भवंस मेहता महाविद्यालय में राजभाषा हिंदी सप्ताह के अंतर्गत कविता पाठ का हुआ आयोजन,छात्र छात्राओं को बताई गई राजभाषा हिंदी की महत्ता

कौशाम्बी,

भवंस मेहता महाविद्यालय में राजभाषा हिंदी सप्ताह के अंतर्गत कविता पाठ का हुआ आयोजन,छात्र छात्राओं को बताई गई राजभाषा हिंदी की महत्ता,

यूपी के कौशाम्बी जिले के भवंस मेहता महाविद्यालय , भरवारी में राजभाषा हिंदी सप्ताह 2025 के अंतर्गत कविता पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का आरंभ महाविद्यालय की वरिष्ठतम प्राध्यापिका प्रो. रूबी चौधरी एवं हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. प्रोफेसर विवेक कुमार त्रिपाठी एवं अन्य वरिष्ठ प्राध्यापकों द्वारा दीप प्रज्वलन एवं पुष्पांजलि अर्पण से हुआ।

कार्यक्रम के आरंभ में राजभाषा हिंदी की महत्ता को प्रतिपादित करते हुए महाविद्यालय के हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ. धर्मेंद्र कुमार अग्रहरि ने विद्यार्थियों को राजभाषा हिंदी से जुड़ने और उसे अपने जीवन मे अपनाने की बात कही।

महाविद्यालय की छात्र-छात्राओं में काव्य पाठ की प्रतियोगिता में बढ़- चढ़ कर हिस्सा लिया।काव्य पाठ में प्रतिभागियों में राजभाषा हिंदी, देशभक्ति, पर्यावरण संरक्षण , सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार आदि विविध विषयों पर अपनी कविताएं पढ़ी गईं ।

इस प्रतियोगिता में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा निशि प्रथम स्थान पर रही । बी .ए. प्रथम वर्ष के छात्र यवन एवं बी.एस.सी. प्रथम वर्ष की छात्रा प्रगति मिश्रा संयुक्त रूप से द्वितीय स्थान पर तथा बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा आयुष त्रिपाठी तृतीय स्थान पर रहीं।

महाविद्यालय की हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. विवेक कुमार त्रिपाठी ने छात्र-छात्राओं से हिंदी के व्याकरण एवं वर्तनी पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।

महाविद्यालय के हिंदी विभाग के डॉक्टर सी .पी. श्रीवास्तव ने कहा कि हिंदी हमारे राष्ट्र की अस्मिता की भाषा है ,पहचान की भाषा है। उन्होंने कहा की हिंदी ( खड़ी बोली) का प्रवेश कचहरी में 1900 ई. में होता है लेकिन हम आज इसी स्थिति में है कि पूरी दुनिया में लेकिन अपने आंतरिक बाल के कारण अपना परचम लहरा रही है। हिंदी अपने आंतरिक बल पर स्वतंत्रता संग्राम की भाषा बनी और बाद में हमारे संविधान निर्माताओ ने इसी राजभाषा का पद प्रदान किया। निश्चित रूप से हिंदी में वह शक्ति है जो अपने अस्मिता को बनाए हुए हैं जबकि इसे कई प्रकार के विरोध का सामना करना पड़ा है ।

अर्थशास्त्र की प्राध्यापिका प्रो. श्वेता यादव ने कहा की हिंदी हमारी पहचान की भाषा है, हिंदी अध्ययन अध्यापन की भाषा है । माना कि अभी कुछ पुस्तक मुख्य रूप से विज्ञान की हिंदी में उपलब्ध नहीं है लेकिन भविष्य में शायद यह समस्या नहीं रहे । कार्यक्रम का संचालन बीए प्रथम वर्ष के छात्र कार्तिकेय ने किया।

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रो. अरुण कुमार सिंह, प्रो. पंकज कुमार, , प्रो. सतीश चंद्र तिवारी, प्रो. विमलेश कुमार सिंह यादव, प्रो. योगेश मिश्र , डॉ. राहुल कुमार राय, डॉ . महेंद्र उपाध्याय, डॉ. दीपक कुमार डॉ. मनीष आदि उपस्थित रहे।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor