पशू क्रूरता विषय पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन,जेल अधीक्षक ने गौशालाओं में कैदियों द्वारा निर्मित ‘काऊ कोट किया वितरण

कौशाम्बी,

पशू क्रूरता विषय पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन,जेल अधीक्षक ने गौशालाओं में कैदियों द्वारा निर्मित ‘काऊ कोट किया वितरण,

यूपी के कौशाम्बी जिले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में अढोली, सरसवां में पशू क्रूरता विषय पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।इस अवसर पर शिविर में मुख्य अतिथि अपर जिला जज सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कौशाम्बी पूर्णिमा प्रांजल ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि मानव अपने सहयोग के लिए पशु-पक्षियों का उपयोग सदियों से करता आ रहा है बावजूद इसके भी मनुष्य पशुओं के प्रति क्रूर व्यवहार करने लगता है। जो कि उचित नहीं है।

मनुष्यों द्वारा पशुओं को या तो भूल से या जानबूझकर पीड़ा या नुकसान पहुँचाना, उपेक्षा करना, पशुओं की बुनियादी जरूरतों को पूरा न करना, मनोरंजन के लिए लड़ाना, अधिक भार लादना आदि क्रूरता की श्रेणी में आता है पशुओं को ऐसी क्रूरता या उत्पीड़न से बचाने के लिए पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960, बनाया गया एक ऐसा कानून है जिसका उद्देश्य जानवरों को अनावश्यक पीड़ा या कष्ट पहुंचाने से रोकना है।

इसमें जानवरों के साथ होने वाली क्रूरता और हत्या के अलग-अलग रूपों के बारे में चर्चा की गई है। इस कानून के तहत जानवरों के साथ अनावश्यक क्रूरता करने पर सज़ा का प्रावधान है।पशु हमारे अभिन्न सहयोगी हैं इसलिए हमें उनकी हर प्रकार से रक्षा करनी चाहिए। पशुओं के प्रति क्रूरता देखने पर, इसकी सूचना पुलिस या अन्य अधिकारियों को दें। स्वयं भी पशुओं के प्रति सम्मान दिखाकर एक अच्छा उदाहरण स्थापित करें और अपने बच्चों को जानवरों के प्रति सम्मान करना भी सिखाएं।

पशु चिकित्सक डा. अजय कुमार सिंह ने कहा कि पशु-पक्षियों के प्रति क्रूरता रोकने के लिए कानून का अपना अलग महत्त्व है लेकिन सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना एवं सामूहिक पहल भी जरूरी है जेल अधीक्षक अजितेश मिश्र ने कहा कि बच्चों को बचपन से ही प्रकृति और जानवरों के प्रति वात्सल्यपूर्ण संस्कार दिए जाने चाहिए। उन्हें प्रकृति के साथ जीना सिखाया जाए ताकि उनमें पशु-पक्षियों के प्रति स्नेह की भावना उत्पन्न हो। इससे निश्चित रूप से पशुओं के प्रति क्रूरता पर अंकुश लगेगा।

जेल अधीक्षक अजितेश मिश्रा द्वारा पशुओं गौवंशों को सर्दी से बचाने हेतु जिला जेल में कैदियों के द्वारा निर्मित काऊ कोट/कम्बल गौशालाओं में वितरित किया गया।

इस अवसर पर पशु चिकित्सक डा. अजय कुमार सिंह,जेल अधीक्षक अजितेश मिश्र, चीफ लीगल यदि डिफेंस कौंसिल अमित मिश्र, क्षेत्रीय लेखपाल रजत चौरसिया, राजू सिंह, पीएलवी संदीप सरोज सहित सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।

 

 

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor