सांवरी सूरत पर मोहन दिल दीवाना हो गया..संग ‘गाथा’ की मनभावन प्रस्तुति

प्रयागराज,

सांवरी सूरत पर मोहन दिल दीवाना हो गया..संग ‘गाथा’ की मनभावन प्रस्तुति,

लोक धुनों से सजे लोकगीत मनभावन तो होते ही है साथ ही साथ उद्देश्य परक भी होते है। बगैर लोकगीतों के देश के लोक की सम्प्रेषणीयता शून्य हो जाएगी और जब नाजुक रिश्तों में किसी बात को रखना हो तो लोकगीतों में उसकी सम्प्रेषणीयता बेमिसाल हो जाती है। इसकी खूबसूरत बानगी शनिवार को सायं 4:00 बजे स्थानीय उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र में देखने को मिली जब स्वर्ग रंगमण्डल के लोक कलाकारों ने ‘गाथा’ कार्यक्रम की मनभावन प्रस्तुति दर्शकों के समक्ष मंचित की।

गाथा में गीतों का चयन इस खूबसूरती से किया गया कि बगैर किसी लाग लपेट के दर्शकों की निरन्तर तालियां कार्यक्रम की सफलता का बयान कर रही थी। लोकगीतों की कर्णप्रिय ध्वनियों और समापन में होली गीत साँवरी सूरत पर मोहन दिल दिवाना हो गया. पर लोकनृत्य की सप्तरंगी छटा दर्शकों को लुभाती रहीं।

स्वर्ग रंगमण्डल द्वारा प्रस्तुत ‘गाथा’ के तहत प्रस्तुत हुये लोकगीतों की सुमधुर प्रस्तुति ने प्रेक्षागृह में आए कला रसिको एवं सुधिजनों के हृदय के तारों को झंकृत किया। साथ ही लोकगीतों की धुनों पर भावों से सराबोर कर देने वाले लोकनृत्यों ने भी कार्यक्रम में समा बांध दिया।

प्रस्तुति की शुरूआत देवी गीत के साथ करते हुए कलाकारों ने विभिन्न अवसरों पर गाए जाने वाले पारंपरिक लोकगीतों में गंगा गीत, पराती गीत, चैती, कजरी, बसंत गीत होली गीतों के साथ कृष्ण के संग हंसी ठिठोली के साथ ही उनके मोहक रंग-रूप के रूपक प्रेम गीत की रसधार से सभी को मोहित किया।

कार्यक्रम का संचालन कृष्ण कुमार मौर्य ने किया, कार्यक्रम संयोजन शिव प्रकाश सरस्वती का रहा। इस ‘गाथा’ कार्यक्रम की रूपरेखा एवं निर्देशन लोक नाट्य विद अतुल यदुवंशी ने किया प्रस्तुति में प्रिया मिश्रा, शिल्पी यदुवंशी, श्रद्धा देशपाण्डे, शिवानी कश्यप, अनन्या मोहिले, शान्ता सिंह सहित नीरज अग्रवाल, धीरज अग्रवाल, सचिन केसरवानी, मनोज कुमार, संदीप शुक्ला, आर्यन मोहिले एवं शुभम श्रीवास्तव ने स्वर प्रदान किए। लोकनृत्य का निर्देशन प्रिया मिश्रा ने किया जिसमें जूही दुबे, सरगम लता, तुन सोनकर आदि ने मंच पर प्रस्तुति दी।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor