कौशाम्बी,
खेतों में फसल अवशेष (पराली) जलाई तो लगेगा जुर्माना,सेटेलाइट से फोटो खींचकर वसूला जाएगा जुर्माना,
यूपी के कौशाम्बी जिले में किसानों द्वारा फसल अवशेष प्रबन्धन यथा-पराली/पुवाल/पैरा/ठूठ/गन्ना की पत्तियों एवं केले का तना इत्यादि फसल अपशिष्ट जलाये जाने से उत्पन्न हो रहे धुआं से वातावरण में पहले से विद्यमान विभिन्न गैसों के साथ कोलाइड बनने से वायु अत्यन्त ही प्रदूषित व जहरीली हो जाती है।
यह जानकारी उप कृषि निदेशक सतेन्द्र कुमार तिवारी ने देते हुए बताया कि शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार डीएम मधुसूदन हुल्गी ने जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में पैरा/पराली आदि जलाने वालों के विरूद्ध कार्यवाही सैटेलाइट रिमोट सेन्सिंग से प्राप्त सूचना के आधार पर रू0-2500 व रू0 5000 एवं रू0 15000 की दर से कुल 06 कृषकों के विरूद्ध जुर्माना लगाकर पर्यावरण क्षतिपूर्ति की वसूली की कार्यवाही की जा रहीं हैं।
बिना एस0एम0एस0 लगे कम्बाइन हार्वेस्टर मशीन से धान की कटाई करने वालें वाहन स्वामियों के विरूद्ध कार्यवाही के लिए राजस्व विभाग, पुलिस विभाग व कृषि विभाग सक्रिय है, 06 कम्बाइन हार्वेस्टर मशीन को सीज करने की कार्यवाही की गयी है। किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए प्रयास नहीं करनें वाले कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों व अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी है।
उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी अभयराज गुप्ता सिराथू व इन्द्रजीत यादव मंझनपुर को कठोर चेतावनी जारी किया गया है, सहायक विकास अधिकारी (कृषि),मनमोहन मिश्र, अरूण कुमार पटेल, देवेन्द्र प्रसाद पाण्डेय, भगौती प्रसाद मौर्य को मध्यावधि प्रतिकूल प्रविष्टि प्रदान किया गया है।आशीष कुमार पाल, योगेन्द्र सिंह पटेल, शिवभोला पाल, कृष्ण कुमार, अमित अग्रहरि, अनुराग सिंह, अनिल कुमार, टी0ए0सी0 को मध्यावधि प्रतिकूल प्रविष्टि व माह-नवम्बर, 2024 का वेतन अवरूद्ध एवं शशिकान्त पटेल, बी0टी0एम0, हरिनारायण, संयम सिंह, ए0टी0एम0 को कठोर चेतावनी व माह-नवम्बर, 2024 का एफ0टी0ए0 बाधित किया गया है।
उन्होंने जनपद के किसाने से अनुरोध किया है कि पराली न जलायें, पराली का उचित प्रबन्धन करें तथा एस0एम0एस0 लगे हार्वेस्टरों से ही धान की कटाई करायें। जिन किसान भाइयों के यहां पराली अधिक होती है वे अपने नजदीकी गौ-आश्रय केन्द्रों में पराली ले जाये व उसके बदले एक ट्राली गोबर की खाद ला सकतें हैं अथवा जनपद में उपलब्ध बेलर मशीन से पराली प्रबन्धन करें, इस प्रकार किसान अपने खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ा सकते हैं।
उन्होंने कड़े शब्दों में किसानों को चेतावनी दी है कि पराली जलाने वालों पर 02 एकड़ से कम भूमि पर रू0 5000 का जुर्माना एवं 05 एकड़ से ऊपर भूमि पर रू0 15000 का जुर्माना वसूला जायेंगा।