नुक्कड़ नाटक के जरिये फाइलेरिया की गंभीरता बता 10 से 28 अगस्त तक स्वास्थ्यकर्मी के सामने दवा खाने का दिया संदेश

कौशाम्बी,

नुक्कड़ नाटक के जरिये फाइलेरिया की गंभीरता बता 10 से 28 अगस्त तक स्वास्थ्यकर्मी के सामने दवा खाने का दिया संदेश,

यूपी के कौशाम्बी जिले में नुक्कड़ नाटक के जरिये फाइलेरिया की गंभीरता बता 10 से 28 अगस्त तक स्वास्थ्यकर्मी के सामने दवा खाने का संदेश और लोगो को जागरूक किया।लखनऊ से आई आकार फाउंडेशन की टीम ने करारी इंटर कालेज, श्री दुर्गा देवी इंटर कालेज एवं शहरी क्षेत्र मंझनपुर के आजाद नगर में प्रस्तुति देकर लोगो को जागरूक किया।

आईडीए राउंड में… सबको दवाई खिलाएंगे, हर एक को समझाएंगे… फाइलेरिया से बचाएंगे…सपने को सच बनाएंगे…देश खुशहाल बनाएंगे जैसे संदेशों के साथ शहर के तीन प्रमुख स्थानों पर नुक्कड़ नाटकों की प्रस्तुति गुरुवार को हुई । लखनऊ से आई आकार फाउंडेशन की टीम ने करारी इंटर कालेज, श्री दुर्गा देवी इंटर कालेज एवं शहरी क्षेत्र मंझनपुर के आजाद नगर में प्रस्तुतियां दीं । इन नुक्कड़ नाटकों के जरिये फाइलेरिया की गंभीरता बता कर अट्ठाइस अगस्त तक स्वास्थ्यकर्मियों के सामने ही दवा खाने का संदेश दिया गया । जिले के स्वास्थ्य महकमे ने स्वयंसेवी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के सहयोग से यह आयोजन कराया । नुक्कड़ नाटक के बाद लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा सेवन की शपथ भी दिलाई गई।

करारी इन्टर कालेज से नुक्कड़ नाटक का शुभारम्भ किया और जिसमे छात्रों ने अपने अध्यापको के साथ नाटक देखा । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुष्पेंद्र कुमार और जिला मलेरिया अधिकारी अनुपमा मिश्रा के दिशा निर्देशन यह आयोजन करवाया गया । उन्होंने बताया कि फाइलेरिया एक ऐसी लाइलाज बीमारी है जिसे हाथीपांव के नाम से भी जानते हैं। यह गंदगी में पनपने वाले फाइलेरिया संक्रमित क्यूलेक्स मादा मच्छर के काटने से होता है । इससे बचाव के लिए साल में एक बार तीन साल तक लगातार सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान के दौरान फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन अनिवार्य है। साथ ही संक्रमित मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग और घर के आसपास सफाई का रखा जाना जरूरी है। यह सभी संदेश नाटक के जरिये दिये गये । आयोजन में बीसीपीएम घनश्याम ने विशेष सहयोग किया ।

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि 10 से 28 अगस्त तक के अभियान में दवा का सेवन आशा कार्यकर्ता के सामने ही करना है । अगर उस समय घर पर उपलब्ध नहीं हैं तो आशा कार्यकर्ता के घर जाकर दवा उनके सामने ही खाएं। दो वर्ष से अधिक उम्र के प्रत्येक व्यक्ति को इस दवा का सेवन करना है। सिर्फ गर्भवती और अति गंभीर बीमार लोग दवा का सेवन नहीं करेंगे। बीपी, शुगर, थायरॉयड जैसी बीमारियों में भी दवा का सेवन करना है। इस बार एक से दो वर्ष के बच्चों को इसी अभियान के दौरान पेट के कीड़े मारने की दवा खिलाई जाएगी । उन्होंने बताया कि जनजागरूकता के लिए इंकार वाले इलाको में माइकिंग के जरिये भी लोगों से दवा सेवन की अपील कि जा रही हैं,जिसमे मंझनपुर अर्बन क्षेत्र सहित कनेली ब्लाक का भ्रमण कराया गया हैं।

मलेरिया इंस्पेक्टर रवि विश्वकर्मा ने बताया कि सामान्यतः फाइलेरिया में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं । बुखार, हाथ व पैर में दर्द या सूजन, पुरूषों के जननांग व उसके आसपास दर्द या सूजन और अंडकोष का सूजन ही इसके सामान्य लक्षण हैं।

मंझनपुर के आजाद नगर में नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति की गयी । नाटक के जरिये इस संदेश पर जोर दिया गया कि फाइलेरिया की दवा परजीवियो को मार देती है । मरते हुए परजीवियो के प्रतिक्रिया स्वरूप सरदर्द, शरीर में दर्द, बुखार, उल्टी और बदन में चकत्ते जैसी मामूली प्रतिक्रियाएं भी दिखती हैं । ऐसे लक्षण जिनमें नजर आ रहे हैं उन्हें घबराना नहीं चाहिए, बल्कि खुश होना चाहिए कि वह फाइलेरिया के संक्रमण से बच गये । ऐसे लक्षण आमतौर पर स्वतः ही समाप्त हो जाते हैं । इस मौके पर क्षेत्र की आशा दीदी तहसीन का विशेष सहयोग मिला।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor