कौशाम्बी,
धान की नर्सरी डालने से पहले भूमि एवं बीज का शोधन करे किसान,
यूपी के कौशाम्बी जिला कृषि रक्षा अधिकारी इन्द्रजीत यादव ने किसान भाईयों को सूचित किया है कि धान की नर्सरी का सीजन नजदीक आ रहा हैं, फसलों को रोगों एवं कीड़ों से बचाव के लिए भूमि एवं बीज शोधन अवश्य करें, क्योंकि बीज शोधन करने से फसलों में बीज जनित रोगों की समस्या नहीं आती।इसी प्रकार भूमि शोधन करने से भूमि में रोग और कीडों की समस्या समाप्त हो जाती हैं। गतवर्ष जिन कृषकों ने भूमि एवं बीज शोधन किया था उनकी फसलों में कोई रोग नहीं लगा।
उन्होने बताया कि बीज शोधन के लिए किसान भाई बीज को रात भर पानी में भिगोंने के बाद दूसरे दिन बीज को पानी से निकाल कर 2.5 से 3 ग्राम कार्वेण्डाजिम 50 प्रति० या थीरम 75 प्रति० अथवा 4 से 5 ग्राम टाइकोडर्मा प्रति किलोग्राम बीज की दर से 4 से 5 लीटर पानी में 10 ग्राम गुड़ के साथ घोलकर बीज में मिला दें, उसके बाद बीज को छाये में अंकुरित होने तक रख दें, तत्पश्चात बीज को नर्सरी के लिए प्रयोग करें।
इसी प्रकार भूमि शोधन के लिए 2.5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर टाइकोडर्मा या बिबेरिया बैसियाना 65 से 70 किलोग्राम सड़ी गोबर की खाद में मिलाकर एक सप्ताह के लिए छायेयुक्त स्थान में रखकर आवश्यकतानुसार पानी का छीटा मारते रहें। इसके बाद टाइकोडर्मा से मिली गोबर की खाद को फसल लगाने से पहले खेत में डालकर जुताई करा दें।
भूमि शोधन एवं बीज शोधन के लिए रसायन कृषि रक्षा इकाइयों पर 75 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध हैं। अधिक जानकारी के लिए किसान जिला कृषि रक्षा अधिकारी से मोबाइल नम्बर-9889609438 पर सम्पर्क कर सकतें हैं।