भवंस मेहता विद्याश्रम भरवारी में “परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024” परीक्षा सकुशल संपन्न

कौशाम्बी,

भवंस मेहता विद्याश्रम भरवारी में “परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024” परीक्षा सकुशल संपन्न,

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के तहत नेशनल काउंसलिंग ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग यानी एनसीईआरटी के राष्ट्रीय मूल्यांकन निकाय द्वारा राष्ट्रव्यापी स्कूल शिक्षा सर्वेक्षण जिसका नाम परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 रखा गया है, 4 दिसम्बर 2024 को सकुशल संपन्न हुआ।

सीबीएसई एवं एनसीईआरटी ने कौशाम्बी जिले में शिक्षा के स्तर को सर्वेक्षण के माध्यम से सकुशल संपन्न कराने के लिए जिले के प्रतिष्ठित एवं सबसे पुराने एवं पढ़ाई के क्षेत्र में अपनी अलग से पहचान बनाने वाले सीबीएसई स्कूलों में प्रसिद्ध विद्यालय भवंस मेहता विद्याश्रम भरवारी को दी गई।

प्रधानाचार्य अनिल कुमार मिश्र ने जिला विद्यालय निरीक्षक,डायट प्राचार्या,डायट ट्रेनर, बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं अन्य जिला,प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अधिकारियों के साथ मिलकर अपने एवं जिले के अन्य स्कूलों के प्रशिक्षित एवं योग्य शिक्षकों की टीम द्वारा जिले के सरकारी एवं गैर सरकारी माध्यमिक,जूनियर एवं प्राइमरी स्कूलों के 110 कॉलेजों के कक्षा 3,6 एवं कक्षा 9 में पढ़ने वाले छात्रों के द्वारा जो केंद्र सरकार द्वारा चिन्हित किए गए थे, उन स्कूलों में परीक्षा के माध्यम से सर्वेक्षण किया गया।

जिले में उक्त परीक्षा को संपन्न कराने की जिम्मेदारी सीबीएसई द्वारा डीएलसी (जिला स्तरीय समन्वयक)के रूप में भवंस मेहता विद्याश्रम भरवारी के प्रधानाचार्य अनिल कुमार मिश्र को दी गई थी,जिसका निर्वहन उन्होंने बखूबी निभाते हुए संपूर्ण परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।परीक्षा संपन्न होने के उपरांत जिला स्तरीय समस्त अधिकारियों ने प्रधानाचार्य की कार्यकुशलता की सराहना करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।

ज्ञात हो कि इस वर्ष परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण देश भर के 782 जिलों के 75 हजार से अधिक स्कूलों एवं 22 लाख 94 हजार से अधिक छात्रों ने भाग लिया।इस सर्वे में छात्रों की एक परीक्षा ली गई, जिसके द्वारा उनके शैक्षिक स्तर की जांच की गई,इसके लिए छात्रों के लिए प्रश्नपत्र तैयार किए गए थे। जबकि शिक्षकों और स्कूल प्रशासन के लिए एक प्रश्नावली तैयार की गई थी इसका उद्देश्य प्रमुख विषयों में छात्रों के नॉलेज का आकलन करना, जेंडर, जगह और सामाजिक-आर्थिक ग्रुप्स के आधार पर उनके परफॉर्मेंस की तुलना करने, नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF-2023) के आधार पर सीखने के अंतर के बारे में बताना, सीखने की क्षमता को प्रभावित करने वाले कारकों की पहचान करना, साथ ही रिसोर्स का अलॉटमेंट करना और भविष्य के लिए नीतियों को आकार देना प्रमुख उद्देश्य था।प्रधानाचार्य महोदय ने परीक्षा संपन्न होने के उपरांत समस्त डॉक्यूमेंट्स को सीबीएसई द्वारा नामित अधिकारी को सौंपते हुए समस्त ऑब्जर्वर,फील्ड इनवेस्टिगेटर्स एवं संबंधित अन्य अधिकारियों को परीक्षा में सहयोग देने के लिए खुशी जाहिर करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor