उत्तर प्रदेश,
10 वर्षों में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश ने प्रत्येक क्षेत्र में बनाई नई पहचान: मुख्यमंत्री,
न्यूज ऑफ़ इंडिया ( एजेंसी)
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डबल इंजन सरकार के प्रयास से जिस प्रकार उत्तर प्रदेश आगे बढ़ा है, वह सबके सामने है। जनता की आशाओं व अपेक्षाओं के अनुरूप राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के कारण प्रदेश के लोगों को पहचान के संकट से मुक्ति मिली है। सुरक्षा का बेहतरीन मॉडल आज उत्तर प्रदेश में है। उत्तर प्रदेश दंगा मुक्त प्रदेश, सुरक्षित प्रदेश है। उत्तर प्रदेश विकास की नई गाथा लिख रहा है। यह नये भारत का नया उत्तर प्रदेश है।
मुख्यमंत्री रविवार को गोरखपुर में जागरण विमर्श-2024 ‘नए भारत का नया उत्तर प्रदेश’ का उद्घाटन करने के पश्चात इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम में साहित्यकार विश्वनाथ प्रसाद तिवारी तथा गीता प्रेस के ट्रस्टी देवी दयाल अग्रवाल जी को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 वर्ष पूर्व भारत में जगह-जगह उपद्रव होते थे। जनता में व्यापक असंतोष था। लोग भारत को संदेह की दृष्टि से देखते थे। भारत की सीमाएं सुरक्षित नहीं थी। विगत 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश ने प्रत्येक क्षेत्र में नई पहचान बनाई तथा नए भारत के रूप में स्वयं को प्रस्तुत किया है। दुनिया में भारत के पासपोर्ट की कीमत बढ़ी है। भारत का गौरव बढ़ा है। आप सभी को ऐसा ही विगत 07 वर्षों में उत्तर प्रदेश के बारे में देखने को मिला होगा। आज उत्तर प्रदेश का युवा तथा नागरिक देश और दुनिया में जहां कहीं जाता है लोग उसे सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। उत्तर प्रदेश का नाम सुनते ही व्यक्ति के चेहरे पर चमक देखने को मिलती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में मीडिया की अपनी भूमिका है, उसकी भूमिका को प्रत्येक स्तम्भ ने स्वीकार किया है। इसलिए चतुर्थ स्तम्भ के रूप में मीडिया को मान्यता भी दी गई। मीडिया अंतिम पायदान पर बैठे हुए व्यक्ति की आवाज संवैधानिक संस्थाओं तक पहुंचने में बड़ी भूमिका का निर्वहन करती है। शासन की विभिन्न योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने व उसके प्रति जागरूकता का प्रसार करने में भी मीडिया की बड़ी भूमिका होती है। दैनिक जागरण की प्रासंगिकता के बारे में इस प्रकार की चर्चा आज के दिन पर महत्वपूर्ण हो जाती है। गोरखपुर में दैनिक जागरण ने लगभग पांच दशक से मीडिया के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बनाए रखी है। यहां से उसका प्रकाशन प्रारम्भ हुआ। इस दौरान दैनिक जागरण समूह देश के एक बड़े सांस्कृतिक अभियान का हिस्सा भी रहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 जनवरी, 2024 को पूरी दुनिया ने एक नए भारत का दर्शन किया, जो अपनी संस्कृति व विरासत पर गौरव की अनुभूति कर, उसकी प्रतिष्ठा के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करता है। यह हम सभी को अयोध्या धाम में प्रभु श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के माध्यम से देखने को प्राप्त हुआ। यह समारोह दुनिया का अब तक का सबसे सफलतम आयोजन था। कोई भारतवासी ऐसा नहीं था जिसने इस दृश्य को अपनी आंखों से या फिर उसकी रिकॉर्डिंग का बार-बार अवलोकन न किया हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि के लिए लम्बा आंदोलन व अभियान चला था। इसकी परिणति के रूप में हमें 22 जनवरी, 2024 का दिन देखने को मिला, जब 500 वर्षों की प्रतीक्षा के पश्चात प्रभु श्री रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह उनके स्वयं के भव्य मंदिर में सम्पन्न हुआ। यह केवल प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन मात्र नहीं था बल्कि यह सांस्कृतिक भारत के गौरव की पुनप्र्रतिष्ठा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीतिक इकाइयां भले ही अलग-अलग रही हों, लेकिन एक सांस्कृतिक इकाई के रूप में उत्तर से दक्षिण तथा पूर्व से पश्चिम तक पूरा भारत, एक भारत के रूप में पहचाना जाता था। सांस्कृतिक रूप से कहीं कोई भेद नहीं था। यही कारण था कि आदि शंकराचार्य ने केरल से निकल कर भारत के चार कोनों में चार पीठों की स्थापना की। उत्तर में गंगोत्री से जल लेकर जब कोई शिव भक्त निकलता है, तो सुदूर दक्षिण में उस जल की प्रतीक्षा रामेश्वरम को रहती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कोई श्रद्धालु रामेश्वरम से जल लेकर चलता है, तो उस जल की प्रतीक्षा केदारपुरी में भी होती है। उत्तर से दक्षिण तथा पूर्व से पश्चिम भारत की सांस्कृतिक एकता के आधार भारत के अध्यात्म और शक्ति के केंद्रों पर एक समय शरारत पूर्ण तरीके से हमले किए गए, जिससे यह देश अपने सत्व को विस्मृत कर सके। स्वतंत्र भारत में भी कुछ लोगों द्वारा प्रयास किया गया कि भारत में यह सत्व जगने न पाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि जब श्री राम जन्मभूमि आंदोलन वर्ष 1984 के बाद प्रारम्भ हुआ, तो उस आंदोलन का नेतृत्व पूज्य गुरुदेव महंत अवैद्यनाथ जी महाराज ने किया। श्री राम जन्मभूमि आंदोलन की पूरी लड़ाई कई स्तरों पर लड़ी गई। सम्भवतः यह दुनिया का पहला ऐसा आंदोलन था, जब भारत की आत्मा के रूप में जाने जाने जाने वाले प्रभु श्री राम को अपनी जन्मभूमि के लिए प्रमाण जुटाने पड़े थे। उस समय सरकारें अलग थी, लेकिन दैनिक जागरण समूह बिना डिगे, बिना रुके, बिना झुके जन जागरण अभियान का हिस्सा बना रहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो सत्य है अंत में जीत उसी की होती है। भारत का उद्घोष सत्यमेव जयते सार्थक साबित हुआ। अयोध्या धाम में प्रभु श्री रामलला विराजमान हुए हैं। दुनिया ने सत्य और न्याय की लड़ाई को एक बार पुनस्र्थापित होते हुए देखा है। पूरे देश में जिस प्रकार का माहौल था, वह आम जनमानस की अभिव्यक्ति को प्रदर्शित करता है। स्वतः स्फूर्त भाव के साथ हर घर में दीप जल रहे थे। मोहल्ले में भंडारे तथा राम नाम संकीर्तन कार्यक्रम चल रहे थे। आतिशबाजी भी हो रही थी। जो लोग सामान्य दिनों में इन चीजों से बहुत दूर रहते हैं, वे लोग भी इस अभियान का हिस्सा बने हुए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी नए भारत के नए उत्तर प्रदेश में हैं। अयोध्या में प्रभु श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम नए उत्तर प्रदेश की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम था। अयोध्या नगरी दुनिया की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में स्थापित हो चुकी है। उन्होंने कहा कि आप सभी ने अयोध्या के वीराने को देखा होगा। एक बार नई अयोध्या को जाकर देखिए। तंग सड़कें फोर लेन में बदल चुकी हैं। अयोध्या में एयरपोर्ट लोगों के लिए कल्पना थी, लोग प्रभु श्री राम के पुष्पक विमान की कथा सुनकर संतुष्ट हो जाते थे। आज वायु सेवाएं संचालित करने के लिए 821 एकड़ में अयोध्या का एयरपोर्ट बनकर तैयार हो चुका है। 12 से 14 फ्लाइट देश के अलग-अलग स्थान के लिए संचालित हो रही हैं । अयोध्या नगरी में बेहतरीन सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 जनवरी से आज तक लगभग 30 लाख श्रद्धालुओं ने अयोध्या में प्रभु श्री राम का दर्शन कर लिया है। पहले दिन ही इतने श्रद्धालु आए कि अयोध्या के व्यापारियों का सारा सामान बिक गया। इसके लिए अलग से व्यवस्था बनानी पड़ी। आप अनुमान कर सकते हैं कि अयोध्या किस ओर जा रही है। हर व्यक्ति नई अयोध्या की आभा को देखकर अभिभूत है। यह अवसर एक दिन के लिए नहीं हजार वर्षों के लिए है। व्यापारियों, होटल मालिकों आदि लोगों से वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य नियंत्रण में रखने को कहा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का इन्फ्रास्ट्रक्चर देश में सबसे अच्छा इन्फ्रास्ट्रक्चर माना जा रहा है। भारत में एक्सप्रेस वे का सबसे अच्छा संजाल उत्तर प्रदेश में है। प्रदेश में सबसे अच्छी एयर कनेक्टिविटी है। प्रदेश में वर्तमान में अयोध्या, वाराणसी, कुशीनगर, लखनऊ में 04 इंटरनेशनल एयरपोर्ट सहित 09 एयरपोर्ट संचालित हो रहे हैं। हम 02 एयरपोर्ट से 09 एयरपोर्ट तक पहुंच चुके हैं। अगले कुछ महीनों में 10 अन्य एयरपोर्ट शुरू किए जाएंगे। हम जेवर में एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बना रहे हैं। इसे 5000 हेक्टेयर भूमि पर विकसित किया जा रहा है। वहां पर ट्रायल रन फरवरी महीने में ही किए जाने की संभावना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ,़ मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड तथा दिल्ली से इंटरस्टेट कनेक्टिविटी को बेहतर करने के साथ-साथ नेपाल से बेहतर सड़क संपर्क बनाया गया है। आज से 07 वर्ष पूर्व एन0सी0आर0 में दिल्ली और गुरुग्राम का इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा माना जाता था। आज दिल्ली सहित पूरे एन0सी0आर0 में नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा गाजियाबाद का इंफ्रास्ट्रक्चर सबसे अच्छा दिखाई देता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विगत 07 वर्षों में कोई दंगा नहीं हुआ है। अगले एक-दो वर्षों में लोग दंगों का नाम भी भूल जाएंगे। महिला अपराधों के दृष्टिगत अपराधियों को सजा दिलाने के मामले में सबसे अच्छी अभियोजन दर उत्तर प्रदेश में है। पुलिस को अच्छी अवस्थापना सुविधाओं तथा तकनीक आदि से जोड़ा गया है। भर्ती की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई गई है। प्रदेश सरकार द्वारा समयबद्ध तरीके से पर्याप्त मानव संसाधन उपलब्ध कराया गया है। इसके परिणाम हम सभी के सामने हैं। हम तकनीक का प्रयोग करके उन लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं, जो प्रदेश में अधिक से अधिक रोजगार व विकास के लिए आवश्यक होते हैं। वर्ष 2017 के पश्चात प्रदेश का माहौल बदला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में फरवरी, 2023 में पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की गयी। इसमें 40 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इस निवेश से एक करोड़ 10 लाख युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा। आज प्रदेश निवेश का महत्वपूर्ण गंतव्य बना है। इसमें से 10 लाख करोड़ रुपए निवेश की ग्राउंड ब्रेकिंग इसी माह कराने की तैयारी है। प्रदेश का ईज आफ डूइंग बिजनेस 14 वें स्थान से प्रथम स्थान प्राप्त करने की ओर अग्रसर है। आज प्रदेश देश की छठी अर्थव्यवस्था से दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बन चुका है। अगले 05 वर्षों में राज्य को देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करना है। इस दृष्टि से प्रदेश में प्राकृतिक संसाधनों के साथ साथ अन्य अनुकूल परिस्थितियां उपलब्ध हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश की बेरोजगारी दर 19 प्रतिशत से अधिक थी, आज यह घटकर दर 02 प्रतिशत रह गई है। इसका अर्थ है कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार व नौकरियां प्रत्येक क्षेत्र में प्राप्त हुई हैं। प्रदेश का युवा स्वावलंबन की ओर अग्रसर हुआ है। इसके लिए तकनीक का उपयोग सहित अनेक रिफॉर्म करने पड़े। व्यवस्था को काफी हद तक नौकरशाही की जकड़न मुक्त बनाना पड़ा। इसके लिए सरकार को स्वयं को तैयार करना पड़ा। लैण्ड बैंक बनाना पड़ा। अलग-अलग सेक्टर की नीतियां तैयार करनी पड़ीं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में निवेशकों के लिए देश का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म निवेश मित्र पोर्टल कार्य कर रहा है। अब निवेशकों को कार्यालय का चक्कर नहीं काटना पड़ता। राज्य में एम0ओ0यू0 की मॉनिटरिंग के लिए भी एक पोर्टल तैयार किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा पॉलिसी के दायरे में रहकर निवेशकों को इन्सेंटिव वितरण के लिए एक पोर्टल की व्यवस्था की गई है। इन सभी कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए भी एक अलग से सिस्टम तैयार किया गया है। इसके अंतर्गत 100 युवाओं को अलग-अलग निवेशकों और उद्यमियों के साथ इस व्यवस्था के अंतर्गत जोड़ा गया है, जिससे वह इसकी रिपोर्ट प्रत्येक महीने तथा ऑनलाइन फीडबैक प्रदेश सरकार को उपलब्ध कराएगा। यह सभी युवा स्वतंत्रता पूर्वक क्षेत्र में तैनात होकर कार्य कर रहे हैं। उनके कार्यों की निरंतर समीक्षा होती रहती है। सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के कारण ही प्रदेश को बड़ी मात्रा में निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो रहे हैं। आज के दिन देश और दुनिया का प्रत्येक निवेशक प्रदेश में आना चाहता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में रोजगार के अनेक अवसर सृजित हो रहे हैं। नये भारत का नया उत्तर प्रदेश प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उनके सर्वांगीण विकास का मार्ग भी प्रशस्त करते हुए देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में स्वयं को स्थापित कर तथा भारत की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनकर प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप भारत की अर्थव्यवस्था को अगले तीन वर्षों में 05 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने में अपना योगदान देने में बड़ी भूमिका का निर्वहन करेगा। इसके दृष्टिगत प्रदेश पूरी मजबूती के साथ कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बेहतर सड़क, रेलवे, एयर तथा इनलैंड वॉटरवे कनेक्टिविटी है। पहले उत्तर प्रदेश के बारे में कहा जाता था कि यह एक लैण्डलॉक राज्य है, क्योंकि इसकी सीमा किसी समुद्र से नहीं सटी है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इनलैंड वॉटरवे द्वारा वाराणसी को हल्दिया से जोड़ा गया। सरयू नदी के माध्यम से अयोध्या को इस रूट के साथ जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश में इनलैंड वॉटरवे अथॉरिटी गठित कर ली गई है। यह कार्रवाई तेजी के साथ आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरकार की ईमानदारी पूर्ण कार्य पद्धति के अच्छे परिणाम आते हैं। आज से सात वर्ष पूर्व जब प्रदेश के लोग बाहर जाते थे तो लोग बड़ी संदेश निगाहों से देखते थे। कुछ जनपद ऐसे थे जिनके नाम पर लोग होटल और धर्मशालाओं में कमरे भी नहीं देते थे। वहां के लोग यदि अपने जनपद की पहचान बता देते थे तो लोग किराए पर मकान नहीं देते थे। युवाओं के सामने पहचान का संकट था। हर तबके के सामने प्रदेश के बाहर पहचान का संकट था। हर दूसरे, तीसरे दिन प्रदेश में दंगे होते थे। व्यापार चैपट हो चुका था। प्रदेश में पहले से लगे उद्यम बंद होते जा रहे थे। विकास की स्थिति तार-तार हो चुकी थी। प्रदेश में बिजली की स्थिति दयनीय थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष कोरोना कालखण्ड के बावजूद 33 करोड़ पर्यटक प्रदेश में आए थे। अयोध्या में प्रभु श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात पर्यटकों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि होने की संभावना है। इससे टैक्सी, होटल, रेस्टोरेंट, सामान्य मार्केट आदि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। टूरिस्ट गाइडों को अवसर प्राप्त होगा। हम लोग अलग-अलग सेक्टर में कुछ नया देने में सफल होंगे। काशी विश्वनाथ धाम, अयोध्या धाम, प्रयागराज, बौद्धसर्किट सहित धार्मिक तथा आध्यात्मिक पर्यटन गंतव्यों को डेवलप करने के कारण प्रदेश में सेवा क्षेत्र में अपार संभावनाएं सृजित हुई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज गोरखपुर के साहित्यकार विश्वनाथ प्रसाद तिवारी तथा पिछले 100 वर्षों से सनातन हिंदू धर्म के साहित्यिक प्रचार के माध्यम से देश दुनिया के हर घर तक भारत के वैदिक साहित्य को पहंुचाने का केंद्र गीता प्रेस के ट्रस्टी देवी दयाल अग्रवाल को सम्मानित किया गया। इन दोनों ने साहित्यिक जगत की बड़ी सेवा की है। श्री विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने साहित्य के लेखन में तथा देवी दयाल अग्रवाल जी ने साहित्य के प्रचार-प्रसार व पिं्रटिंग में उल्लेखनीय योगदान किया है।