कौशाम्बी,
कौशाम्बी से ओमान गए युवक का शव पहुंचा गांव,बेटे का शव देख परिजनों सहित ग्रामीणों के छलक उठे आंसू,
यूपी के कौशाम्बी जिले में गरीबी और मुफलिसी में जीवन व्यतीत करने वाले एक बाप ने बेटे को साल भर पहले कर्ज लेकर गांव के ही एक व्यक्ति के द्वारा विदेश(ओमान) कमाने के लिए भेजा था।तीन माह से बेटे से संपर्क न हो पाने के कारण परिजन चिंतित और व्यथित थे।बुधवार को बेटे के परिजनों के पास गांव के प्रधान का फोन क्या और बताया कि बेटे का शव प्रयागराज के एस आर एन में रखा है जाकर ले लो। यह सुनते ही मृतक के परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई।पूरा परिवार हैरान और परेशान हो जाता है। परिजन प्रयागराज गए और बेटे का शव देखकर परिजनों में कोहराम मच गया।
परिजन अस्पताल के जिम्मेदारों से बेटे के बारे में जानकारी की तो मालूम चला कि बीते शाम युवक का शव छिवकी स्टेशन के समीप पड़ा मिला था। युवक के जेब से पासपोर्ट,आईडी कार्ड, सादा मोबाइल,और टिकट मिला है। प्रयागराज की पुलिस शव का पोस्टमार्टम करा चुकी थी। परिजन बेटे का शव गांव लाते हैं तो पूरा गांव उसे देखकर गमगीन हो गए।गांव में तरह तरह की चर्चाएं होने लगती है, नम आंखों से परिजनो ने मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया ।
करारी क्षेत्र के पिंडरा गांव के रहने वाले विपत सरोज के तीन लड़के उमेश,महेश,मुकेश तो एक बेटी लक्ष्मी है।परिवार का बोझ घर में पड़ा तो बाप ने एक वर्ष पूर्व गांव के ही रहने वाले नवाब से संपर्क किया।पेशे से नवाब लोगों को विदेश भेजवाने का काम करता है।इसके बाद नवाब विदेश में जाने के सारे नियम बताता है।बाप गांव के लोगों से तथा रिश्तेदारों से कर्ज लेकर धन इकट्ठा करता है।और घर के बड़े बेटे उमेश सरोज उम्र 24 वर्ष का पासपोर्ट बन जाने के बाद नवाब उमेश के बाप से 1 लाख 16 हजार रुपए लेने के बाद उसका चिकित्सकीय परीक्षण कराकर ओमान नामक देश के एक कंपनी में मजदूरी के काम में भेज दिया। विदेश जाने के बाद उमेश 08 माह तक घर वालों के संपर्क में था,इस दौरान उमेश ने परिजनों के खाते में दो बार में 20 हजार +6 हजार रुपए भेज दिया।इसके बाद उमेश का संपर्क परिजनों से टूट गया।उमेश के जेब से मिले टिकट के मुताबिक उमेश ओमान देश के एक एयरपोर्ट से बीते माह 18 जुलाई की रात्रि 1बजकर 15 मिनट पर प्लेन में बैठता है और भारत के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट मुंबई 5 बजकर 25 मिनट पर पहुंच जाता है।भारत आने के बाद भी उमेश का संपर्क परिजनों से नहीं हुआ।18 दिनों तक उमेश कहां था, कहां आया -गया ,कहां रहा।इसकी जानकारी परिजन को नहीं है। बुधवार की सुबह उमेश का शव प्रयागराज के छिवकी स्टेशन के कुछ दूरी पर मिला तो स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी।
सूचना मिलने पर पुलिस ने शव की तलाशी ली तो उसके जेब से पासपोर्ट,पर्स और एक छोटा सादा मोबाइल मिला। उमेश के पासपोर्ट के माध्यम से वहां की पुलिस ने मामले की जानकारी गांव के लेखपाल और ग्राम प्रधान को देते हुए शव का पोस्टमार्टम कराकर एस आर एन अस्पताल में रखवा दिया। ग्राम प्रधान व लेखपाल ने मामले की सूचना मृतक के परिजनों को देते हुए शव लाने की बात कही।
मृतक उमेश के टिकट के मुताबिक उसके साथ 20 किलो ग्राम वजन का एक बैग व 5 किलो ग्राम वजन का एक हैंड बैग था।जो गायब था।अब सवाल यह उठता है कि उमेश 3 माह से परिजनों के संपर्क में क्यों नहीं था।उमेश ने भारत आने पर इसकी सूचना घर वालों को क्यों नहीं दी। भारत आने के 18 दिनों तक उमेश कहां था, कहां आया- गया,इन सब सवालों के जवाब अभी दफन है।यदि निष्पक्ष जांच हुई तो कई राज खुल जाएंगे
रक्षा बंधन पर भाई को राखी भेजने की तैयारी में जुटी थी बहन लक्ष्मी
मृतक उमेश की इकलौती छोटी बहन लक्ष्मी ने बताया कि रक्षा बंधन पर्व से पहले उमेश को राखी भेजने की तैयारी में जानकारी जुटा रही थी।लक्ष्मी आगामी 09 अगस्त को रक्षा बंधन पर्व के अवसर वह अपने भाई को राखी भेजने की पूरी तैयारी कर चुकी थी।3 माह से भाई उमेश से संपर्क न हो पाने के कारण लक्ष्मी काफी चिंतित थी। लगातार वह भाई से संपर्क करने की कोशिश करती रही लेकिन उमेश का कहीं कोई सुराग नहीं लगा।भाई के प्रेम में लक्ष्मी बराबर उसके कुशल होने की कामना करती रही लेकिन उसके नसीब में भाई को राखी भेजना नहीं लिखा था।बुधवार को घर पर भाई उमेश का शव देखकर लक्ष्मी का सपना चकना चूर हो गया।वह रोते रोते बेहोश हो जा रही थी।