जेल में निरूद्ध बंदियों तथा पात्र व्यक्तियों के आपराधिक मामलों में अपनी प्रतिरक्षा हेतु कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली की हुई स्थापना

उत्तर प्रदेश,

जेल में निरूद्ध बंदियों तथा पात्र व्यक्तियों के आपराधिक मामलों में अपनी प्रतिरक्षा हेतु कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली की हुई स्थापना,

न्यूज ऑफ इंडिया (एजेन्सी)

उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव संजय सिंह प्रथम ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार प्रदेश के 40 जनपदों में कारागार में निरूद्ध बंदियों तथा पात्र व्यक्तियों, जिन्हें आपराधिक मामलों में अपनी प्रतिरक्षा हेतु निःशुल्क विधिक सहायता हेतु कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली की स्थापना की गयी है। चीफ, डिप्टी तथा असिस्टेंट लीगल एड काउन्सिल की नियुक्ति की गयी है, ताकि न्यायालयों में विद्वान अधिवक्तागण द्वारा जरूरतमंद तथा पात्र व्यक्तियों को अपना पक्ष प्रस्तुत करने हेतु निःशुल्क सेवायें प्रदान की जा सके।

सदस्य सचिव ने बताया कि कानूनी सेवाओं को मजबूत करने तथा अधिक पेशेवर बनाने के लिए नालसा ने एक कानूनी सहायता वितरण आधारित मॉडल अर्थात ‘‘कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली’’ को दो वर्ष के लिए अपनाया है ताकि आपराधिक मामलों में सार्वजनिक रक्षक प्रणाली की तर्ज पर आम जन को कानूनी सहायता प्रदान की जा सके। एलएडीसीएस प्रणाली में चीफ, डिप्टी एवं असिस्टेंट काउन्सिल की सेवाओं के माध्यम से आमजन को कानूनी सहायता प्रदान की जायेगी।

सदस्य सचिव ने बताया कि ‘‘कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली’’ का उद्देश्य पात्र व्यक्तियों को आपराधिक मामलों में गुणात्मक और सक्षम कानूनी सेवाएं प्रदान करना है। आपराधिक मामलों में पेशेवर तरीके से कानूनी सहायता प्रणाली का प्रबंधन और कार्यान्वयन करना है। समाज के कमजोर और निर्बल वर्गों को प्रभावी और कुशल कानूनी सेवाएं प्रदान करने के लिए न्यायालय आधारित कानूनी सेवाओं को मजबूत करना है।

सदस्य सचिव ने बताया कि ‘‘कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली’’ में अनुसूचित जाति अथवा जनजाति के सदस्य, मनुष्यों और अवैध व्यापार में पीड़ित व्यक्ति, स्त्रियां और बच्चे, अंधेपन, कुष्ठ रोग, बहरापन, दिमागी कमजोरी आदि निर्योग्यता से ग्रस्त व्यक्ति एवं खानाबादोश व्यक्ति, सामूहिक आपदा, जातीय हिंसा, वर्गीय अत्याचार, बाढ़, अकाल, भूकम्प अथवा औद्योगिक आपदा से पीड़ित व्यक्ति, औद्योगिक कामगार, किशोर अपचारी अर्थात 18 वर्ष तक की आयु के बालक, अभिरक्षा में निरूद्ध व्यक्ति, सुरक्षा गृह अथवा मानसिक अस्पताल अथवा नर्सिंग होम में संवासित मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति तथा ऐसा व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय तीन लाख रूपये से कम वाले व्यक्ति पात्र होंगे।

सदस्य सचिव ने बताया कि एलएडीसीएस द्वारा जिले अथवा मुख्यालय में आपराधिक मामलों में विशेष रूप से कानूनी सहायता प्रदान करने का कार्य करता है। सभी सत्र न्यायालयों, विशेष न्यायालयों, मजिस्टेªेट न्यायालयों तथा कार्यकारी न्यायालयों में सभी विविध कार्यों सहित प्रतिनिधित्व, परीक्षण और अपील का संचालन किया जाता है। जिला न्यायालय/कार्यालय में उपस्थित होने वाले व्यक्तियों को उनकी प्रतिरक्षा हेतु कानूनी सलाह और सहायता प्रदान की जाती है। नालसा स्कीम के अन्तर्गत गिरफ्तारी से पूर्व अवस्था में कानूनी सहायता प्रदान की जाती है तथा फौजदारी मामलों में गिरफ्तारी पश्चात रिमांड स्तर पर, जमानत, विचारण तथा अपील दाखिल की जाती है। उन्हांेने बताया कि जनपद न्यायालय में स्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अथवा एलएडीसीएस के कार्यालय से अथवा टोल फ्री नं0 18004190234 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor