कलयुग का कल्पवृक्ष है श्रीमद्भगावत कथा :संत राजेंद्र जी महाराज

कौशाम्बी,

कलयुग का कल्पवृक्ष है श्रीमद्भगावत कथा :संत राजेंद्र जी महाराज,

यूपी के कौशाम्बी जिले में प्राचीन हनुमान मंदिर कादीपुर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह भक्ति ज्ञानयज्ञ के पावन पवित्र तृतीय दिवस के पावन बेला में वृंदावन से पधारे व्यास जी महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत की कथा कलयुग में कल्पवृक्ष के समान है इसके छत्रछाया में जो भी मनुष्य कामना के साथ श्रवण करता है उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

मोक्ष के कामना से मोक्ष की ,प्राप्ति होती है प्रभु के चरणों में प्रेम प्राप्त करने के लिए श्रवण करने से प्रेम की प्राप्ति होती है पुत्र प्राप्ति की कामना श्रवण करने से पुत्र की प्राप्ति होती है इसलिए इसको कल्पवृक्ष कहा जाता है।

आज के पावन कथा में भीष्म स्तुति के पावन प्रसंग में कहा कि भीष्म जी की इच्छा मृत्यु का वरदान था, लेकिन अपने प्राणों को उत्तरायण में छोड़ना चाहते थे लेकिन कृष्ण दर्शन की लालसा उनके जीवन में बनी थी कृष्ण के दर्शन करने के बाद अपने प्राणों को त्याग जब अपने बुद्धि का संबंध कृष्ण के साथ कर दिया जाता है तो उसकी बुद्धि सद्बुद्धि में परिवर्तित हो जाती है।

ध्रुव जी के पावन प्रसंग में कहा कि भक्त हो तो ध्रुव के समान भक्ति बालकपन से ही करना चाहिए तब भक्ति हमारी पुष्ट हो जाती है ध्रुव जी महाराज यमुना के पावन तट पर तपस्या करते समय सांसों को जब बंद किया तो देवताओं में खलबली मच गई स्वयं नारायण आकर के ध्रुव जी महाराज को दर्शन दिए ध्रुव की स्तुति करना चाहते हैं लेकिन करना नहीं जानते भगवान ने अपने वाद्य यंत्र शंक का कपोल में स्पर्श कराया संपूर्ण ज्ञान प्राप्त हो गया ।ध्रुव जी महाराज ने स्तुति किया भगवान से वरदान प्राप्त किया 36000 वर्ष तक राज्य किया पंचम स्कंद में जड़ भरत जी महाराज के पावन प्रसंग को श्रवण कराकर सभी को भाव विभोर किया।

मुख्य अजमान माता कुसुम त्रिपाठी पति स्वर्गीय पंडित रमेश चंद्र त्रिपाठी समस्त त्रिपाठी परिवार समस्त ग्रामवासी क्षेत्रवासी इस विशाल कथा का आनंद प्राप्त कर रहे हैं ।कल कथा में वामन जी महाराज का जन्मोत्सव श्री राम भगवान का जन्म महोत्सव एवं श्री कृष्ण जन्म बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाएगा आप सभी लोग कथा का श्रवण करे जीवन को धन्य बनाएं।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor