कौशाम्बी मेडिकल कॉलेज को मिली पहली देहदान बॉडी,मेडिकल छात्रों को पढ़ाई में मिलेगी सुविधा

कौशाम्बी,

कौशाम्बी मेडिकल कॉलेज को मिली पहली देहदान बॉडी,मेडिकल छात्रों को पढ़ाई में मिलेगी सुविधा,

यूपी के कौशाम्बी जिले में मेडिकल कॉलेज को शनिवार को पहली बॉडी दान में मिल गई है,यह देहदान बॉडी भरवारी के पास गुवारा निवासी राजेंद्र प्रसाद केसरवानी की है,जिन्होंने 3 अप्रैल 2025 को देहदान के लिए अपना रजिस्ट्रेशन मेडिकल कॉलेज में कराया था,जिनका निधन शुक्रवार की रात को हो गया है,परिजनों ने इसकी जानकारी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर हरिओम सिंह को दी और सुबह परिजनों ने अंतिम यात्रा निकालकर बॉडी को मेडिकल कॉलेज को सौंप दिया।

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर हरिओम सिंह ने बताया कि कौशाम्बी जिले में भरवारी कस्बा देहदान के लिए अत्यंत जागरूक है,जब से यह मेडिकल कॉलेज शुरू हुआ है,अभी तक हमारे यहां लगभग 10 लोग देहदान के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके है,वही शनिवार को राजेंद्र प्रसाद केसरवानी का निधन हो गया है,मेडिकल कॉलेज को पहली बॉडी दान में मिली है,जिससे अब मेडिकल कॉलेज के छात्र छात्राओं को मेडिकल की पढ़ाई करने में सुविधा मिलेगी।

उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान प्रत्येक 10 छात्र छात्राओं पर एक बॉडी की आवश्यकता होती है लेकिन इतनी बॉडी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। उन्होंने जिले के लोगो से अपील की है कि मृत्यु के पश्चात बॉडी को जलकर नष्ट करने के बजाय लोग मेडिकल कॉलेज को दान करे जिससे मेडिकल कॉलेज के छात्र छात्राएं उस बॉडी से पढ़ाई कर सके और डॉक्टर बनकर लोगो की सेवा कर सके।

उन्होंने मेडिकल कॉलेज को पहली देहदान बॉडी देने वाले स्वर्गीय राजेंद्र प्रसाद केसरवानी के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने हुए उन्हें धन्यवाद दिया है और आभार व्यक्त किया है।

भरवारी कस्बे से हुई थी देहदान की शुरुवात,अब तक 5 देहदानियो ने की आपकी बॉडी मेडिकल कॉलेज को दान.

भरवारी कस्बे के देहदानियों का नाम इतिहास में अमर हो गया है। इस देहदान की शुरुआत देहदानी रमाशंकर केसरवानी ने की थी,उनकी मृत्यु मई 2012 में हुई थी। उन्होंने मृत्यु से पूर्व ही अपनी बॉडी को मेडिकल कालेज प्रयागराज को दान कर दिया था। इनकी मुत्यु के बाद मेडिकल टीम उनकी बॉडी को ले गई थी, इनसे प्रेरित होकर डा.राजेंद्र साहू ने भी अपनी बॉडी का दान कर दिया था,डॉक्टर राजेंद्र साहू की मृत्यु जनवरी 2014 में हुई थी। इनके बाद 29 अक्टूबर 2020 को बद्री प्रसाद केसरवानी और 25 दिसंबर 2020 को देहदानी हरिश्चंद्र केसरवानी की मृत्यु हुई थी।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor