जल बचाया जा सकता है, बनाया नहीं जा सकता , कल के लिए जल बचाना हम सभी का दायित्व – अरुण तिवारी

उत्तर प्रदेश,

जल बचाया जा सकता है, बनाया नहीं जा सकता , कल के लिए जल बचाना हम सभी का दायित्व – अरुण तिवारी,

यूपी के बाराबंकी में जल बिरादरी व बिरजू संस्थान एवं जेबीएस इंस्टीट्यूट के तत्वावधान में भूगर्भ जल बढ़ाने को लेकर चौमासे की बरसात विषयक संगोष्ठी एवं पर्यावरण रक्षक सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में पर्यावरणविदों ने कहा कि कल के लिए जल” बचाना बहुत जरूरी है।

उत्तरकाशी, उत्तराखंड के पर्यावरणविद सुरेश भाई ने कहा कि जल बचाया जा सकता है, बनाया नही। इसलिए कल के लिए जल बचाएं, जिसकी शुरुआत हिमालय से होनी चाहिए। हमारा रक्षक, जीवनदायी हिमालय ही खतरे में है। दिल्ली के पर्यावरण विद, पानी पत्रकार अरुण तिवारी ने कहा कि जन बढ़ रहे हैं और हमारा वन घट रहा है, वन घटने पर जल की भारी त्रासदी होने की संभावना है।

गांधी पीस फाउंडेशन नई दिल्ली के पूर्व निदेशक रमेश शर्मा ने कहा कि प्रगतिशील समाज ने नदियों की धाराएं मोड़ दी, उनकी गोद मे कंक्रीट बढ़ रहे हैं जो यह नदिया असमय सूख रही हैं वहीं बारिश में तबाही भी लाती हैं।

अमेठी जल बिरादरी के अध्यक्ष पर्यावरणविद डॉ अर्जुन पांडेय ने कहा कि धरती की प्यास बुझाओ, ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ। यही कृत्य मनुष्य जीवन को बचा सकता है। कार्यक्रम में संघ के जिला कार्यवाह सुधीर तिवारी ने चौमासे की खेती, चौमासे की बरसात को भारतीय संस्कृति का हिस्सा बताया। वहीं कई विश्वविद्यालयों में कुलसचिव रहे प्रकृति प्रेमी पीएन प्रसाद ने छात्रों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया।

जवाहर नवोदय विद्यालय के पूर्व प्राचार्य व उपायुक्त एस राम ने बताया कि धरती पर मात्र तीन प्रतिशत पानी पीने योग्य है, उसका दोहन रोकना होगा। कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ विनय दास ने कहा कि पर्यावरण व जल संकट से जन जीवन पर संकट बढ़ेगा, इसको रोकना होगा।

तिलोई डिग्री कालेज के प्रोफेसर डॉ अभिमन्यु पांडेय ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही जेबीएस इंस्टीट्यूट की प्रबन्धक श्रीमती पूनम सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत व आभार व्यक्त किया। तथा कालेज में छात्रों की जल साक्षरता इकाई को स्थापित करने की घोषणा की।

कार्यक्रम का संचालन बाराबंकी जल बिरादरी के संयोजक व बिरजू संस्थान के अध्यक्ष रत्नेश कुमार ने किया। इस कार्यक्रम में जेबीएस इंस्टीट्यूट तिन्दुवानी के एचओडी सहदेव प्रसाद यादव व सभी प्रोफेसर फैकल्टी सहित बीएड, बीफार्मा डीफार्मा के लगभग 200 छात्र छात्राएं उपस्थित रही।

जल साक्षरता अभियान के इस कार्यक्रम में पर्यावरणविदों के साथ ही बाराबंकी जिले के कई समाजसेवियों, प्रकृति प्रेमियों को सम्मानित किया गया। एक पेड़ माँ नाम पौधरोपण अभियान में सक्रिय रहे साहित्यकार डॉ विनय दास, रेडक्रॉस के चेयरमैन शैलेंद्र सिंह, डॉ भीमराव अम्बेडकर मेमोरियल सेवा समिति के महासचिव राम औतार, जे एल भास्कर, रमेश चौधरी, गुलजार बानो व वरिष्ठ पत्रकार नितिन श्रीवास्तव, सतीश कश्यप, दिलीप श्रीवास्तव, पाटेश्वरी प्रसाद, चाइल्ड फ्रेन्डली स्कूल के प्रधानाचार्य विनोद कुमार, देव कुमार गुप्ता, पूर्व डीपीआरओ अनिल कुमार श्रीवास्तव, कवि सनत कुमार अनाड़ी सहित तीन दर्जन समाजसेवियों, प्रकृति प्रेमियों को पौधरोपण कार्य मे विशिष्ट योगदान के लिए सम्मान पत्र अंगवस्त्र सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सभी को औषधीय पौधे भी भेंट किया गया।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor