कौशाम्बी,
मूरतगंज में समर कैंप बना हुनर की सीख,संस्कार और सृजन का संगम,48 विद्यालयों में विविध गतिविधियों से बच्चों का व्यक्तित्व निखरा, निपुण भारत मिशन को मिली गति,
यूपी के कौशाम्बी जिले के विकास खंड मूरतगंज में ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान आयोजित समर कैंप बच्चों के लिए केवल आनंद व मनोरंजन का माध्यम नहीं रहा, बल्कि यह रचनात्मकता, अभिव्यक्ति और अधिगम विकास का सशक्त मंच भी बना। शिक्षा विभाग द्वारा ब्लॉक के कुल 48 परिषदीय विद्यालयों में समर कैंप का आयोजन किया गया, जिसने शिक्षा को कक्षा की दीवारों से बाहर निकालकर जीवन से जोड़ा।इन शिविरों में बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और शैक्षिक संवर्धन, जीवन कौशल विकास, रचनात्मक लेखन, पुस्तक वाचन, समूह गतिविधियाँ, चित्रकला और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से अपने व्यक्तित्व की विविध छटाएं प्रस्तुत कीं।
समापन समारोहों के दौरान बच्चों ने आत्मविश्वास के साथ नाटक, लोकगीत, समूह नृत्य, कविता पाठ व भाषण जैसी रंगारंग प्रस्तुतियाँ दीं। इन प्रस्तुतियों ने अभिभावकों और शिक्षकों को गर्व से भर दिया। दर्शकों की बारंबार तालियों ने बच्चों का उत्साहवर्धन किया।
संविलयन विद्यालय परसरा में समर कैंप के अंतर्गत विद्यालय के प्रधानाध्यापक रविन्द्र नारायण मिश्र एवं समस्त शैक्षिक स्टाफ द्वारा बच्चों को श्रृंगवेरपुर धाम निषादराज पार्क का शैक्षणिक भ्रमण कराया गया। इस यात्रा ने विद्यार्थियों को व्यवहारिक ज्ञान और वास्तविक जीवन अनुभवों से परिचित कराया।
वहीं, उच्च प्राथमिक विद्यालय सैयद सरांवा में आयोजित समर कैंप के समापन समारोह की अध्यक्षता स्वयं खंड शिक्षा अधिकारी मूरतगंज श्री जवाहर लाल यादव ने की। उन्होंने बच्चों की प्रस्तुतियों की मुक्त कंठ से सराहना की और बच्चों को सीखने की प्रक्रिया को जीवनभर जारी रखने का संदेश दिया।
इस पूरी श्रृंखला के सफल आयोजन में डीएम मधुसूदन हुलगी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. कमलेंद्र कुमार कुशवाहा के निर्देशन में खंड शिक्षा अधिकारी जवाहर लाल यादव, एसआरजी ओमप्रकाश सिंह, डायट मेंटर प्रमोद कुमार भारती, एआरपी नरेश कुमार, शिक्षामित्र, अनुदेशक व अन्य शिक्षकों की सराहनीय भूमिका रही। अधिकारियों ने स्वयं विद्यालयों में पहुंचकर गतिविधियों की निगरानी की और बच्चों को प्रेरणास्पद मार्गदर्शन दिया।
समर कैंप के आयोजन में विद्यालय प्रबंध समिति, अभिभावकों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी से कार्यक्रमों को और अधिक समृद्धि मिली। समापन अवसर पर सभी प्रतिभागी बच्चों को पुरस्कार व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया तथा उन्हें आगे भी इस प्रकार की रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया गया।
इन शिविरों में आयोजित गतिविधियाँ निपुण भारत मिशन के उद्देश्यों के अनुरूप थीं और उन्होंने बच्चों की बुनियादी भाषा और गणितीय दक्षता को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह समर कैंप इस बात का प्रमाण है कि जब शिक्षा को रचनात्मकता, सहभागिता और संस्कारों से जोड़ा जाता है, तो वह बच्चों के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन जाती है।