महाकुम्भ-2025 के दृष्टिगत यात्रियों एवं कल्पवासियों के स्वास्थ्य एवं यात्रा सम्बन्धी एडवाइजरी हुई जारी

कौशाम्बी,

महाकुम्भ-2025 के दृष्टिगत यात्रियों एवं कल्पवासियों के स्वास्थ्य एवं यात्रा सम्बन्धी एडवाइजरी हुई जारी,

उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश के क्रम में कौशाम्बी डीएम मधुसूदन हुल्गी ने बताया कि महाकुम्भ-2025 का आयोजन 13 जनवरी, 2025 से 26 फरवरी, 2025 के मध्य जनपद प्रयागराज में आयोजित किया जाना है।

महाकुम्भ मेला की अवधि के दौरान करोड़ों की संख्या में श्रद्वालु जनपद प्रयागराज में एकत्रित होगें। मेला क्षेत्र गंगा एवं यमुना नदी के किनारों पर लगभग 4200 हे0 के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। मेला क्षेत्र में दिन के समय तापमान कभी-कभी 9 डिग्री तथा रात्रि में लगभग 02 डिग्री तक हो सकता है। दिन में धूप न होने पर घने कोहरे की स्थिति भी बन जाती है। महाकुम्भ मेला अवधि में मेला परिक्षेत्र भगदड, अग्निकांड, डूबना, स्वास्थ्य संबंधी समस्या इत्यादि के प्रति संवेदनशील है। महाकुम्भ-2025 को दुर्घटनामुक्त बनाने के लिए सम्पूर्ण मेला परिक्षेत्र में प्रभावी आपदा प्रबन्धन का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया गया है। महाकुम्भ-2025 के दृष्टिगत यात्रियों एवं कल्पवासियों के स्वास्थ्य एवं यात्रा के सम्बन्ध में एडवाइजरी जारी की जाती है-

प्रयागराज पहुॅचने से पहले-

. महाकुम्भ मेला 2025 मोबाईल एप डाउनलोड करें और मेला की जानकारी प्राप्त करें।

. यात्रा से पूर्व निवास स्थान सुनिश्चित करें।

. बदलते मौसम के अनुसार कपड़े एवं खान-पान का सामान साथ रखें। गर्म एवं ऊनी वस्त्र साथ में अवश्य रखें।

. मौसम की पूर्व जानकारी हेतु मौसम विभाग (IMD) की वेबसाइट देखें। आपदा की पूर्व चेतावनी के लिए सचेत (SACHET@MAUSAM) मोबाइल एप डाउनलोड कर चेक करें।

. 60 वर्ष से अधिक आयु या पूर्व से बीमार व्यक्ति यात्रा से पहले स्वास्थ्य जांच अवश्य कराए। डॉक्टर की सलाह के उपरान्त ही यात्रा करें। पूर्व से बीमार व्यक्ति अपने चिकित्सक का परामर्श पर्चा एवं चिकित्सक का संपर्क नम्बर एवं चिकित्सक द्वारा लिखी गयी दवाईयां अपने साथ रखें।

. हृदय रोग, श्वास रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप से ग्रस्त रोगी यात्रा के समय विशेष सावधानी बरतें।

. यदि आप आयुष्मान कार्ड धारक है तो कृपया अपना आयुष्मान कार्ड साथ में रखे, जिससे कि आकस्मिकता की स्थिति में सरकारी एवं निजी चिकित्सालय में आयुष्मान योजना के अतर्गत मुफ्त इलाज प्राप्त हो सकें।

मेला क्षेत्र में स्नान एवं दर्शन के सम्बन्ध में-

. संगम क्षेत्र पहुँचने के लिए पैदल भी चलना पड़ सकता है, इसीलिए शरीर में पानी का स्तर बनाये रखने के लिए पानी/ORS का घोल पीते रहें। मेला क्षेत्र में अत्याधिक भीड़ की सम्भावना होने के दृष्टिगत गर्भवती महिलाएं विशेष सावधानी बरतें। बच्चों, वृद्धजनों एवं गर्भवती महिलाओं को अकेले स्नान ना करने दें। गहरे पानी में जाने से बचें।

. चप्पल-जूते का प्रयोग करें एवं कीचड़ वाले स्थान पर ना चलें।

. सिर दर्द होना, चक्कर आना, घबराहट होना, दिल की धड़कन तेज होना, उल्टी आना, हाथ-पांव व होठों का नीला पड़ना, थकान होना, सास फूलना, खाँसी होना अथवा अन्य लक्षण होने पर मेले में स्थापित निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र से तत्काल संपर्क करें।

. मधुमेह, हृदय रोग, सांस रोग से ग्रसित श्रद्धालु अपनी दवा निरंतर समय से लें।

. खाने से पहले और शौचालय उपयोग के बाद साबुन से हाथ अवश्य धोएं।

. प्रवास के दौरान खाद्य पदार्थों के प्रयोग में विशेष सावधानी बरतें तथा खुले व दूषित भोज्य पदार्थों के प्रयोग से बचें। धूम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन न करें।

. मेला क्षेत्र में मच्छरों से बचाव हेतु यद्यपि छिड़काव, धुंआ किया जाता है, फिर भी मच्छरों से बचने हेतु मच्छर रेपेलेन्ट भी साथ रखें।

कल्पवासियों के लिए दिशा-निर्देश

. सरकारी नल/वाटर एटीएम के पानी का उपयोग करें एवं खाने पीने के लिए उबालने के बाद ही प्रयोग करें। सब्जी, फल इत्यादि को अच्छे से धो कर ही सेवन करें।

. खाने से पहले और शौचालय उपयोग के बाद साबुन से हाथ अवश्य धोएं।

. सिर दर्द होना, चक्कर आना, घबराहट होना, दिल की धड़कन तेज होना, उल्टी आना, हाथ-पांव व होठों का नीला पड़ना, थकान होना, सास फूलना, खाँसी होना अथवा अन्य लक्षण होने पर मेले में स्थापित निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र से तत्काल संपर्क करें। मधुमेह, हृदय रोग, सांस रोग से ग्रसित श्रद्धालु अपनी दवा निरंतर समय से लें। गरम कपड़े, कंबल, रजाई पर्याप्त मात्रा में रखें। धूम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन न करें।

. हीटर, अलाव, इत्यादि का प्रयोग टेंट के अंदर ना करें। इससे आग लगने का खतरा हो सकता है तथा हानिकारक गैसो के एकत्र होने से स्वास्थ्य के लिए प्रतिकूल परिस्थितिया उत्पन्न हो सकती है।

आपात स्थिति में महाकुम्भ हेल्पलाइन-1920, पुलिस हेल्पलाइन 112, आपदा हेल्पलाइन 1077 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

 

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor