सास ससुर की हत्या की दोषी बहू को अदालत ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा,लगाया 50 हजार का अर्थदंड

कौशाम्बी,

सास ससुर की हत्या की दोषी बहू को अदालत ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा,लगाया 50 हजार का अर्थदंड,

यूपी के कौशाम्बी जिले के कोखराज थाना क्षेत्र के भरवारी कस्बे के नया बाजार में 14 वर्ष पूर्व हुए बहुचर्चित व्यापारी दम्पति हत्याकांड में सोमवार को कोर्ट ने दोषी बहू को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। इसके साथ ही दोषी बहू के खिलाफ 50 हजार रूपए का अर्थदंड भी अदालत ने लगाया है।

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता अनिरुद्ध मिश्रा ने बताया कि कोखराज थाना क्षेत्र के भरवारी कस्बे में 14 साल पहले 01 मई 2009 को व्यापारी केशव प्रसाद केशरवानी पुत्र रामस्वरूप वा उनकी पत्नी रामकली देवी की लाश उनके घर में ही एक चुल्ले से बंधी पाई गई थी। साढ़े 4 फुट ऊंचे चुल्ले से पौने 6 फुट ऊंचे व्यापारी दंपत्ति को लटकाने का प्रयास किया गया था दोनों के शव पूरी तरह से जमीन पर टिके हुए थे शरीर और कपड़े खून से लथपथ थे कई कमरों में खून के धब्बे पड़े हुए थे शरीर में कई जगह गंभीर चोट के निशान भी थे।

व्यापारी केशव प्रसाद केशरवानी पुत्र रामस्वरूप के बड़े बेटे सुशील केशरवानी की सूचना पर पुलिस ने थाना कोखराज की जनरल डायरी में मृत्यु की सूचना दर्ज करके पंचायतनामा की कार्यवाही की, तो पुलिस के हांथ में घटना का अहम सुराग मिला। मृतका रामकली देवी के ब्लाउज में व्यापारी केशव प्रसाद का लिखा एक पत्र मिला जिसमें उन्होंने अपने साथ होने वाली किसी भी अनहोनी घटना के लिए अपने छोटे लड़के संजीव कुमार उसकी पत्नी राममनी उर्फ रागिनी ससुर दूखी व साले साजन को जिम्मेदार बताया था। इसी कड़ी को जोड़ते हुए विवेचक ने विवेचना करते हुए चारों के खिलाफ आत्म हत्या के दुष्प्रेरण का आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया ।

दौरान मुकदमा कोर्ट ने पोस्ट मार्टम रिपोर्ट घटना स्थल की फोटो मृतक का पत्र गवाहों के बयान को संज्ञान में लेकर आरोपितों के खिलाफ हत्या का आरोप तय करके मुकदमे का विचारण शुरू किया। अपर जिला जज फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय आभा पाल की अदालत में चले इस मुकदमे में अपर जिला शासकीय अधिवक्ता अनिरुद्ध कुमार मिश्र ने कुल पांच गवाहों को कोर्ट में बुला कर गवाही कराई मुकदमा वादी के वरिष्ठ अधिवक्ता नर नारायण मिश्रा और दीप नारायण तिवारी ने भी दोहरे हत्याकांड के दोषी को कठोर से कठोर दंड देने की मांग की। दोनों ओर से की गई बहस को सुनने के बाद कोर्ट ने 25 जुलाई को व्यापारी दम्पति हत्याकांड के लिए उनकी बहू राममनी उर्फ रागिनी को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया था।

मुकदमे के दो आरोपी संजीव व उसके ससुर दूखी की दौरान मुकदमा मौत हो गई थी। जबकि तीसरे आरोपी साजन को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है।सोमवार को सज़ा सुनाने के लिए दोषसिद्ध राममनी उर्फ रागिनी को कोर्ट में जेल से तलब किया गया था ,शाम करीब पांच बजे अपर जिला जज फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय आभा पाल ने राममनी उर्फ रागिनी को उम्रकैद व 50 हजार रूपए के अर्थदंड की सज़ा सुनाई तो उसके आंसू छलक पड़े। कोर्टरूम में अपने बेटे से लिपट कर वह खूब रोई। कोर्ट की कार्यवाही पूरी होने के बाद रागिनी को सजायाबी वारंट के तहत सज़ा भुगतने के लिए जेल भेज दिया गया है।

 

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor