स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षण देने का काम कर रही है सहकार भारती:जे0पी0एस0 राठौर

उत्तर प्रदेश,

स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षण देने का काम कर रही है सहकार भारती:जे0पी0एस0 राठौर,

न्यूज़ ऑफ इंडिया ( एजेंसी)

स्वयं सहायता समूह में कार्य करने वाली महिलाओं में संघर्ष का जुनून है, उनके जज्बे को प्रणाम है। योजनाओं के क्रियान्वयन में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है, राशन कार्ड महिलाओं के नाम से बन रहे हैं। अगर खतौनी पुरुषों के नाम है तो घरौनी महिलाओं के नाम है। महिलाएं जागृत एवं शिक्षित होकर परिवार चलाने का बीड़ा उठा लें तो उसे कोई रोक नहीं सकता है। उक्त उद्गार सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर ने व्यक्त किए। वह सहकार भारती, उत्तर प्रदेश के स्वयं सहायता समूह प्रकोष्ठ की ओर से सहकारिता भवन के चौधरी चरण सिंह सभागार में आयोजित उन्नयन कार्यशाला में बोल रहे थे।

कार्यशाला में सहकारिता मंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ही आत्मनिर्भरता एवं स्वावलंबन का स्वप्न साकार होगा। केंद्र एवं प्रदेश सरकार महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। स्वयं सहायता समूह के माध्यम से इतनी संख्या में माताएं-बहनें जुड़ रही हैं। यह इस बात का संदेश है कि देश को कोई ताकत आत्मनिर्भर बनने से रोक नहीं सकती। निश्चित रूप से सहकारी संस्थाओं और स्वयं सहायता समूहों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। साहूकारों के चंगुल में फंसे किसानों को छुटकारा मिला है।

उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह को बैंकिंग से जोड़ना होगा। सहकारिता के क्षेत्र में अमूल-पराग जैसे बड़े उदाहरण हैं। स्वयं सहायता समूह को प्रशिक्षण की आवश्यकता है, जिसे सहकार भारती कर रही है।

उन्होंने आग्रह किया कि आप जज्बे से कार्य करें, प्रोडक्ट की क्वालिटी अच्छा रखें। आपको रुकना नहीं है, किसी जरूरत पर सरकार आपके साथ खड़ी है। स्वयं सहायता समूह को मार्केटिंग की आवश्यकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द सहकारिता विभाग मार्केटिंग एजेंसी बनाकर ऐसी सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। जिससे समूहों के बने प्रोडक्ट की बेहतर मार्केटिंग की जा सके। सहकारिता विभाग एवं सहकारी संस्थाएं प्रदेश के सहायता समूह के लिए समर्पित हैं।

इससे पूर्व सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीनानाथ ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र उपाध्याय, प्रदेश महामंत्री डॉ. प्रवीण सिंह जादौन और प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय प्रमुख मधुबाला शाबू के साथ दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यशाला का शुभारंभ किया।

सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीनानाथ ठाकुर ने कहा कि सृजन ही आर्थिक शक्ति का आधार होता है। सहयोग एवं प्रोत्साहन के आधार पर ही सहकारिता के क्षेत्र में कार्य किया जा सकता है। यदि हम स्वयं सहायता समूह की बात करें तो सर्वप्रथम यह प्रश्न आता है कि हमारे प्रोडक्ट का बाजार कहां है? सहकारी संस्था की आत्मा सहकारी मूल्यों पर आधारित व्यवस्था है। भारत की सबसे बड़ी शक्ति जनशक्ति है। यदि इसे अच्छा नेतृत्व और दक्ष लोगों का साथ मिल जाए तो अर्थतंत्र मजबूत हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो कुछ भी होता है तो उसका असर पूरे देश में होता है। हम हर गांव को सहकारी अर्थव्यवस्था वाला गांव बनाने का प्रयास करना चाहिए।
कार्यशाला में प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र उपाध्याय ने कहा कि स्वयं सहायता समूह का प्रमुख लक्ष्य गरीब लोगों के बीच नेतृत्व क्षमता का विकास करना है।

स्कूली शिक्षा में योगदान ग्रामीण भारत का सामाजिक आर्थिक विकास में योगदान, रोजगार उद्यमिता से गरीबी उन्मूलन में सहायक, स्वैच्छिक बचत एवं वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहन, श्रम आधारित नए रोजगार सृजन करने वाले क्षेत्रों में बढ़ावा देने में प्रमुख रूप से सहायक है। स्वयं सहायता प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष मधुबाला शाबू ने कहा कि विगत कुछ वर्षों में देखा जाए तो सरकार व सहकार भारती जैसी सामाजिक संगठनों के माध्यम से इसमें महिलाएं बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं, जिससे समाज में उनकी स्थिति में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। सहकार भारती पूरे प्रदेश में निरन्तर ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन कर रही है जिससे समाज का आर्थिक उन्नयन हो सके।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor