निजी अस्पताल में इलाज के दौरान महिला की हुई मौत,हंगामे के बाद CMO ने दिया जांच का आदेश

कौशाम्बी,

निजी अस्पताल में इलाज के दौरान महिला की हुई मौत,हंगामे के बाद CMO ने दिया जांच का आदेश,

यूपी के कौशाम्बी जिले मे संचालित निजी अस्पताल मे महिला मरीज की मौत मामले ने स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही की पोल खोल दी है। अस्पताल के डॉक्टर पर 3 दिन पहले थाना पुलिस ने महिला तीमारदार की शिकायत पर छेड़खानी का केस दर्ज हुआ है।सीएमओ डॉ सुष्पेंद्र सिंह के अनुसार निजी अस्पताल को जनवरी 2024 मे रजिस्ट्रेशन न होने के चलते सीज़ कर दिया गया था। सीज़ अस्पताल मे मरीज के आपरेशन एवं मौत के मामले मे जांच के निर्देश दिये जा रहे है।

पिपरी थाना क्षेत्र के चलौली की रहने वाली सुनीता देवी पत्नी शंकर लाल को इलाज के लिए रविवार को तिल्हापुर मोड स्थित अरमान अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर मे भर्ती कराया गया। पति शंकर लाल ने बताया कि अस्पताल के डॉ निसार अहमद ने पित्त की थैली मे स्टोन बता कर आपरेशन करने को कहा। रविवार की रात सुनीता देवी का आपरेशन किया गया। आपरेशन के बाद मरीज के आपरेशन को डाक्टर ने सफल बता कर मरीज के ठीक होने की बात कही। लेकिन सुबह करीब 4 बजे मरीज की अचानक मौत हो गई। परिवार ने अस्पताल मे हँगामा करते हुये थाना पुलिस को तहरीर देकर कानूनी कार्यवाही की मांग की है।

अस्पताल के संचालक व डॉ निसार अहमद व 7-8 अज्ञात अस्पताल के गुर्गों पर पिपरी पुलिस ने क्राइम नंबर 114/24 मे धारा 147, 323, 504, 506, 354, एवं SC-ST की धारा 3(2)(va),3(1)(घ) मे केस दर्ज कर जांच शुरू की है। पीड़ित महिला रजना देवी (परिवर्तित नाम) ने थाना पुलिस को तहरीर देकर अस्पताल की OT (आपरेशन थ्रेटर) मे छेड्खानी का आरोप लगाया था। विरोध करने पर अस्पताल के डाक्टर व उसके 7-8 गुर्गों ने महिला व उसके देवर से मारपीट कर उसे प्रताड़ित किया। थाना पुलिस ने पीड़ित की फ़रियाद पर कार्यवाही नहीं की। पीड़ित महिला के मुताबिक, वह अपने भतीजे का इलाज कराने अस्पताल मे गई थी। जहां उसके भतीजे का आपरेशन बता कर उसके ओटी मे बुलाया गया। जहां उसके साथ छेड्खानी की गई। जिस पर पीड़ित ने अदालत की शरण लेकर आरोपी डाक्टर पर केस दर्ज कराया। केस दर्ज होने के बाद अस्पताल का डाक्टर बेखौफ अपने कारनामे को अंजाम दे रहा है।

CMO डॉ सुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि निजी अस्पताल का रजिस्ट्रेशन न होने के चलते जनवरी 2024 को सीज़ कर दिया गया था, हेल्थ डिपार्टमेन्ट टीम की द्वारा सीलिंग के बाद भी अस्पताल मे इलाज किया जा रहा था, इसकी जानकारी उन्हे नहीं है। यदि अस्पताल मे मरीज की मौत हुई है तो वह पुलिस को विधिक कार्यवाही के लिए स्वतंत्र कर रहे है। जांच टीम से संबन्धित अस्पताल के संबंध मे रिपोर्ट तलब की जा रही है।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor