उत्तर प्रदेश,
सीएम योगी ने 51 दिवंगत पत्रकारों के आश्रितों को दिया 10-10 लाख रु0 की धनराशि का प्रतीकात्मक चेक,
न्यूज़ ऑफ इंडिया ( एजेन्सी)
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के रूप में मीडिया सीमित साधनों के साथ जान की परवाह किये बिना प्रतिबद्धता के साथ लोकतांत्रिक मूल्यों को आगे बढ़ा रहा है। कोरोना संक्रमण से हो रही जनहानि से पत्रकार भी प्रभावित हुए। प्रदेश में मान्यता प्राप्त पत्रकारों में से 103 कोरोना संक्रमण से दिवंगत हुए। इनमें से अनेक पत्रकार अपने परिवार के लिए एकमात्र सहारा थे। कोरोना कालखण्ड में केन्द्र व राज्य सरकार ने प्रत्येक तबके के कल्याण के लिए कुछ न कुछ उपाय किये। राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण से दिवंगत पत्रकारों के आश्रितों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया। विगत वर्ष ऐसे 50 आश्रितों को यह धनराशि उपलब्ध करायी जा चुकी है। आज 51 आश्रितों को यह धनराशि प्रदान की जा रही है।
सीएम योगी अपने सरकारी आवास पर कोरोना संक्रमण से दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को आर्थिक सहायता धनराशि वितरण कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने 51 दिवंगत पत्रकारों के आश्रितों को 10-10 लाख रुपये की धनराशि का प्रतीकात्मक चेक प्रदान किया। उन्होंने कहा कि 53 दिवंगत पत्रकारों के आश्रितों को 10-10 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जानी थी। 02 दिवंगत पत्रकारों के आश्रितों का निधन हो जाने के कारण उन्हें धनराशि प्रदान नहीं की जा सकी है। उन्होंने निर्देश दिये कि इन दिवंगत आश्रितों के आश्रितों को धनराशि उपलब्ध कराने की कार्यवाही अवश्य हो जाये।
सीएम ने कहा कि दिवंगत पत्रकारों को उपलब्ध करायी जा रही धनराशि छोटी है, किन्तु शासन की ओर से एक सम्बल है कि संकट के समय में वे अकेले नहीं हैं। मीडिया परिवार के साथ ही, सरकार भी परिवार के रूप में ही साथ है। उन्होंने कहा कि हमारे कार्य क्षेत्र भले ही अलग-अलग हों, किन्तु लक्ष्य सबका एक ही लोकमंगल की कामना, राष्ट्रीय कल्याण की भावना है।
सीएम ने दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार उनके साथ है और उन्हें हर प्रकार का सहयोग प्रदान करेगी। जिनके बच्चे छोटे तथा निराश्रित होंगे, उन्हंे शासन की अन्य योजनाओं के साथ जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रकरणों जिनमें निराश्रित महिला पेंशन की कार्यवाही की जानी है, उसे सूचना विभाग अपने स्तर से आगे बढ़ाये। स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से आच्छादित करने की कार्यवाही की जाये। इस योजना में 04 हजार रुपये प्रतिमाह की धनराशि प्रदान की जाती है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पत्रकारों को सस्ते में अच्छी आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए गोरखपुर में एक मॉडल पर कार्य कर रही है, जिससे उन्हें आवास के लिए भटकना न पड़े। यह मॉडल सफल हो जाए तो हम हर महानगर में उस योजना को लागू करना चाहते हैं। इसके लिए सभी सम्पादकों की एक टीम बनाकर वही सुनिश्चित करे कि कौन लोग पात्र हो सकते हैं, जिससे सही लोगों को इसका लाभ प्राप्त हो जाए। इससे हर पत्रकार जो लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करते हुए सर्दी, गर्मी, बरसात, बीमारी, दिन-रात की परवाह किये बिना लगातार रिपोर्टिंग करता है, वास्तविक तथ्यों से शासन-प्रशासन को अवगत कराता है, उनके लिए आश्रय की व्यवस्था की जा सके।
सीएम ने कहा कि भारत का मीडिया स्वतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध है। कोरोना कालखण्ड में मीडिया ने अच्छा कार्य किया। कोरोना संक्रमण के प्रति स्वयं अनुशासन दिखाया। साथ ही, प्रवासी श्रमिकों की रिपोर्टिंग, आमजन को कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक करने, विभिन्न प्रकरणों में शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। राज्य सरकार ने कोरोना वैक्सीन आने के बाद पत्रकारों के वैक्सीनेशन के लिए अलग से बूथ लगवाये। कोरोना वैक्सीनेशन में हेल्थ वर्कर्स के पश्चात कोरोना वॉरियर्स के रूप में पत्रकारों को प्राथमिकता दी गयी।
सीएम ने कहा कि दुनिया विगत 03 वर्षाें से सदी की सबसे बड़ी महामारी की चपेट में है। दुनिया में इसकी कई लहरें आ चुकीं हैं और फिर से इसकी आहट सुनाई दे रही है।
कार्यक्रम को मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन अपर निदेशक सूचना अंशुमान राम त्रिपाठी ने किया।इस अवसर पर प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद, निदेशक सूचना शिशिर, सम्पादक-पत्रकारगण सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।