ने किया।

इस मौके पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में शास्त्र एवं शास्त्र दोनों को जीवन का आवश्यक अंग माना गया है। शस्त्र और शास्त्र के जरिए ही धर्म की रक्षा व समाज की रक्षा की जा सकती है। पूर्व में भारतीय समाज के सभी वर्गों को गुरुकुल की शिक्षा दी जाती थी जहां पर सभी को धार्मिक पुस्तकों के साथ शस्त्र चलाने इस बात का द्योतक है कि हमारे प्राचीन भारत में शास्त्र एवं शास्त्र दोनों को मानव जीवन का अभिन्न अंग माना गया है। इसलिए अपने पूर्वजों के दिखाए गए आदर्शों पर हम सभी को चलना है समाज हुआ परिवार की रक्षा के लिए धर्म के रक्षा के लिए शस्त्र उठाना भी शास्त्रों में धर्म माना गया है।

इस मौके पर बोलते हुए संगठन के जिलाध्यक्ष अवधेश नारायण शुक्ला ने कहा कि धर्म रक्षा के लिए हमारे पूर्वजों ने कई बार शस्त्र उठाए हैं। धर्मो रक्षति रक्षिता यह वाक्य इस बात को चरितार्थ करता है कि धर्म स्थापना के लिए ऋषि मुनियों शास्त्र को धारण किया है। शस्त्र पूजन को हिंदू धर्म की एक धार्मिक पद्धति बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक हिंदू परिवार को वर्ष में दो बार घर में उपयोग में आने वाले शास्त्रों की पूजा करनी चाहिए।

इस मौके पर प्रमुख रूप से राजेश त्रिपाठी, अवधेश चंद्र, सुरेश चन्द्र, सुधीर मिश्रा, रजत पाण्डेय, शिखर मिश्रा, प्रकाश दुबे, राघवेंद्र द्विवेदी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor