कौशाम्बी,
मूरतगंज ब्लॉक के विद्यालयों में स्वच्छता, शिक्षण गुणवत्ता और नामांकन को लेकर जागरूकता अभियान शुरू,
शिक्षा का स्तर केवल पाठ्यपुस्तकों से नहीं, बल्कि वातावरण, अनुशासन और समर्पित प्रयासों से ऊंचा उठता है। इसी सोच को धरातल पर उतारने के उद्देश्य से कौशाम्बी जिले के मूरतगंज विकासखंड के विद्यालयों में एक व्यापक प्रेरक अभियान की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य विद्यालयों को शैक्षिक रूप से समृद्ध, स्वच्छ और बच्चों के अनुकूल बनाना है।
इस अभियान के तहत अभी कार्य पूर्ण नहीं हुए सभी अभिलेखीकरण है, बल्कि साथ ही साथ विद्यालयों को बेहतर दिशा देने हेतु खंड शिक्षा अधिकारी जवाहर लाल यादव के नेतृत्व में टीम अकादमिक रिसोर्स पर्सन के सदस्यों नरेश कुमार, प्रशांत त्रिपाठी, अवनीश कुमार मिश्र एवं शशिकला द्वारा क्षेत्रीय विद्यालयों का भ्रमण किया जा रहा है। इन भ्रमणों में शिक्षकों से संवाद कर उन्हें प्रेरित किया जा रहा है कि वे अपने विद्यालयों में स्वच्छता, टीएलएम (शिक्षण सहायक सामग्री) का सजीव प्रयोग, डिजिटल दस्तावेज़ीकरण, और नामांकन संवर्धन जैसे बिंदुओं पर गंभीरता से कार्य करें।
कक्षा-कक्षों को शैक्षणिक दृष्टि से समृद्ध बनाने हेतु सुझाव दिए गए हैं, दीवारों पर समय-सारणी, निपुण लक्ष्य तालिका, विषयवार चार्ट, रीडिंग कॉर्नर की स्थापना तथा गणित टूल किट का उपयोग जैसे नवाचारों को अपनाने की प्रेरणा दी गई है। इसके अतिरिक्त पुस्तकालय व वाचनालय को पुनः जीवंत करने की दिशा में भी चर्चा की गई।
सभी शिक्षकों को सलाह दी गई कि वे अधिगम स्तर के अनुसार बच्चों के लिए स्वयं टीएलएम तैयार करें, समय पर सभी रजिस्टर अपडेट रखें और सभी अभिलेखों को डिजिटल रूप से भी सुरक्षित रखें, जिससे बच्चों के आगमन पर पढ़ाई का समय प्रभावित न हो।
इस दौरान टीम द्वारा शिक्षकों को यह भी प्रेरित किया गया कि वे विद्यालय की कार्यशैली में टीम भावना को बढ़ावा दें, और 21 जून को प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हेतु पहले से ही तैयारी सुनिश्चित करें।
अभियान का एक महत्वपूर्ण पहलू घर-घर जाकर नामांकन के लिए प्रेरणा देना है। इस दिशा में नरेश कुमार (ARP हिंदी) द्वारा प्राथमिक विद्यालय काजीपुर के समस्त शिक्षकों की टोली बनाकर जिसमें रेशमा बेगम, अर्चना मिश्रा, ज्योति राय, राहुल कुमार कुशवाहा, किरण त्रिपाठी, शिखा त्रिपाठी, शिक्षक संकुल हुमैरा आज़म, चंद्रमुखी सिंह, अन्नपूर्णा त्रिपाठी, तरन्नुम ग़ज़ाला ने अभिभावकों से घर घर जाकर सम्पर्क स्थापित किया व बच्चों को एक जुलाई से नियमित रूप से विद्यालय भेजने का आह्वान किया।
नरेश कुमार एआरपी ने अभिभावकों, विशेषकर माताओं से संवाद स्थापित किया । अभिभावक शिक्षक सम्पर्क टीम में उन्होंने अपील की कि आज जब सरकारें शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाने हेतु प्रतिबद्ध हैं, तब समाज को भी आगे बढ़कर बेटियों की शिक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “आपके समय में शिक्षा एक संघर्ष थी, लेकिन आज यह अधिकार है इसलिए बेटियों के सपनों को पंख दें, उन्हें विद्यालय भेजें और आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत करें।”
यह अभियान अभी आरंभिक चरण में है, परंतु यह स्पष्ट है कि मूरतगंज का यह प्रयास न केवल विद्यालयों को बेहतर बनाने की दिशा में है, बल्कि समूचे समाज को शिक्षा के प्रति जागरूक और उत्तरदायी बनाने का संदेश भी दे रहा है।