उत्तर प्रदेश,
5वी और 09वी पास युवकों ने हजारों लोगो के खाते से उड़ाए करोड़ो,दरोगा के खाते से गायब किए 31 लाख और पकड़े गए
यूपी के मिर्ज़ापुर जिले में साइबर टीम को एक बहुत बड़ी कामयाबी हाथ लगी है,सेवानिवृत्त दरोगा के खाते से 31 लाख रुपये गायब करने के आरोप में गिरफ्तार दो लोगों से पूछताछ के बाद कई गहरे राज खुले हैं। गिरफ्तार युवकों के खाते से 39 हजार से अधिक लोगों का डाटा बरामद हुआ है। गिरफ्तार आरोपियों के पास से आईएस, आईपीएस, जज व सेना के रिटायर्ड अधिकारी का डाटा भी बरामद हुआ है। दिलचस्प बात यह है कि गिरफ्तार एक आरोपी 5वी पास और दूसरा 9वीं पास है।दोनो आरोपी अब तक आरोपी हजारों बैंक खातों से लगभग 25 करोड़ रुपये गायब कर चुके हैं।
मिर्ज़ापुर जिले के चुनार थाना क्षेत्र के जलालपुर गांव निवासी सेवानिवृत्त दरोगा पुरनराम को 11 अगस्त को ट्रेजरी आफिस का कर्मचारी बताते हुए पेंशन बंद करने की बात कहते हुए कुछ जरूरी जानकारी मांगी गई। जहां सेवानिवृत्त दरोगा ने बेटे को फ़ोन देकर डिटेल देने को कहा, डिटेल के नाम पर आरोपियों ने जरूरी जानकारी एकत्रित कर ली और मोबाइल पर एनी डेस्क एप्प डाउनलोड कराया, उसके बाद 1900 पर काल कराकर यूपीसी कोड ले लिया।यूपीसी कोड के माध्यम से फ्रॉड कर 17 तारीख को नया सिम अलॉट करा लिया, जिसके बाद झारखण्ड से फ्रॉड कर बंगाल चला गया और वहां से 17 तारीख से 26 तारीख के बीच मे 31 लाख 73 हजार रुपये नेट बैंकिंग के माध्यम से दूसरे खाता में ट्रांसफर कर लिया। इस मामले में जब 26 अगस्त को बेटे ने पिता के खाते की जांच कराई तो 31 लाख रुपये गायब देखकर अवाक रह गए।वहीं इसको लेकर साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस ने झारखंड के रहने वाले मनीष कुमार साह निवासी हाजीपुर मीठा साहबगंज झारखंड व संतोष कुमार मंडल को गिरफ्तार करके छह लाख रुपये बरामद किए।गिरफ्तार दोनों आरोपियों के पास से पुलिस ने 5 मोबाइल फ़ोन बरामद किए हैं। आरोपियों के फ़ोन से 39 हजार लोगों का डाटा बरामद हुआ है। इनमें रिटायर्ड आईएस, आईपीएस अधिकारी, जज, बीडीओ, सेना के रिटायर्ड कर्मचारी का डेटा, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर बरामद हुआ है। इस गैंग में कई सदस्य है, जहां मुख्य आरोपी बात करता है। उसके बाद दूसरे आरोपी खाता उपलब्ध कराते थे और उन खातों में पैसा ट्रांसफर होता था। सिम उपलब्ध कराने से लेकर खाता उपलब्ध कराने वाले का शेयर फ्रॉड के पैसे में बनता था।
गिरफ्तार आरोपी मनीष कुमार साह ने 5 वीं तक पढ़ाई की हुई है, वहीं संतोष कुमार मंडल 9 वीं तक पढ़ा हुआ है। आरोपी डाटा लेने के बाद मूल स्थान से हटकर पटना या पश्चिम बंगाल में जाकर होटल से पैसा ट्रांसफर करते थे। इस गैंग के दो सदस्य गिरफ्तार हुए है,और 4 अभी फरार बताये जा रहे हैं।
आरोपी पैसे को एक खाते से दूसरे खाते फिर दूसरे से तीसरे खाते में ले जाकर एटीएम से पैसा निकाल लेते थे। शौक पूरा करने के लिए आरोपी इन पैसों का इस्तेमाल करते थे। इस गिरोह के सदस्य जामताड़ा से भी जुड़े हुए हैं। अब तक आरोपियों ने अनगिनत खातों से लगभग 25 करोड़ रुपये गायब कर चुके हैं।
साइबर सेल प्रभारी श्याम बहादुर यादव ने बताया कि आरोपी बड़ी ही सफाई से रिटायर्ड आईएएस व पुलिस प्रशासनिक अधिकारी, जज और सेना के कर्मचारियों का डाटा इक्कठा करने के बाद पेंशन बंद होने या जीवित प्रमाणपत्र के नाम पर फ़ोन करके एनी डेस्क, टीम विवर जैसे एप्प का प्रयोग करके नेट बैंकिंग के माध्यम से पैसा ट्रांसफर करते थे। गिरफ्तार आरोपी चार सालों से इस कार्य मे संलिप्त है। गैंग के चार और सदस्यों को गिरफ्तार करने का पुलिस प्रयास कर रही है।