राम में यदि विज्ञान जैसी शक्ति होती तो रामभद्राचार्य अस्पताल न जाकर राम मंदिर जाते:स्वामी प्रसाद मौर्य

कौशाम्बी,

राम में यदि विज्ञान जैसी शक्ति होती तो रामभद्राचार्य अस्पताल न जाकर राम मंदिर जाते:स्वामी प्रसाद मौर्य,

यूपी के कौशाम्बी जिले में रविवार को राष्ट्रीय बौद्ध महोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा पर जमकर भड़ास निकाली,स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा पर जबानी हमला बोलते हुए कहा कि पहले सत्ता पक्ष के लोगो से काम लेने के लिए विपक्ष काला झंडा दिखाता था और आज भाजपा स्वामी प्रसाद मौर्य से इतनी डरी हुई है कि उसको रोकने के लिए सत्ता पक्ष के लोग काला झंडा दिखा करे है।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने रमा मंदिर के बारे में बोलते हुए कहा कि विज्ञान और भगवान में बहुत अंतर है,उन्हीं कहा कि रामभद्राचार्य बीमार है उनको राम मंदिर जाना चाहिए था,लेकिन वह बीमार होने के बाद अस्पताल पहुंच गए।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं,लेकिन आज भी हमारे देश की राष्ट्रपति को मंदिर जाने से रोक दिया गया,क्योंकि वह आदिवासी समाज की हैं,वही 2017 में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी राजस्थान के पुष्कर मंदिर में जाने से रोक दिया गया था, क्योंकि वह भी दलित थे।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने की सराहना की,उन्होंने कहा कि देर आए लेकिन दुरुस्त आए।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा वाले अखिलेश यादव की कोठी को पहले गौमूत्र से और फिर गंगा जल से धुलवाये हैं,क्योंकि वह यादव है और अहीर समाज में पैदा हुए है।

वहीं उन्होंने कहा कि हिन्दू राष्ट्र की मांग करने वाले लोग इस देश को गुलाम करना चाहते हैं, देश को बांटना चाहते हैं,बाबा साहेब के संविधान को यह खत्म करना चाहते हैं, 5 किलो, 10 किलो राशन देकर वह सभी को उनके ऊपर आश्रित बनाने में लगे हुए है, पर वोट देने वाले उनके इस 5 किलो चावल और 10 किलो राशन से सतर्क रहें।

हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा काला झंडा दिखाए जाने पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि डबल इंजन सरकार पर भारी पड़ रहे हैं, इसीलिए सत्ता पक्ष के लोग मुझे काला झंडा दिखा रहे हैं, क्योंकि, भाजपा को डर है कि उनकी खटिया खड़ी बिस्तर कोई गोल कर सकता है तो वह स्वामी प्रसाद मौर्य है।

मीडिया द्वारा राम मंदिर को लेकर किए गए सवाल पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि रामभद्राचार्य जी को राम मंदिर जाना चाहिए था. क्योंकि, वह जीवन मृत्यु से जूझ रहे हैं, वहां जाते तो उनका इलाज हो जाता,भगवान राम की कृपा हो जाती, लेकिन वह मंदिर न जाकर अस्पताल पहुंच गए, इसका मतलब विज्ञान सच है,विज्ञान की ताकत यही है, अगर यह ताकत भगवान राम में होती तो वह मंदिर गए होते, न कि अस्पताल।

लालकृष्ण आडवाणी को भारतरत्न दिए जाने के सवाल पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि सरकार को यह समझ बहुत देर में आई है,राम मंदिर के उद्घाटन अवसर पर रामलला के प्रकरण के नायक आडवाणी जी को नहीं पूछा गया, शायद इस भूल को सुधारने के लिए भारत सरकार ने आडवाणी जी को भारत रत्न की उपाधि दी है,आडवाणी जी एक बड़े नेता है,उनका एक लंबा राजनीतिक संघर्ष है, अभी भी वह सक्रिय राजनीति में थे,देश की सरकार ने उनको सक्रिय राजनीति से बाहर किया, प्रायश्चित स्वरूप भारत रत्न की उपाधि दीवह स्वागत योग्य है,लेकिन सरकार ने अपनी गलतियों को समझा और प्रायश्चित कर भारत रत्न दिया,हम समझते हैं कि भाजपा वाले देर आये लेकिन दुरुस्त आए।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor